ETV Bharat / bharat

पेरूमल मंदिर से गायब हुए भगवान मुरुगा के 422 साल पुराने भाले - भगवान मुरुगा के दो छोटे भाले गायब

तमिलानाडु के पेरूमल मंदिर से भगवान मुरुगा का भाला गायब हो गया. यात्रा के दौरान 422 साल पुराना भाला गायब होने से लोगों में रोष है. नाथम पुलिस मामले की जांच कर रही है.

annual yatra of god muruga
annual yatra of god muruga
author img

By

Published : Jan 17, 2022, 1:33 PM IST

Updated : Jan 17, 2022, 1:41 PM IST

तमिलनाडु : कराईकुडी से पलानी मंदिर के धार्मिक अनुष्ठान के तहत निकाली गई यात्रा के दौरान भगवान मुरुगा के दो छोटे भाले गायब हो गए. इनमें से एक भाला सोने और दूसरा तांबे का था. पलानी में भगवान मुरुगा के सबसे पवित्र मंदिर है. इस मंदिर में पिछले 422 साल से वार्षिक अनुष्ठान के तहत यात्रा निकाले जाने की परंपरा है.

old ancient spears missing during annual yatra
भगवान मुरुगा की यात्रा पिछले 422 साल से निकाली जा रही है.

पिछली 13 जनवरी को भालों को साथ भगवान मुरुगा की यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में करीकुडी, पुदुकोट्टई और शिवगंगई के नागरथर समुदाय के लोग शामिल हुए. उनकी यात्रा 13 जनवरी को भी नाथम पहुंची. वहां के भगवान मरुगा पेरुमल मंदिर के पारंपरिक मंडपम में रहे. उनके भाले को मंदिर के गर्भगृह में चांदी के बक्से में रखा गया था. अगली सुबह भाला वहां नहीं मिला.

भगवान मुरुगा की तीर्थयात्रा बिना भाले के अकेले आगे नहीं बढ़ सकती है, मंदिर प्रबंधन ने आनन-फानन में दो भाले तैयार कराए और जुलूस शुरू किया. जुलूस आमतौर पर थाईपूसम से एक दिन पहले पलानी आता है. यह यात्रा 1601 से निकाली जा रही है. नाथम पुलिस मामले की जांच कर रही है.

पढ़ें : साइबर ठगों ने बुजुर्ग महिला से डाउनलोड कराया ऐप, फिर अकाउंट से उड़ाए 11 लाख रुपये

तमिलनाडु : कराईकुडी से पलानी मंदिर के धार्मिक अनुष्ठान के तहत निकाली गई यात्रा के दौरान भगवान मुरुगा के दो छोटे भाले गायब हो गए. इनमें से एक भाला सोने और दूसरा तांबे का था. पलानी में भगवान मुरुगा के सबसे पवित्र मंदिर है. इस मंदिर में पिछले 422 साल से वार्षिक अनुष्ठान के तहत यात्रा निकाले जाने की परंपरा है.

old ancient spears missing during annual yatra
भगवान मुरुगा की यात्रा पिछले 422 साल से निकाली जा रही है.

पिछली 13 जनवरी को भालों को साथ भगवान मुरुगा की यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में करीकुडी, पुदुकोट्टई और शिवगंगई के नागरथर समुदाय के लोग शामिल हुए. उनकी यात्रा 13 जनवरी को भी नाथम पहुंची. वहां के भगवान मरुगा पेरुमल मंदिर के पारंपरिक मंडपम में रहे. उनके भाले को मंदिर के गर्भगृह में चांदी के बक्से में रखा गया था. अगली सुबह भाला वहां नहीं मिला.

भगवान मुरुगा की तीर्थयात्रा बिना भाले के अकेले आगे नहीं बढ़ सकती है, मंदिर प्रबंधन ने आनन-फानन में दो भाले तैयार कराए और जुलूस शुरू किया. जुलूस आमतौर पर थाईपूसम से एक दिन पहले पलानी आता है. यह यात्रा 1601 से निकाली जा रही है. नाथम पुलिस मामले की जांच कर रही है.

पढ़ें : साइबर ठगों ने बुजुर्ग महिला से डाउनलोड कराया ऐप, फिर अकाउंट से उड़ाए 11 लाख रुपये

Last Updated : Jan 17, 2022, 1:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.