मैसूर : कोरोना संक्रमण पूरे भारत में तेजी से फैल रहा है. संक्रमण का प्रसार रोकने को कई उपाय अपनाए जा रहे हैं. इसी की एक बानगी है कर्नाटक के मैसूरु का बाइलाकुप्पे में स्थित बौद्ध शरणार्थी शिविर. यहां के बौद्ध भिक्षुओं ने कोरोना वायरस को बहुत हद तक दूर रखा है.
दरअसल, 1961 और 1969 में स्थापित पेरियापटना तालुक में बायलाकुप्पे में दो बौद्ध बस्तियां हैं. वे लगभग 19,000 निर्वासित तिब्बतियों का घर हैं. दिलचस्प बात यह है कि कोविड-19 मामले में शायद ही कोई केस एक्टिव है.
पेरियापटना तालुक के बाइलाकुप्पे क्षेत्र में, एक स्वर्ण मंदिर है, जो बौद्ध भिक्षुओं का घर है. इसे देखने के लिए दुनिया भर से बौद्ध भिक्षु यहां आते हैं.
पिछली बार लागू हुए लॉकडाउन के समय से ही यह बौद्ध शरणार्थी शिविर बंद है, जिसे अभी तक नहीं खोला गया है.
इस मंदिर को बंद हुए 400 दिन हो गए हैं, जिस कारण यहां एक भी कोरोना के मामले सामने नहीं आए हैं.