नई दिल्ली: दिल्ली की एनआईए अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के चार आतंकियों दानिश अंसारी, आफताब आलम, इमरान खान और ओबैद-उर-रहमान को आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया है. कोर्ट ने कहा कि इंडियन मुजाहिद्दीन देशभर में आतंकी हमले करवा रहा है. बता दें, मामले में आरोपित अन्य सात आतंकियों के खिलाफ भी कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है. जल्द कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद उन्हें भी दोषी ठहराए जाने की संभावना है.
छह जून 11 आतंकियों के खिलाफ तय हुए थे आरोपः अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक के कोर्ट में छह जून को हुई सुनवाई के दौरान उन्होंने माना कि 2012 में यासीन भटकल और मोहम्मद दानिश अंसारी सहित कुल 11 लोग भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश में शामिल थे. साथ ही साजिश को अंजाम देने की पूरी तैयारी और कार्ययोजना भटकल ने बनाई. भटकल और दानिश इसको अंजाम तक पहुंचाने में जुटे थे.
कोर्ट ने कहा कि भटकल की चैट से सूरत में परमाणु विस्फोट की साजिश का खुलासा होता है. उससे जब्त डिजिटल सामग्री की जिहाद के नाम पर उसने गैर मुस्लिमों की हत्या को सही ठहराने वाले लेख और वीडियो भी प्रसारित किए. यह लोग वहां से मुस्लिमों को निकालने के बाद बम विस्फोट करके भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहते थे.
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भटकल ने इस मामले में न सिर्फ साजिश रची, बल्कि विस्फोट के लिए आईईडी तैयार करने में भी मदद की थी. इसके अलावा कोर्ट ने मामले में तीन लोगों को राहत देते हुए उन्हें आरोपों से बरी कर दिया. बरी किए गए लोगों में राहत मंजर इमाम, आरिज खान और अब्दुल वाहिद सिद्दीबप्पा शामिल हैं. बता दें, इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने की है. एजेंसी ने जांच में यह भी आरोप लगाया है कि भारत में की गई आतंकी हरकतों में पाकिस्तान स्थित सहयोगियों के साथ स्लीपर सेल ने भी पूरी मदद की है.