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कोविड संकट अभी टला नहीं, ज्यादा खतरनाक हो सकती है तीसरी लहर : सीएसआईआर - ज्यादा खतरनाक हो सकती है तीसरी लहर

सीएसआईआर के महानिदेशक शेखर सी मांडे ने कोविड-19 के प्रति आगाह किया है. उनका कहना है कि महामारी की तीसरी लहर ज्यादा खतरनाक हो सकती है.

कोविड संकट
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Published : Feb 28, 2021, 9:37 PM IST

तिरुवनंतपुरम : वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक शेखर सी मांडे ने रविवार को आगाह किया कि कोविड-19 संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है और अगर महामारी की तीसरी लहर आती है तो उसके गंभीर परिणाम होंगे.

उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति से बाहर निकलने के लिए संस्थानों में लगातार सहयोग के साथ ही जलवायु परिवर्तन और जीवाश्म ईंधन पर अति निर्भरता से पैदा होने वाली संकटपूर्ण स्थितियों को टालना भी आवश्यक है. ऐसी संकटपूर्ण स्थिति से पूरी मानवता के लिए खतरा पैदा हो सकता है.

मांडे यहां राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (आरजीसीबी) द्वारा आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

कार्यक्रम का विषय 'कोविड-19 और भारत की प्रतिक्रिया' था.

संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए

उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अभी सामुदायिक प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने से दूर है और ऐसे में लोगों को वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए. इसके अलावा लोगों को सामाजिक दूरी तथा हाथों की सफाई जैसे उपायों का भी पालन करते रहना चाहिए.

उन्होंने आत्मसंतुष्टि के भाव को लेकर लोगों और वैज्ञानिक समुदाय को आगाह करते हुए कहा कि अगर महामारी की तीसरी लहर आती है तो वह उस चुनौती से कहीं अधिक खतरनाक स्थिति होगी जिसका अब तक देश ने सामना किया है. आरजीसीबी के निदेशक चंद्रभास नारायण ने डिजिटल कार्यक्रम का संचालन किया.

पढ़ें- कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण : को-विन2.0 पोर्टल पर एक मार्च से पंजीकरण

मांडे ने वैज्ञानिक समुदाय के सवालों का जवाब देते हुए उम्मीद जताई कि कोविड-19 टीके कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों के खिलाफ प्रभावी होंगे.

तिरुवनंतपुरम : वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक शेखर सी मांडे ने रविवार को आगाह किया कि कोविड-19 संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है और अगर महामारी की तीसरी लहर आती है तो उसके गंभीर परिणाम होंगे.

उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति से बाहर निकलने के लिए संस्थानों में लगातार सहयोग के साथ ही जलवायु परिवर्तन और जीवाश्म ईंधन पर अति निर्भरता से पैदा होने वाली संकटपूर्ण स्थितियों को टालना भी आवश्यक है. ऐसी संकटपूर्ण स्थिति से पूरी मानवता के लिए खतरा पैदा हो सकता है.

मांडे यहां राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (आरजीसीबी) द्वारा आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

कार्यक्रम का विषय 'कोविड-19 और भारत की प्रतिक्रिया' था.

संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए

उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अभी सामुदायिक प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने से दूर है और ऐसे में लोगों को वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए. इसके अलावा लोगों को सामाजिक दूरी तथा हाथों की सफाई जैसे उपायों का भी पालन करते रहना चाहिए.

उन्होंने आत्मसंतुष्टि के भाव को लेकर लोगों और वैज्ञानिक समुदाय को आगाह करते हुए कहा कि अगर महामारी की तीसरी लहर आती है तो वह उस चुनौती से कहीं अधिक खतरनाक स्थिति होगी जिसका अब तक देश ने सामना किया है. आरजीसीबी के निदेशक चंद्रभास नारायण ने डिजिटल कार्यक्रम का संचालन किया.

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मांडे ने वैज्ञानिक समुदाय के सवालों का जवाब देते हुए उम्मीद जताई कि कोविड-19 टीके कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों के खिलाफ प्रभावी होंगे.

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