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प्रज्ञान कॉन्क्लेव 2022 : नौसेना प्रमुख ने दिया तकनीक पर जोर

भारतीय नौसेना प्रमुख (Indian Navy Chief) एडमिरल आर हरि कुमार ने सैन्य प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए नए दृष्टिकोण की वकालत की है. वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

Admiral R Hari Kumar
एडमिरल आर हरि कुमार
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Published : Feb 3, 2022, 7:05 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय नौसेना प्रमुख (सीएनएस) एडमिरल आर हरि कुमार (Admiral R Hari Kumar) ने प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और अपनाने के लिए बड़ी छलांग की वकालत की है.

गुरुवार को प्रज्ञान कॉन्क्लेव 2022 में 'कंटूर ऑफ फ्यूचर वार्स एंड काउंटरमेजर्स' थीम पर बोलते हुए एडमिरल कुमार ने कहा 'मेरा मानना ​​​​है कि सैन्य प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए एक पोल-वॉल्टिंग अप्रोच ( pole-vaulting approach ) हमारे लिए विरोधी से आगे रहने के लिए आवश्यक है.'

उन्होंने सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज (CLAWS) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, 'आज, प्रौद्योगिकी में तेजी से सुधार हो रहा है जबकि लागत तेजी से गिर रही है. पूरी तरह से नए तरीकों से लड़ना और जीतना संभव हो सकता है.'

भारतीय नौसेना ने प्रौद्योगिकी के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए त्रिस्तरीय सेट अप स्थापित करने का कार्य एक वर्ष पहले ही पूरा कर लिया है ( three-tier set up to focus on the issue of technology).

एडमिरल आर हरि कुमार (Admiral R Hari Kumar) ने कहा कि 'युद्ध में प्रौद्योगिकी के महत्व को स्वीकार करते हुए इंडियन नेवी ने पिछले साल फरवरी में एनटीएसी, नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन (एनआईआईओ), और टीडीएसी से मिलकर एक तीन स्तरीय संगठन (three tier organisation) स्थापित किया है, जो जरूरी था.'

पढ़ें- हम भविष्य के संघर्षों की कुछ झलकियां देख रहे हैं : सेना प्रमुख

उन्होंने कहा कि 'यह सर्वविदित है कि भविष्य के युद्ध में तकनीक बहुत महत्वपूर्ण होगी. ऐसे में तेज गति से आला प्रौद्योगिकियों के विकास और समावेश को बढ़ावा देने वाले तंत्र को विकसित करना अनिवार्य हो जाएगा.' साथ ही उन्होंने सावधानी बरतने की बात कही.

नई दिल्ली : भारतीय नौसेना प्रमुख (सीएनएस) एडमिरल आर हरि कुमार (Admiral R Hari Kumar) ने प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और अपनाने के लिए बड़ी छलांग की वकालत की है.

गुरुवार को प्रज्ञान कॉन्क्लेव 2022 में 'कंटूर ऑफ फ्यूचर वार्स एंड काउंटरमेजर्स' थीम पर बोलते हुए एडमिरल कुमार ने कहा 'मेरा मानना ​​​​है कि सैन्य प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए एक पोल-वॉल्टिंग अप्रोच ( pole-vaulting approach ) हमारे लिए विरोधी से आगे रहने के लिए आवश्यक है.'

उन्होंने सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज (CLAWS) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, 'आज, प्रौद्योगिकी में तेजी से सुधार हो रहा है जबकि लागत तेजी से गिर रही है. पूरी तरह से नए तरीकों से लड़ना और जीतना संभव हो सकता है.'

भारतीय नौसेना ने प्रौद्योगिकी के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए त्रिस्तरीय सेट अप स्थापित करने का कार्य एक वर्ष पहले ही पूरा कर लिया है ( three-tier set up to focus on the issue of technology).

एडमिरल आर हरि कुमार (Admiral R Hari Kumar) ने कहा कि 'युद्ध में प्रौद्योगिकी के महत्व को स्वीकार करते हुए इंडियन नेवी ने पिछले साल फरवरी में एनटीएसी, नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन (एनआईआईओ), और टीडीएसी से मिलकर एक तीन स्तरीय संगठन (three tier organisation) स्थापित किया है, जो जरूरी था.'

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उन्होंने कहा कि 'यह सर्वविदित है कि भविष्य के युद्ध में तकनीक बहुत महत्वपूर्ण होगी. ऐसे में तेज गति से आला प्रौद्योगिकियों के विकास और समावेश को बढ़ावा देने वाले तंत्र को विकसित करना अनिवार्य हो जाएगा.' साथ ही उन्होंने सावधानी बरतने की बात कही.

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