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साल 2022 में 28,522 लोगों को उतारा गया मौत के घाट, हर रोज हुईं इतनी हत्याएं - latest crime report

NCRB Report on Crime: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ( NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक देश में 2022 में हत्या के मामलों की कुल 28,522 प्राथमिकी दर्ज की गईं यानी रोजाना 78 मामले दर्ज किए गए हैं. पढ़े पूरी खबर...(NCRB Report 2022, Crime cases in india, murders increased)

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राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो एनसीआरबी
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By PTI

Published : Dec 4, 2023, 5:28 PM IST

नई दिल्ली : भारत में 2022 में हत्या के मामलों की कुल 28,522 प्राथमिकी दर्ज की गईं यानी रोजाना 78 मामले या प्रति घंटे तीन से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. एनसीआरबी ने बताया कि 2021 में 29,272 और 2020 में 29,193 मामले दर्ज किए गए थे. केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाले एनसीआरबी की वार्षिक अपराध रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में हत्या का सबसे बड़ा कारण ‘विवाद’ था. देश में 9,962 मामलों में हत्या का कारण ‘विवाद’ रहा. इसके बाद 3,761 मामलों में ‘निजी प्रतिशोध या दुश्मनी’ और 1,884 मामलों में ‘लाभ’ के लिए हत्या की गई.

एनसीआरबी के अनुसार, देश में प्रति लाख जनसंख्या पर हत्या की दर 2.1 थी, जबकि ऐसे मामलों में आरोप पत्र दायर करने की दर 81.5 थी. आंकड़ों के अनुसार, 2022 में हत्या के मामलों में सबसे अधिक प्राथमिकी उत्तर प्रदेश में दर्ज की गईं. उत्तर प्रदेश में इन मामलों में 3,491 प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद बिहार (2,930), महाराष्ट्र (2,295), मध्य प्रदेश (1,978) और राजस्थान (1,834) में प्राथमिकी दर्ज की गईं. देशभर में हत्या के कुल मामलों में से इन शीर्ष पांच राज्यों में 43.92 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए.

एनसीआरबी के अनुसार, जिन राज्यों में हत्या के मामलों की सबसे कम प्राथमिकी दर्ज की गईं, उनमें सिक्किम (नौ), नगालैंड (21), मिजोरम (31), गोवा (44), और मणिपुर (47) शामिल हैं. केंद्र शासित प्रदेशों में, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2022 में हत्या के 509 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद जम्मू-कश्मीर (99), पुडुचेरी (30), चंडीगढ़ (18), दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव (16), अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (सात), लद्दाख (सात) और लक्षद्वीप (शून्य) में मामले दर्ज किए गए.

पूरे भारत में 2022 में हत्या की दर झारखंड (चार) में सबसे अधिक थी. इसके बाद अरुणाचल प्रदेश (3.6), छत्तीसगढ़ और हरियाणा (दोनों 3.4), असम (तीन) और ओडिशा (तीन) में हत्या की दर सबसे अधिक रही. प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश (1.5), बिहार (2.3), महाराष्ट्र (1.8), मध्य प्रदेश (2.3) और राजस्थान (2.3) का प्रदर्शन बेहतर रहा. एनसीआरबी के अनुसार, हत्या संबंधी मामलों के पीड़ितों में 8,125 महिलाएं और नौ तृतीय लिंगी व्यक्ति थे जबकि लगभग 70 प्रतिशत पीड़ित पुरुष थे.

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नई दिल्ली : भारत में 2022 में हत्या के मामलों की कुल 28,522 प्राथमिकी दर्ज की गईं यानी रोजाना 78 मामले या प्रति घंटे तीन से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. एनसीआरबी ने बताया कि 2021 में 29,272 और 2020 में 29,193 मामले दर्ज किए गए थे. केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाले एनसीआरबी की वार्षिक अपराध रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में हत्या का सबसे बड़ा कारण ‘विवाद’ था. देश में 9,962 मामलों में हत्या का कारण ‘विवाद’ रहा. इसके बाद 3,761 मामलों में ‘निजी प्रतिशोध या दुश्मनी’ और 1,884 मामलों में ‘लाभ’ के लिए हत्या की गई.

एनसीआरबी के अनुसार, देश में प्रति लाख जनसंख्या पर हत्या की दर 2.1 थी, जबकि ऐसे मामलों में आरोप पत्र दायर करने की दर 81.5 थी. आंकड़ों के अनुसार, 2022 में हत्या के मामलों में सबसे अधिक प्राथमिकी उत्तर प्रदेश में दर्ज की गईं. उत्तर प्रदेश में इन मामलों में 3,491 प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद बिहार (2,930), महाराष्ट्र (2,295), मध्य प्रदेश (1,978) और राजस्थान (1,834) में प्राथमिकी दर्ज की गईं. देशभर में हत्या के कुल मामलों में से इन शीर्ष पांच राज्यों में 43.92 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए.

एनसीआरबी के अनुसार, जिन राज्यों में हत्या के मामलों की सबसे कम प्राथमिकी दर्ज की गईं, उनमें सिक्किम (नौ), नगालैंड (21), मिजोरम (31), गोवा (44), और मणिपुर (47) शामिल हैं. केंद्र शासित प्रदेशों में, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2022 में हत्या के 509 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद जम्मू-कश्मीर (99), पुडुचेरी (30), चंडीगढ़ (18), दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव (16), अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (सात), लद्दाख (सात) और लक्षद्वीप (शून्य) में मामले दर्ज किए गए.

पूरे भारत में 2022 में हत्या की दर झारखंड (चार) में सबसे अधिक थी. इसके बाद अरुणाचल प्रदेश (3.6), छत्तीसगढ़ और हरियाणा (दोनों 3.4), असम (तीन) और ओडिशा (तीन) में हत्या की दर सबसे अधिक रही. प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश (1.5), बिहार (2.3), महाराष्ट्र (1.8), मध्य प्रदेश (2.3) और राजस्थान (2.3) का प्रदर्शन बेहतर रहा. एनसीआरबी के अनुसार, हत्या संबंधी मामलों के पीड़ितों में 8,125 महिलाएं और नौ तृतीय लिंगी व्यक्ति थे जबकि लगभग 70 प्रतिशत पीड़ित पुरुष थे.

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