नई दिल्ली : इंडिया ब्लॉक की 24 पार्टियां 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र में भाग लेने के लिए सहमत हो गई हैं. काग्रेस महासचिव और मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने बताया कि इन 24 पार्टियों की ओर से कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. यह निर्णय इंडिया ग्रुप के फ्लोर लीडर्स की बैठक में लिया गया. जयराम रमेश ने कहा कि सरकार विशेष सत्र का एजेंडा नहीं बता रही है.
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LIVE: Congress party briefing by Shri @Jairam_Ramesh at AICC HQ. https://t.co/WK8wRJFbaA
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कांग्रेस नेता ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हमने तय किया कि हम संसद के विशेष सत्र का बहिष्कार नहीं करेंगे. यह हमारे लिए जनता के मुद्दों को सामने रखने का मौका है और हर पार्टी अलग-अलग मुद्दों को सामने रखने की पूरी कोशिश करेगी. इससे पहले सोमवार शाम को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इंडिया गठबंधन के दलों के नेताओं की बैठक हुई.
बैठक में संसद के विशेष सत्र में विपक्षी दलों द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों को भी अंतिम रूप दिया गया. जयराम रमेश ने कहा कि 9 मुद्दों को विपक्ष संसद के विशेष सत्र में उठाएगा. रमेश ने यह भी कहा कि इन मुद्दों को सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी के माध्यम से सरकार को लिखित रूप में भेज दिया गया है. इंडिया ब्लॉक की बैठक 'इंडिया बनाम भारत' विवाद के कारण आयोजित की गई थी, जिसने देश में एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है. सरकार ने 9 सितंबर को दिल्ली में रात्रिभोज के लिए राष्ट्राध्यक्षों को आधिकारिक निमंत्रण में 'प्रेजीडेंट ऑफ इंडिया के बजाय' प्रेजीडेंट ऑफ भारत लिखा था.
इससे पहले पिछले हफ्ते केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 18-22 सितंबर तक संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के बारे में जानकारी दी थी. हालाँकि विशेष सत्र का एजेंडा अभी तक सामने नहीं आया है. केंद्र ने देश में एक साथ चुनाव कराने की जांच करने और सिफारिशें करने के लिए शनिवार को आठ सदस्यीय समिति का गठन किया. समिति के सदस्यों में पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आज़ाद, पूर्व वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष सी कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी भी शामिल हैं
पिछले महीने संपन्न हुआ संसद का मानसून सत्र पुराने संसद भवन में आयोजित किया गया था. विशेष सत्र की घोषणा राजनीतिक लोगों में एक आश्चर्य के रूप में सामने आई, क्योंकि पार्टियां इस साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही हैं.
(एएनआई)