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Gaya OTA: गया ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से देश को मिले 64 जांबाज सैन्य अफसर

गया ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी ने अपने गौरवशाली इतिहास में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए देश को 64 नए सैन्य अफसर सौंपे. शौर्य-संकल्प और ज्ञान के लक्ष्य के साथ कड़ी ट्रेनिंग के बीच देश को सौंपे गए यह नए सैन्य अफसर भारत मां की सरहदों की रक्षा में अपनी सर्वोच्चता दिखाएंगे. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

गया ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से देश को मिले 64 जांबाज सैन्य अफसर
गया ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से देश को मिले 64 जांबाज सैन्य अफसर
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Published : Jun 11, 2022, 7:27 PM IST

गया: बिहार के गया स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी (Officers Training Academy Gaya) यानि ओटीए ने एक बार फिर से इतिहास रचा है. शनिवार को गया ओटीए से 64 नए सैन्य अफसर देश (Country Got 64 New Army Officers) को सौंपे गए. आर्मी के जाबांज नए अफसरों ने न केवल आर्मी अफसरों का बल्कि दर्शक दीर्घा में मौजूद लोगों का दिल भी जोश से भर दिया. परेड की सलामी (Passing Out Parade At Gaya Officers Training Academy) के साथ ही देश को 64 आर्मी अफसर मिल गए हैं जो देश की सेवा और रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे.

पढ़ें-19वीं पासिंग आउट परेड: गया OTA में 20 जेंटलमैन कैडेट्स बने अधिकारी

64 जेंटलमैन कैडेट्स बने अधिकारी: गया के ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में आयोजित 21वीं पासिंग आउट परेड (21st passing out parade) में 64 जेंटल कैडेट्स पास आउट हुए. इससे पहले गया ओटीए ने देश को 2691 सैन्य अधिकारी दिया है. इस पासिंग आउट परेड में टेक्निकल एंट्री स्कीम (TES) क्रमांक संख्या 39 के कुल 62 अधिकारी जिसमें कुल 8 अधिकारी मित्र देशों के भी शामिल हैं, साथ ही बिहार के 5 और झारखंड के 2 अधिकारी शामिल हैं. जबकि स्पेशल कमीशन अधिकारी पाठ्यक्रम(SCO) क्रमांक संख्या 48 के दो अधिकारी पास आउट हुए. पासिंग आउट परेड में टीईएस 45 कोर्स के 45 जेंटलमैन कैडेटों ने भी इस परेड में भाग लिया, जो इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त करने के लिए विभिन्न आर्मी कैडेट ट्रेनिंग विंग्स में जाएंगे. जेंटलमैन कैडेट्स ने अपने स्मार्ट टर्न आउट ऑफ सिटी सिंक्रोनाइज ड्रिल मूवमेंट से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया.

जेएस नैन थे परेड के समीक्षा अधिकारी: पासिंग आउट परेड में जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ दक्षिणी कमान के परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल एडी कैंप लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नैन परेड के समीक्षा अधिकारी व मुख्य अतिथि थे. इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नैन ने उत्कृष्ट ड्रील के लिए पास आउट होने वाले अफसरों को बधाई दी.

आसमान से तीन हेलीकॉप्टरों से दी गई सलामी: पासिंग आउट टेक्निकल एंट्री स्कीम कोर्स के सभी दौर में सर्वोत्तम प्रदर्शन करने जैंटलमैन कैडेट आयुष बरकोटी को प्रतिष्ठित स्वार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया. पासिंग आउट टेक्निकल एंट्री स्कीम कोर्स में मेरिट के क्रम में प्रथम आने वाले जैंटलमैन कैडेट सुशांत संजय पाटिल को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. जबकि तिथबाल कंपनी को कंपनी के रूप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए स्प्रिंग टर्म 2022 का चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर से सम्मानित किया गया. वहीं इस बीच आसमान से तीन हेलीकॉप्टर से सलामी दी जा रही थी.

पीपिंग सेरेमनी में कई के छलके खुशी के आंसू: पासिंग आउट परेड के बाद पीपिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया. जहां शुरुआत चीफ गेस्ट के द्वारा कैडेट्स के कंधे पर पीपिंग बैच लगाकर आगे बढ़ने की आशीर्वाद दिया. साथ ही कोरोना काल के बाद पहली बार पहुंचे कैडेट्स के माता-पिता भी अपने बेटे के कंधे पर पीपिंग बैच लगाकर काफी खुश नजर आ रहे थे. वही बेटे का सपना साकार होने के बाद माता पिता के आंखों में खुशी के आंसू साफ-साफ झलक रहे थे.

सिवान के लाल विशाल का भी सपना हुआ पूरा: वहीं बिहार के सिवान जिले के रहने वाले लेफ्टिनेंट विशाल कुमार का भी सपना पूरा हो गया. उन्होंने कहा कि 6 वर्ष की उम्र से ही देश के लिए कुछ करने की इच्छा थी. आज मेरा सपना मेरी माता-पिता के चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा है. मेरे पिता फौज में ही एक हवलदार थे. माता-पिता दोनों का सपना था कि मैं फौज में अफसर बनूं.

चार पीढ़ियों से देश की सेवा कर रहा यह परिवार: उत्तराखंड के देहरादून के हर्ष भी सेना में अफसर बने हैं. इन्हें नाज है कि इनके पहले की भी पीढ़ियां सेना से ही जुड़े हुए हैं. पिछले चार पीढ़ियों से यह परिवार देश की सेवा कर रहा है. सेना में अफसर बनने के बाद हर्ष के माता-पिता भी पहुंचे थे. पिता अमित कुमार खुद भी ब्रिगेडियर हैं.

"मेरे पिता भी आर्मी में हैं. यह बहुत ही गर्व का क्षण है मेरे लिए मेरे माता पिता के लिए. हमारी चार साल की ट्रेनिंग बहुत मुश्किल होती है बहुत सख्त होती है. आज हम सब बहुत खुश हैं."- हर्ष, सैन्य अफसर

"मेरा बेटा अफसर बन गया है. वह हमारी चौथी पीढ़ी का अफसर है. पिता दादा सब आर्मी में ही थे. हर्ष शुरू से ही ये सब देखकर बड़ा हुआ है. वह हमेशा कहता था कि आर्मी में जाना है."- हर्ष की मां


"मेरे लिए आज गौरव का दिन है. मेरा बेटा आज आर्मी ऑफिसर बन गया है. जैसे मेरे पिता जी ने मुझे अफसर बनते देखा वैसे ही मैं अपने बेटे को आज के दिन अफसर बनते देख रहा हूं."- ब्रिगेडियर अमित कुमार, हर्ष के पिता


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गया: बिहार के गया स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी (Officers Training Academy Gaya) यानि ओटीए ने एक बार फिर से इतिहास रचा है. शनिवार को गया ओटीए से 64 नए सैन्य अफसर देश (Country Got 64 New Army Officers) को सौंपे गए. आर्मी के जाबांज नए अफसरों ने न केवल आर्मी अफसरों का बल्कि दर्शक दीर्घा में मौजूद लोगों का दिल भी जोश से भर दिया. परेड की सलामी (Passing Out Parade At Gaya Officers Training Academy) के साथ ही देश को 64 आर्मी अफसर मिल गए हैं जो देश की सेवा और रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे.

पढ़ें-19वीं पासिंग आउट परेड: गया OTA में 20 जेंटलमैन कैडेट्स बने अधिकारी

64 जेंटलमैन कैडेट्स बने अधिकारी: गया के ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में आयोजित 21वीं पासिंग आउट परेड (21st passing out parade) में 64 जेंटल कैडेट्स पास आउट हुए. इससे पहले गया ओटीए ने देश को 2691 सैन्य अधिकारी दिया है. इस पासिंग आउट परेड में टेक्निकल एंट्री स्कीम (TES) क्रमांक संख्या 39 के कुल 62 अधिकारी जिसमें कुल 8 अधिकारी मित्र देशों के भी शामिल हैं, साथ ही बिहार के 5 और झारखंड के 2 अधिकारी शामिल हैं. जबकि स्पेशल कमीशन अधिकारी पाठ्यक्रम(SCO) क्रमांक संख्या 48 के दो अधिकारी पास आउट हुए. पासिंग आउट परेड में टीईएस 45 कोर्स के 45 जेंटलमैन कैडेटों ने भी इस परेड में भाग लिया, जो इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त करने के लिए विभिन्न आर्मी कैडेट ट्रेनिंग विंग्स में जाएंगे. जेंटलमैन कैडेट्स ने अपने स्मार्ट टर्न आउट ऑफ सिटी सिंक्रोनाइज ड्रिल मूवमेंट से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया.

जेएस नैन थे परेड के समीक्षा अधिकारी: पासिंग आउट परेड में जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ दक्षिणी कमान के परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल एडी कैंप लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नैन परेड के समीक्षा अधिकारी व मुख्य अतिथि थे. इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नैन ने उत्कृष्ट ड्रील के लिए पास आउट होने वाले अफसरों को बधाई दी.

आसमान से तीन हेलीकॉप्टरों से दी गई सलामी: पासिंग आउट टेक्निकल एंट्री स्कीम कोर्स के सभी दौर में सर्वोत्तम प्रदर्शन करने जैंटलमैन कैडेट आयुष बरकोटी को प्रतिष्ठित स्वार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया. पासिंग आउट टेक्निकल एंट्री स्कीम कोर्स में मेरिट के क्रम में प्रथम आने वाले जैंटलमैन कैडेट सुशांत संजय पाटिल को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. जबकि तिथबाल कंपनी को कंपनी के रूप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए स्प्रिंग टर्म 2022 का चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर से सम्मानित किया गया. वहीं इस बीच आसमान से तीन हेलीकॉप्टर से सलामी दी जा रही थी.

पीपिंग सेरेमनी में कई के छलके खुशी के आंसू: पासिंग आउट परेड के बाद पीपिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया. जहां शुरुआत चीफ गेस्ट के द्वारा कैडेट्स के कंधे पर पीपिंग बैच लगाकर आगे बढ़ने की आशीर्वाद दिया. साथ ही कोरोना काल के बाद पहली बार पहुंचे कैडेट्स के माता-पिता भी अपने बेटे के कंधे पर पीपिंग बैच लगाकर काफी खुश नजर आ रहे थे. वही बेटे का सपना साकार होने के बाद माता पिता के आंखों में खुशी के आंसू साफ-साफ झलक रहे थे.

सिवान के लाल विशाल का भी सपना हुआ पूरा: वहीं बिहार के सिवान जिले के रहने वाले लेफ्टिनेंट विशाल कुमार का भी सपना पूरा हो गया. उन्होंने कहा कि 6 वर्ष की उम्र से ही देश के लिए कुछ करने की इच्छा थी. आज मेरा सपना मेरी माता-पिता के चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा है. मेरे पिता फौज में ही एक हवलदार थे. माता-पिता दोनों का सपना था कि मैं फौज में अफसर बनूं.

चार पीढ़ियों से देश की सेवा कर रहा यह परिवार: उत्तराखंड के देहरादून के हर्ष भी सेना में अफसर बने हैं. इन्हें नाज है कि इनके पहले की भी पीढ़ियां सेना से ही जुड़े हुए हैं. पिछले चार पीढ़ियों से यह परिवार देश की सेवा कर रहा है. सेना में अफसर बनने के बाद हर्ष के माता-पिता भी पहुंचे थे. पिता अमित कुमार खुद भी ब्रिगेडियर हैं.

"मेरे पिता भी आर्मी में हैं. यह बहुत ही गर्व का क्षण है मेरे लिए मेरे माता पिता के लिए. हमारी चार साल की ट्रेनिंग बहुत मुश्किल होती है बहुत सख्त होती है. आज हम सब बहुत खुश हैं."- हर्ष, सैन्य अफसर

"मेरा बेटा अफसर बन गया है. वह हमारी चौथी पीढ़ी का अफसर है. पिता दादा सब आर्मी में ही थे. हर्ष शुरू से ही ये सब देखकर बड़ा हुआ है. वह हमेशा कहता था कि आर्मी में जाना है."- हर्ष की मां


"मेरे लिए आज गौरव का दिन है. मेरा बेटा आज आर्मी ऑफिसर बन गया है. जैसे मेरे पिता जी ने मुझे अफसर बनते देखा वैसे ही मैं अपने बेटे को आज के दिन अफसर बनते देख रहा हूं."- ब्रिगेडियर अमित कुमार, हर्ष के पिता


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