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बिन माैसम बरसात ने उजाड़े केले के बाग, किसानाें की मदद की मांग - क्षतिग्रस्त 2100 हेक्टेयर केले

महाराष्ट्र के जलगांव में बिन माैसम बरसात से किसानाें का काफी नुकसान हुआ है. किसानाें ने सरकार से 2 लाख रुपये प्रति एकड़ मदद की मांग की है.

केले का बाग
केले का बाग
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Published : Jun 1, 2021, 12:22 AM IST

जलगांव : चार दिन पहले प्री-मॉनसून बारिश के कारण जलगांव जिले के रावेर और मुक्ताईनगर तालुका में हजारों हेक्टेयर केले के बाग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. किसानों की मांग है कि राज्य सरकार कम से कम 2 लाख रुपये प्रति एकड़ जल्द से जल्द मदद मुहैया कराए.

बता दें कि जलगांव जिले के रावेर और मुक्ताईनगर तालुकाओं को क्षतिग्रस्त 2100 हेक्टेयर केले के बागों में चार दिन पहले भारी प्री-मॉनसून बारिश हुई थी. इससे खेती समेत घरों को भारी नुकसान हुआ है.

केले का बाग
केले का बाग

दोनों तालुकों में ढाई हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में केले के बाग नष्ट हो गए हैं. राजस्व एवं कृषि विभाग नुकसान की जांच कर रहा है.

प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, मुक्ताईनगर तालुका में 1300 से 1400 हेक्टेयर और रावेर तालुका में लगभग 800 हेक्टेयर में केले के बाग क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुए केले के डंठल को हटाने में भी लाखों रुपये का खर्च आता है.

किसानों का कहना है कि यह भी उनकी क्षमता से बाहर है. इसलिए किसान सरकार से कम से कम 2 लाख रुपए प्रति एकड़ की मदद की मांग कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें : PMGKAY के तहत 56 लाख मीट्रिक टन खाद्यान राज्यों को रिलीज

किसानों की यह भी मांग है कि जिन किसानों ने फसल बीमा नहीं लिया है, उनकी भी मदद की जाए.

जलगांव : चार दिन पहले प्री-मॉनसून बारिश के कारण जलगांव जिले के रावेर और मुक्ताईनगर तालुका में हजारों हेक्टेयर केले के बाग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. किसानों की मांग है कि राज्य सरकार कम से कम 2 लाख रुपये प्रति एकड़ जल्द से जल्द मदद मुहैया कराए.

बता दें कि जलगांव जिले के रावेर और मुक्ताईनगर तालुकाओं को क्षतिग्रस्त 2100 हेक्टेयर केले के बागों में चार दिन पहले भारी प्री-मॉनसून बारिश हुई थी. इससे खेती समेत घरों को भारी नुकसान हुआ है.

केले का बाग
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दोनों तालुकों में ढाई हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में केले के बाग नष्ट हो गए हैं. राजस्व एवं कृषि विभाग नुकसान की जांच कर रहा है.

प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, मुक्ताईनगर तालुका में 1300 से 1400 हेक्टेयर और रावेर तालुका में लगभग 800 हेक्टेयर में केले के बाग क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुए केले के डंठल को हटाने में भी लाखों रुपये का खर्च आता है.

किसानों का कहना है कि यह भी उनकी क्षमता से बाहर है. इसलिए किसान सरकार से कम से कम 2 लाख रुपए प्रति एकड़ की मदद की मांग कर रहे हैं.

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किसानों की यह भी मांग है कि जिन किसानों ने फसल बीमा नहीं लिया है, उनकी भी मदद की जाए.

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