नई दिल्ली : भारत में 2014 के मुकाबले साल 2020 में उग्रवादियों की ओर से की गई हिंसा घटनाओं और इससे होने वाली मौतों में 80 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. साल 2020-21 के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में सुरक्षा बलों के हताहतों की संख्या में भी 75 प्रतिशत और नागरिकों की मौतों में 99 प्रतिशत की कमी आई है.
गृह मंत्रालय के अनुसार, साल 2020 में 2019 की तुलना में उग्रवाद की घटनाओं में लगभग 27 प्रतिशत और नागरिक और एसएफ कर्मियों के हताहतों की संख्या में 72 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. साल 2019 में 223 हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया गया, जबकि 2020 में 162 हिंसाएं दर्ज की गईं. इसी तरह साल 2019 में नागरिकों और एसएफ कर्मियों को मिलाकर कुल 25 हताहत हुए थे जबिक, 2020 में इनकी संख्या केवल 07 थी.
आतंकवाद विरोधी अभियानों के कारण साल 2020 में 21 विद्रोहियों को मौत के घाट उतारा गया था, 646 विद्रोहियों को गिरफ्तार किया गया और 2020 में 305 हथियार बरामद किए गए थे. पूर्वोत्तर राज्यों के विद्रोही संगठनों के कुल 2,644 कैडरों ने 2020 में आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गए थे. मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा राज्यों में कुल मिलाकर स्थिति शांतिपूर्ण रहे, क्षेत्र के अन्य राज्यों में सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.
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गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2020 में अरुणाचल प्रदेश में उग्रवाद संबंधी हिंसा में 42 फीसदी, असम में 12 फीसदी, मणिपुर में 23 फीसदी और नागालैंड में 45 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.