अहमदाबाद : अहमदाबाद में 2008 को हुए सीरियल ब्लास्ट (Ahmedabad serial blast case) मामले में सजा का ऐलान 11 फरवरी को होगा. बता दें, मंगलवार को गुजरात की स्पेशल कोर्ट ने 49 आरोपियों को UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) के तहत दोषी करार दिया था. अब इन 49 आरोपियों को सजा दी जाएगी. हालांकि, विशेष अदालत ने 28 लोगों को बरी कर दिया है.
अदालत ने दोनों पक्षों की अपीलें सुनीं और मौखिक टिप्पणियां भी की. साथ ही अदालत ने कहा कि 11 फरवरी को सुनवाई के दौरान सभी दोषी उपस्थित रहेंगे.
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हालांकि सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने अपनी दलील में कोर्ट से कहा कि 'याचिका दोषियों को सुधारने का मौका देने के लिए है. आरोपी को अपनी शैक्षणिक योग्यता, अपनी पारिवारिक स्थिति, चिकित्सा साक्ष्य पेश करने का समय दें.' वहीं इस मामले पर लोक अभियोजक ने कोर्ट से कहा, 'दोषियों ने जघन्य अपराध किया है. इसलिए, उन्हें अधिकतम सजा दी जानी चाहिए.' अदालत ने इस मामले की सुनवाई पिछले साल सितंबर में पूरी कर ली थी. दिसंबर 2009 में शुरू हुए इस मुकदमे में 1,100 लोगों की गवाही हुई. सबूत नहीं मिलने की वजह से 28 लोगों को बरी कर दिया गया.
वहीं अहमदाबाद सीरियल बम विस्फोट मामले में गुजरात की अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि फैसले ने देश के दुश्मनों को एक कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि विशेष अदालत के फैसले का मैं स्वागत करता हूं. इस मामले को सुलझाने के लिए गुजरात पुलिस की तारीफ करते हुए रूपाला ने कहा, 'हमारे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे और केंद्रीय मंत्री अमित शाह राज्य के गृह मंत्री थे.
एक के बाद एक धमकों से हिल गया था अहमदाबाद
26 जुलाई 2008 को 70 मिनट की अवधि में हुए 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद को हिला कर रख दिया था. इन हमलों में 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक घायल हुए थे. पुलिस ने दावा किया था कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोगों ने साल 2002 में गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए इन हमलों को अंजाम दिया था, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोग मारे गए थे.