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पंजाब: तरनतारन में नहर में दरार, दो सौ एकड़ खेत में लगी धान की फसल बर्बाद

पंजाब के तरनतारन इलाके में एक नहर में दरार आने से करीब दो सौ एकड़ क्षेत्र में लगी धान की फसल पानी में डूबने से बर्बाद हो गयी.

200 acres of paddy crops of the farmers of Ballya village were submerged due to a rupture in the canal
पंजाब: तरनतारन में नहर में दरार, दो सौ एकड़ खेत में लगी धान की फसल बर्बाद
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Published : Jul 16, 2022, 9:49 AM IST

तरनतारन: विधानसभा क्षेत्र के बलियांवाला गांव के एक नहर में बड़ा दरार आ गयी. इससे बलियांवाला, सरहली और खारा गांव के किसानों की 150 से 200 एकड़ धान की फसल पानी में डूब गई. फसल बर्बाद होने से किसानों में सरकार व संबंधित विभाग के खिलाफ खासा रोष है. किसानों का कहना है कि नहर का पानी उनकी फसल में घुस जाने से उनकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है.

उन्होंने कहा कि हर साल यह कच्ची नहर उनके लिए बर्बादी का कारण बनती है और हर बार वे संबंधित विभाग को इसकी सफाई और पक्का करने के लिए लिखित आवेदन देते हैं. लेकिन, उनकी कोई सुनवाई नहीं होती है. किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि इसका कोई ठोस समाधान किया जाए. पंजाब में भगवंत मान सरकार धान की खेती के दौरान खर्च होने वाले भूजल को बचाने के लिए गंभीर दिखी. इस कड़ी में अप्रैल में मान सरकार ने खरीफ सीजन के दौरान धान की सीधी बुवाई करने वाले किसानों को सब्सिडी देने की घोषणा की है.

ये भी पढ़ें- पंजाब: गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के नाम से फर्जी बैंक खाता खुलवाने के मामले में दो गिरफ्तार

इसके तहत ऐसे किसानों को 1500 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी देने की बात कही गयी. सब्सिडी की इस योजना को कैबिनेट ने मंजूरी भी दी. लेकिन, अब समस्या विकट हो गयी है. तरनतारन इलाके में अधिक पानी के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गयी है.

तरनतारन: विधानसभा क्षेत्र के बलियांवाला गांव के एक नहर में बड़ा दरार आ गयी. इससे बलियांवाला, सरहली और खारा गांव के किसानों की 150 से 200 एकड़ धान की फसल पानी में डूब गई. फसल बर्बाद होने से किसानों में सरकार व संबंधित विभाग के खिलाफ खासा रोष है. किसानों का कहना है कि नहर का पानी उनकी फसल में घुस जाने से उनकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है.

उन्होंने कहा कि हर साल यह कच्ची नहर उनके लिए बर्बादी का कारण बनती है और हर बार वे संबंधित विभाग को इसकी सफाई और पक्का करने के लिए लिखित आवेदन देते हैं. लेकिन, उनकी कोई सुनवाई नहीं होती है. किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि इसका कोई ठोस समाधान किया जाए. पंजाब में भगवंत मान सरकार धान की खेती के दौरान खर्च होने वाले भूजल को बचाने के लिए गंभीर दिखी. इस कड़ी में अप्रैल में मान सरकार ने खरीफ सीजन के दौरान धान की सीधी बुवाई करने वाले किसानों को सब्सिडी देने की घोषणा की है.

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इसके तहत ऐसे किसानों को 1500 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी देने की बात कही गयी. सब्सिडी की इस योजना को कैबिनेट ने मंजूरी भी दी. लेकिन, अब समस्या विकट हो गयी है. तरनतारन इलाके में अधिक पानी के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गयी है.

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