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दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 20 मरीजों की मौत

दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 20 मरीजों की मौत हो गई. वहीं 200 जिंदगियां दांव पर लगी हुई हैं. दिल्ली के कई अस्पताल में अभी भी ऑक्सीजन की कमी पर चल रही है. दिल्ली लगातार दूसरे राज्यों पर ऑक्सीजन के लिए निर्भर है और केंद्र सरकार के द्वारा ही दिल्ली को ऑक्सीजन की सप्लाई मिल रही है.

ऑक्सीजन की कमी
ऑक्सीजन की कमी
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Published : Apr 27, 2021, 2:55 PM IST

Updated : Apr 27, 2021, 3:11 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में ध्वस्त हो रही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का दर्दनाक मंजर तब सामने आया, जब यहां के जयपुर गोल्डन अस्पताल में अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से एक साथ 20 मरीजों की मौत हो गई. दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर जबरदस्त मारामारी है, वहां हर किसी के जेहन में ये चिंता है कि आखिर यहां की अव्यवस्थाओं के बीच कैसे अपनों की जिंदगी बचेगी ? मामले में हाई कोर्ट भी एक्शन मोड में आ गया है. हाई कोर्ट ने कोरोना की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा है कि ये लहर नहीं सुनामी है. वहीं सरकार ने हाई कोर्ट में 20 मौत की जानकारी दी है.

200 मरीजों पर खतरा

अस्पताल प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई है कि इस वक्त अस्पताल में 200 कोविड मरीज भर्ती हैं, जिनकी जान पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि अस्पताल में केवल आधे घंटे का ही ऑक्सीजन बचा हुआ है. अस्पताल की ओर से डॉ. डीके बलूजा की ओर से जानकारी दी गई है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कल रात 20 मरीजों की मौत हो गई, अभी भी 200 से ज्यादा कोविड मरीज भर्ती हैं . मुख्यमंत्री से उन्होंने मदद की अपील की है.

पढ़ें -काेराेना : भारत की मदद के लिए 'कुछ ऐसे' आगे आया अमेरिका

7 घंटे देरी से मिला ऑक्सीजन

अस्पताल प्रशासन की ओर से कहा गया कि ऑक्सीजन करीब 7 घंटे की देरी से मिला, जिसके चलते अस्पताल में भर्ती गंभीर रूप से बीमार 20 मरीजों की मौत हो गई. सभी मरीज गंभीर स्थिति में थे, जिन्हें हाई फ्लो ऑक्सीजन दिया जा रहा था, जिसके बाद अब अस्पताल की ओर से जानकारी दी गई है कि केवल 30 मिनट की ऑक्सीजन बची हुई है और 200 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.

अस्पतालों में हाहाकार..!

दिल्ली के कई अस्पताल अभी भी ऑक्सीजन शॉर्टेज पर चल रहे हैं, इस बीच बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन का एक टैंकर पहुंचाया गया, जिससे 500 किलोग्राम ऑक्सीजन का स्टॉक मिल सकेगा,वहीं सर गंगाराम असप्ताल में भी ऑक्सीजन का स्टॉक समाप्त होने वाला है. सरोज अस्पताल का भी यही हाल है. दिल्ली ज्यादातर अस्पतालों का यहीं हाल है, जहां कब अनहोनी हो जाए. ये कोई नहीं जानता.

केंद्र के भरोसे दिल्ली!

बता दें कि दिल्ली और कुछ दूसरे राज्यों के पास अपने ऑक्सीजन प्लांट नहीं हैं. सप्लाई के लिए वे दूसरे राज्यों पर निर्भर हैं, ऐसे में दिल्ली लगातार दूसरे राज्यों परऑक्सीजन के लिए निर्भर है और केंद्र सरकार के द्वारा ही दिल्ली को ऑक्सीजन की सप्लाई मिल रही है. मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा था कि राजधानी में मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाई जाए. इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने भी केंद्र सरकार से कहा कि वो ऑक्सीजन री-फिलिंग की सुविधा और बढ़ाए, लेकिन बावजूद इसके दिल्ली के हालात प्रतिदिन और खराब होते जा रहे हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली में ध्वस्त हो रही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का दर्दनाक मंजर तब सामने आया, जब यहां के जयपुर गोल्डन अस्पताल में अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से एक साथ 20 मरीजों की मौत हो गई. दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर जबरदस्त मारामारी है, वहां हर किसी के जेहन में ये चिंता है कि आखिर यहां की अव्यवस्थाओं के बीच कैसे अपनों की जिंदगी बचेगी ? मामले में हाई कोर्ट भी एक्शन मोड में आ गया है. हाई कोर्ट ने कोरोना की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा है कि ये लहर नहीं सुनामी है. वहीं सरकार ने हाई कोर्ट में 20 मौत की जानकारी दी है.

200 मरीजों पर खतरा

अस्पताल प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई है कि इस वक्त अस्पताल में 200 कोविड मरीज भर्ती हैं, जिनकी जान पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि अस्पताल में केवल आधे घंटे का ही ऑक्सीजन बचा हुआ है. अस्पताल की ओर से डॉ. डीके बलूजा की ओर से जानकारी दी गई है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कल रात 20 मरीजों की मौत हो गई, अभी भी 200 से ज्यादा कोविड मरीज भर्ती हैं . मुख्यमंत्री से उन्होंने मदद की अपील की है.

पढ़ें -काेराेना : भारत की मदद के लिए 'कुछ ऐसे' आगे आया अमेरिका

7 घंटे देरी से मिला ऑक्सीजन

अस्पताल प्रशासन की ओर से कहा गया कि ऑक्सीजन करीब 7 घंटे की देरी से मिला, जिसके चलते अस्पताल में भर्ती गंभीर रूप से बीमार 20 मरीजों की मौत हो गई. सभी मरीज गंभीर स्थिति में थे, जिन्हें हाई फ्लो ऑक्सीजन दिया जा रहा था, जिसके बाद अब अस्पताल की ओर से जानकारी दी गई है कि केवल 30 मिनट की ऑक्सीजन बची हुई है और 200 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.

अस्पतालों में हाहाकार..!

दिल्ली के कई अस्पताल अभी भी ऑक्सीजन शॉर्टेज पर चल रहे हैं, इस बीच बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन का एक टैंकर पहुंचाया गया, जिससे 500 किलोग्राम ऑक्सीजन का स्टॉक मिल सकेगा,वहीं सर गंगाराम असप्ताल में भी ऑक्सीजन का स्टॉक समाप्त होने वाला है. सरोज अस्पताल का भी यही हाल है. दिल्ली ज्यादातर अस्पतालों का यहीं हाल है, जहां कब अनहोनी हो जाए. ये कोई नहीं जानता.

केंद्र के भरोसे दिल्ली!

बता दें कि दिल्ली और कुछ दूसरे राज्यों के पास अपने ऑक्सीजन प्लांट नहीं हैं. सप्लाई के लिए वे दूसरे राज्यों पर निर्भर हैं, ऐसे में दिल्ली लगातार दूसरे राज्यों परऑक्सीजन के लिए निर्भर है और केंद्र सरकार के द्वारा ही दिल्ली को ऑक्सीजन की सप्लाई मिल रही है. मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा था कि राजधानी में मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाई जाए. इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने भी केंद्र सरकार से कहा कि वो ऑक्सीजन री-फिलिंग की सुविधा और बढ़ाए, लेकिन बावजूद इसके दिल्ली के हालात प्रतिदिन और खराब होते जा रहे हैं.

Last Updated : Apr 27, 2021, 3:11 PM IST
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