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Non Locals Purchased Land In Kashmir : अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद 185 गैर स्थानीय लोगों ने कश्मीर में जमीन खरीदी

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय (Union Minister of State for Home, Nityanand Rai) ने राज्यसभा में बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद वहां पर 185 लोगों ने जमीन खरीदी है. इसके अलावा वहीं पर एक हजार से अधिक कंपनियों ने निवेश भी किया है. जबकि लद्दाख में किसी ना तो किसी बाहर व्यक्ति ने जमीन खरीदी है और ना वहां पर निवेश हुआ है. पढ़िए पूरी खबर...

Union Minister of State for Home, Nityanand Rai
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय
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Published : Apr 5, 2023, 7:20 PM IST

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद तीन सालों में 185 बाहरी व्यक्तियों ने वहां पर जमीन खरीदी. केंद्र सरकार के अनुसार 2020,2021 और 2022 के दौरान केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में राज्य के बाहर के लोगों के द्वारा जमीन की खरीद में वृद्धि देखी गई. उक्त जानकारी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय (Union Minister of State for Home, Nityanand Rai) ने राज्यसभा में दी. उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में केवल एक व्यक्ति ने ही वहां पर जमीन खरीदी थी जबकि 2021 में 57 और 2022 में 127 बाहरी लोगों ने वहां पर जमीन खरीदी. सरकार के मुताबिक पिछले तीन साल में व्यापार में निवेश भी बढ़ा है.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों सहित 1559 भारतीय कंपनियों ने भी निवेश किया है. उन्होंने कहा कि 2020-21 वित्तीय वर्ष में 310 संस्थाओं ने निवेश किया है जबकि 2021-22 में 175 और 2022-23 में 1074 कंपनियों ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में निवेश किया है. हालांकि जम्मू कश्मीर की तुलना में किसी भी बाहरी व्यक्ति ने लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में जमीन नहीं खरीदी है या निवेश नहीं किया है. जबकि लद्दाख को भी जम्मू कश्मीर के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था.

बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को राज्य सभा में एक विधेयक पेश किया था, जिसमें जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया गया और केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था. साथ ही यह विधेयक 6 अगस्त 2019 को लोकसभा द्वारा पारित किया गया और 9 अगस्त 2019 को तत्कालीन राष्ट्रपति कोविंद ने विधेयक पर अपनी सहमति दी थी जिसके बादयह जम्मू और कश्मीर पुन: संगठन अधिनियम 2019 बन गया. अधिनियम ने राज्य को केंद्रशासित प्रदेश में विभाजित कर दिया. जम्मू कश्मीर में विधानसभा के साथ और लद्दाख बिना विधानसभा के केंद्रशासित प्रदेश बनाए गए. इसके साथ ही 31 अक्टूबर 2019 को ये केंद्रशासित प्रदेश अस्तित्व में आए.

ये भी पढ़ें - Left Wing Extremism violence : गृह मंत्रालय को दावा- भारत में वामपंथी हिंसा बहुत कम हो गई है

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद तीन सालों में 185 बाहरी व्यक्तियों ने वहां पर जमीन खरीदी. केंद्र सरकार के अनुसार 2020,2021 और 2022 के दौरान केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में राज्य के बाहर के लोगों के द्वारा जमीन की खरीद में वृद्धि देखी गई. उक्त जानकारी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय (Union Minister of State for Home, Nityanand Rai) ने राज्यसभा में दी. उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में केवल एक व्यक्ति ने ही वहां पर जमीन खरीदी थी जबकि 2021 में 57 और 2022 में 127 बाहरी लोगों ने वहां पर जमीन खरीदी. सरकार के मुताबिक पिछले तीन साल में व्यापार में निवेश भी बढ़ा है.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों सहित 1559 भारतीय कंपनियों ने भी निवेश किया है. उन्होंने कहा कि 2020-21 वित्तीय वर्ष में 310 संस्थाओं ने निवेश किया है जबकि 2021-22 में 175 और 2022-23 में 1074 कंपनियों ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में निवेश किया है. हालांकि जम्मू कश्मीर की तुलना में किसी भी बाहरी व्यक्ति ने लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में जमीन नहीं खरीदी है या निवेश नहीं किया है. जबकि लद्दाख को भी जम्मू कश्मीर के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था.

बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को राज्य सभा में एक विधेयक पेश किया था, जिसमें जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया गया और केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था. साथ ही यह विधेयक 6 अगस्त 2019 को लोकसभा द्वारा पारित किया गया और 9 अगस्त 2019 को तत्कालीन राष्ट्रपति कोविंद ने विधेयक पर अपनी सहमति दी थी जिसके बादयह जम्मू और कश्मीर पुन: संगठन अधिनियम 2019 बन गया. अधिनियम ने राज्य को केंद्रशासित प्रदेश में विभाजित कर दिया. जम्मू कश्मीर में विधानसभा के साथ और लद्दाख बिना विधानसभा के केंद्रशासित प्रदेश बनाए गए. इसके साथ ही 31 अक्टूबर 2019 को ये केंद्रशासित प्रदेश अस्तित्व में आए.

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