श्रीनगर : कश्मीर में टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए शनिवार को 177 कश्मीरी पंडित अध्यापकों का सुरक्षित स्थानों पर तबादला किया गया. शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद यह कदम उठाया गया है. हाल ही में घाटी में दो प्रवासी मजदूरों की मौत के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के सैकड़ों परिवार सहमे हुए हैं और टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं के कारण प्रवासी कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को वापस जम्मू लौटना पड़ रहा है.
बता दें कि छह जून तक पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने के सरकार के वादे के बावजूद कई प्रवासी सरकारी कर्मचारी अपने परिवार के साथ जम्मू चले गए हैं, जबकि अन्य कश्मीरी पंडित कर्मचारी भी यहां से जाने की तैयारी कर रहे हैं. जहां तक कश्मीरी पंडित शिक्षकों के तबादले का सवाल है, तो प्रशासन ने उक्त कर्मचारियों और उनके परिवारों का उचित सुरक्षा व्यवस्था के साथ उन जगहों पर तबादला कर दिया है, जहां पुलिस और सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है और कड़ी निगरानी की जा रही है.
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इससे पहले घाटी में टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर कश्मीरी पंडित कर्मचारी पिछले कुछ हफ्तों से विरोध प्रदर्शन करते हुए मांग कर रहे थे कि उन्हें जम्मू या अन्य सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए जहां उनकी जान को कोई खतरा न हो और वे अपने दायित्वों को भी निभाने में सक्षम हों. प्रदर्शनकारियों ने सरकार से यह भी कहा कि जब तक उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं की जाती और उनका तबादला सुरक्षित स्थानों पर नहीं किया जाता, तब तक वे अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करेंगे. उल्लेखनीय है कि हाल ही में टारगेट किलिंग के दौरान कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट्ट और हिंदू महिला शिक्षिका रजनी बाला की अज्ञात बंदूकधारियों ने हत्या कर दी थी.