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कोरोना का कहर : महाराष्ट्र में शादी समारोह से जुड़े 17 कारोबारियों ने की आत्महत्या - covid epidemic in maharashtra

देशभर में तेजी से फैलती कोरोना महामारी ने कई घरों को उजाड़ा, तो कई उजड़ने की राह में हैं. जहां साल भर का समय बीता चुकी इस महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी, वहीं कई इस बिगड़ती अर्थव्यवस्था के चलते सड़कों पर आने को मजबूर हैं. इस दौरान बेरोजगारी भी चरम पर रही. इस बेरोजगारी की मार झेल रहे कर्ज के बोझ तले महाराष्ट्र के 17 कारोबारियों ने आत्महत्या कर ली, जो शादी समारोह से संबंधित व्यवसाय से जुड़े थे.

शादी समारोह
शादी समारोह
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Published : Feb 26, 2021, 6:57 PM IST

Updated : Feb 26, 2021, 7:57 PM IST

मुंबई : दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी के कारण करोड़ों व्यवसायियों को नुकसान झेलना पड़ा है. हर क्षेत्र के व्यवसायी कोरोना गाइडलाइन लागू होने के बाद से बिगड़ती परिस्थितियों से जूझ रहे हैं. कई कर्ज में दबकर आत्महत्या को मजबूर हैं तो कई व्यवसाय चौपट होने के बाद भुखमरी के शिकार हो रहे हैं. यही हाल महाराष्ट्र राज्य का भी है, जहां कोरोना के फैलते प्रकोप का असर शादी समारोह से जुड़े व्यवसायियों पर भी पड़ा. महामारी के कारण दिन-प्रतिदिन लोग भारी नुकसान का शिकार हो रहे हैं. वहीं, राज्य में फैलती इस परिस्थिति के कारण कई लोग काल के गाल में समा गए.

17 कारोबारियों ने की आत्महत्या

महाराष्ट्र के 17 व्यवसायियों ने की खुदकुशी
महामारी की फैलती जड़ों के बीच त्योहार आ-जा रहे हैं, लेकिन इस बीच कुछ लोगों का व्यवसाय ठप हो चुका है और कुछ का व्यवसाय ठप होने की कगार पर है. वहीं, देश की आर्थिक राजधानी भी इससे मंजर से अछूती न रही. महाराष्ट्र के मुंबई, कोल्हापुर, बीड और जलगांव में भी शादी समारोह से जुड़े 17 व्यवसायियों ने घाटे का सौदा देखते हुए खुद को मौत के हवाले कर दिया.

विवाह समारोह की बुकिंग धड़ाधड़ रद्द
कोरोना महामारी के नई शर्तों के साथ खुले शादी समारोह में कम से कम मेहमान ही मान्य होने की शर्त शादी समारोह से जुड़े व्यवसायियों के लिए मुसीबत बन गई है. इस बड़ी और अहम पाबंदी के चलते मैरिज होम, बैंड वालों एवं डीजे की बुकिंग धड़ाधड़ रद्द हो रही हैं, जिसके चलते शादी समारोह से जुड़े व्यवसायियों को घाटे का सौदा करना पड़ रहा है.

पढ़ें- बढ़ता ध्वनि प्रदूषण लोगों के लिए कैसे बन सकता है जानलेवा, जानें

राज्य में फैलता बेरोजारी का सकंट
ऑल महाराष्ट्र टेंट डीलर वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष सागर चव्हाण ने कहा कि 50 हजार से ज्यादा लोग खान-पान, फूल, लाइट, टेंट आदि जैसे छोटे व्यवसायों से जुड़े हैं. वहीं, अब तक दैनिक आधार पर काम करने वाले व्यवसायी भी बेरोजगार हैं, इनमें से ही कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने बेरोजगारी के चलते मौत को गले लगा लिया. सागर चव्हाण ने सरकार से मांग की है कि राज्य सरकार को इस सकंट के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए और बेरोजगार लोगों को बचाने के लिए कुछ कदम उठाना चाहिए.

कोरोना ने बिगाड़ी देश की अर्थव्यवस्था
देशभर में तेजी से फैलती महामारी की लहर के चलते राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, शैक्षिक और विवाह समारोहों सहित सभी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर कुछ शर्तों के साथ प्रतिबंध लगा दिया गया था. आजीविका के साधनों के बंद होने से रोजाना काम करने वाले सैकड़ों लोगों को भुखमरी की स्थिति से गुजरना पड़ रहा है. जैसे ही कोरोना के कारण देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ने लगी, धीरे-धीरे सभी प्रतिबंध हटा दिए गए.

कोरोना के समय जारी दिशानिर्देश
वहीं, विवाह या अन्य समारोहों को अनिवार्य शारीरिक दूरी के रूप में नए नियमों के साथ अनुमति दी गई थी. मास्क लगाना, सेनिटाइजर से हाथ साफ करना और शादी में सीमित संख्या में मेहमानों की अनुमति थी. अनलॉकिंग प्रक्रिया में 50 से अधिक मेहमानों के साथ विवाह की अनुमति नहीं थी. इसके अलावा बैंड, मैरिज हॉल, फ्लावर फ़ार्म, फूलों की ट्रेडिंग, लाइटिंग, साउंड सिस्टम, टेंट डेकोरेशन, कैटरिंग, फ़ास्ट फ़ूड, ट्रांसपोर्ट, फ़ोटोग्राफ़ी, जनरेटर इत्यादि जैसे समारोहों पर कुछ नियमों के साथ पाबंदी लगाई गई थी.

फूल विक्रेता ने बताया अपना दर्द
फूल विक्रेता मंगला बारी ने ईटीवी भारत को बताया कि जैसे-जैसे कोरोना का प्रकोप कम हो रहा था, हमारा कारोबार एक बार फिर से फलने-फूलने लगा था. हमें कुछ हद तक राहत मिली थी, लेकिन जैसे ही कोरोना लहर फिर से शुरू हुई व्यापार के बिगड़ने की संभावना और अधिक बढ़ गई. प्रतिबंधों के कारण, बुकिंग रद्द कर दी गई. कई लोग पैसे वापस मांग रहे हैं, हम ईमानदारी से उनके पैसे वापस कर रहे हैं क्योंकि हम इस व्यवसाय में रहना चाहते हैं. लॉकडाउन के बाद कई बेरोजगार भुखमरी की गिरफ्त में आ गए. जिले में आम लोगों के साथ-साथ छोटे व्यवसायी अत्यधिक आर्थिक तंगी के शिकार हो गए.

मुंबई : दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी के कारण करोड़ों व्यवसायियों को नुकसान झेलना पड़ा है. हर क्षेत्र के व्यवसायी कोरोना गाइडलाइन लागू होने के बाद से बिगड़ती परिस्थितियों से जूझ रहे हैं. कई कर्ज में दबकर आत्महत्या को मजबूर हैं तो कई व्यवसाय चौपट होने के बाद भुखमरी के शिकार हो रहे हैं. यही हाल महाराष्ट्र राज्य का भी है, जहां कोरोना के फैलते प्रकोप का असर शादी समारोह से जुड़े व्यवसायियों पर भी पड़ा. महामारी के कारण दिन-प्रतिदिन लोग भारी नुकसान का शिकार हो रहे हैं. वहीं, राज्य में फैलती इस परिस्थिति के कारण कई लोग काल के गाल में समा गए.

17 कारोबारियों ने की आत्महत्या

महाराष्ट्र के 17 व्यवसायियों ने की खुदकुशी
महामारी की फैलती जड़ों के बीच त्योहार आ-जा रहे हैं, लेकिन इस बीच कुछ लोगों का व्यवसाय ठप हो चुका है और कुछ का व्यवसाय ठप होने की कगार पर है. वहीं, देश की आर्थिक राजधानी भी इससे मंजर से अछूती न रही. महाराष्ट्र के मुंबई, कोल्हापुर, बीड और जलगांव में भी शादी समारोह से जुड़े 17 व्यवसायियों ने घाटे का सौदा देखते हुए खुद को मौत के हवाले कर दिया.

विवाह समारोह की बुकिंग धड़ाधड़ रद्द
कोरोना महामारी के नई शर्तों के साथ खुले शादी समारोह में कम से कम मेहमान ही मान्य होने की शर्त शादी समारोह से जुड़े व्यवसायियों के लिए मुसीबत बन गई है. इस बड़ी और अहम पाबंदी के चलते मैरिज होम, बैंड वालों एवं डीजे की बुकिंग धड़ाधड़ रद्द हो रही हैं, जिसके चलते शादी समारोह से जुड़े व्यवसायियों को घाटे का सौदा करना पड़ रहा है.

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राज्य में फैलता बेरोजारी का सकंट
ऑल महाराष्ट्र टेंट डीलर वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष सागर चव्हाण ने कहा कि 50 हजार से ज्यादा लोग खान-पान, फूल, लाइट, टेंट आदि जैसे छोटे व्यवसायों से जुड़े हैं. वहीं, अब तक दैनिक आधार पर काम करने वाले व्यवसायी भी बेरोजगार हैं, इनमें से ही कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने बेरोजगारी के चलते मौत को गले लगा लिया. सागर चव्हाण ने सरकार से मांग की है कि राज्य सरकार को इस सकंट के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए और बेरोजगार लोगों को बचाने के लिए कुछ कदम उठाना चाहिए.

कोरोना ने बिगाड़ी देश की अर्थव्यवस्था
देशभर में तेजी से फैलती महामारी की लहर के चलते राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, शैक्षिक और विवाह समारोहों सहित सभी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर कुछ शर्तों के साथ प्रतिबंध लगा दिया गया था. आजीविका के साधनों के बंद होने से रोजाना काम करने वाले सैकड़ों लोगों को भुखमरी की स्थिति से गुजरना पड़ रहा है. जैसे ही कोरोना के कारण देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ने लगी, धीरे-धीरे सभी प्रतिबंध हटा दिए गए.

कोरोना के समय जारी दिशानिर्देश
वहीं, विवाह या अन्य समारोहों को अनिवार्य शारीरिक दूरी के रूप में नए नियमों के साथ अनुमति दी गई थी. मास्क लगाना, सेनिटाइजर से हाथ साफ करना और शादी में सीमित संख्या में मेहमानों की अनुमति थी. अनलॉकिंग प्रक्रिया में 50 से अधिक मेहमानों के साथ विवाह की अनुमति नहीं थी. इसके अलावा बैंड, मैरिज हॉल, फ्लावर फ़ार्म, फूलों की ट्रेडिंग, लाइटिंग, साउंड सिस्टम, टेंट डेकोरेशन, कैटरिंग, फ़ास्ट फ़ूड, ट्रांसपोर्ट, फ़ोटोग्राफ़ी, जनरेटर इत्यादि जैसे समारोहों पर कुछ नियमों के साथ पाबंदी लगाई गई थी.

फूल विक्रेता ने बताया अपना दर्द
फूल विक्रेता मंगला बारी ने ईटीवी भारत को बताया कि जैसे-जैसे कोरोना का प्रकोप कम हो रहा था, हमारा कारोबार एक बार फिर से फलने-फूलने लगा था. हमें कुछ हद तक राहत मिली थी, लेकिन जैसे ही कोरोना लहर फिर से शुरू हुई व्यापार के बिगड़ने की संभावना और अधिक बढ़ गई. प्रतिबंधों के कारण, बुकिंग रद्द कर दी गई. कई लोग पैसे वापस मांग रहे हैं, हम ईमानदारी से उनके पैसे वापस कर रहे हैं क्योंकि हम इस व्यवसाय में रहना चाहते हैं. लॉकडाउन के बाद कई बेरोजगार भुखमरी की गिरफ्त में आ गए. जिले में आम लोगों के साथ-साथ छोटे व्यवसायी अत्यधिक आर्थिक तंगी के शिकार हो गए.

Last Updated : Feb 26, 2021, 7:57 PM IST
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