हैदराबाद : भारत के इतिहास में 16 दिसंबर 2012 काला अध्याय है. देश की राजधानी दिल्ली में चलती बस में 'निर्भया' (काल्पनिक नाम) नामक लड़की के साथ बस के चालक सहित 6 लोगों ने न सिर्फ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. बल्कि विरोध करने पर मानवता की सारी हदों को पार करते हुए योनि में एक रॉड डालकर उसकी आंतों को खींचकर फाड़ देता है. निर्भया के साथ सफर कर रहे उसके दोस्त अवींद्र प्रताप पांडे ने जब उसका विरोध किया तो अभियुक्तों ने उस पर भी हमला कर दिया.
घटना के बाद अपराधियों ने निर्भया और उसके दोस्त को बाहर फेंक दिया था. वारदात की जानकारी मिलते ही दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष की एक वैन मौके पर आती है और उन्हें इलाज के लिए उसी रात सफदरजंग अस्पताल ले जाती है. गंभीर रूप से घायल निर्भया का बयान रश्मी आहूजा ने दर्ज किया है. इसे पहला मृत्युपूर्व बयान माना जाता है.
इस घटना के बाद राजधानी दिल्ली, देश के अन्य हिस्सों के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया. बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों और जनता के भारी दबाव ने भारत सरकार को अंततः कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया. मामले में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएस वर्मा ने वर्मा समिति का गठन किया गया. समिति में पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम व न्यायमूर्ति लीला सेठ भी शामिल थे.
कमिटि ने 23 जनवरी 2013 को भारत सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. रिपोर्ट में प्रमुख सिफारिशों में 'बलात्कार' की परिभाषा को व्यापक बनाकर इसमें गैर-भेदक यौन संबंध को शामिल करना, एसिड हमलों और यौन उत्पीड़न जैसे कृत्यों के लिए नए अपराध बनाना और बलात्कार के दोषियों के लिए दंड बढ़ाना शामिल था. इन सभी सिफारिशों को आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 2013 के माध्यम से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में शामलि किया गया था. इसके बाद से महिलाओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न सरकारों की ओर से कई कदम उठाये जा चुके हैं.
निर्भया कांड का टाइमलाइन
- 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ दिल्ली में चलती बस में 6 आरोपियों ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया.
- 17 दिसंबर 2012 को वसंत विहार पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई.
- मामले में 6 आरोपी थे. इनकी पहचान मुख्य आरोपी राम सिंह (ड्राइवर), उनके भाई मुकेश सिंह, जिम इंस्ट्रक्टर विनय शर्मा, फल विक्रेता पवन गुप्ता, बस कंडक्टर अक्षय कुमार सिंह के अलावा एक नाबालिग के रूप में हुई.
- 27 दिसंबर 2012 को निर्भया को इलाज के लिए सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया.
- 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई और शव को वापस दिल्ली लाया गया.
- 11 मार्च 2013 को संदिग्ध हालत में अभियुक्त राम सिंह की तिहाड़ जेल में मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले को खुदकुशी बताया था, वहीं उनके परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया था.
- 31 अगस्त 2013 को निर्भया कांड के नाबालिग अभियुक्त को जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड ने दोषी करार देते हुए 3 साल के लिए बाल सुधार गृह भेज दिया.
- 13 दिसंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने 4 व्यस्क अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए फांसी की सुनाई. सभी दोषियों ने फांसी से बचने के लिए काफी प्रयास किया.
- 20 मार्च 2020 को अंततः 5 में से 4 जीवित बचे सभी बालिग आरोपियों- विनय शर्मा, पवन गुप्ता, अक्षय कुमार सिंह और मुकेश सिंह को सुबह के 5.30 पर फांसी की सजा दे दी गई.
दिल दहलाने वाले बलात्कार के कुछ प्रमुख मामले
- 2013ः गुड़िया गैंग रेप केस, दिल्ली
- 2014ः बदाऊं रेप केस, उत्तर प्रदेश
- 2014 शक्ति मिल्स रेप केस, मुंबई
- 2016 जिशा रेप केस, केरल
- 2017ः उन्नाव रेप केस, उत्तर प्रदेश
- 2018ः कठुआ रेप केस, जम्मू और कश्मीर
- 2018ः फ्रैंको मुलक्कल रेप केस, केरल
- 2019ः दिशा रेप-मर्डर केस, हैदराबाद
- 2019ः उन्नाव रेप केस, उत्तर प्रदेश
- 2020ः हाथरस गैंग रेप केस, उत्तर प्रदेश