नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15वें ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए दक्षिण अफ्रीका रवाना हो चुके हैं. अब से कुछ देर पहले ही उन्होंने उड़ान भरी. इससे पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी भी शेयर की. पीएम मोदी ने लिखा कि 15वें ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होेने के लिए दक्षिण अफ्रीका जा रहा हूं. करीब 40 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली ग्रीस यात्रा हो रही है. पीएम मोदी ने आगे लिखा कि वहां पर मैं भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करुंगा. जानकारी के मुताबिक तीन दिनों तक चलने वाली यह मीटिंग बुधवार 22 अगस्त से शुरू होगी और 24 अगस्त तक चलेगी.
कोरोना काल के बाद पहली बार हो रही ऑफलाइन बैठक
बता दें, ब्रिक्स सम्मेलन में करेंसी में बिजनेस करने पर भी बातचीत हो सकती है. कोरोना काल के बाद पहली बार ब्रिक्स सम्मेलन की बैठक ऑफलाइन हो रही है. रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने पहले ही इस बैठक में शामिल न होने की बात कही है. वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इसमें शामिल होंगे. पीएम मोदी और शी जिनपिंग इस बैठक में शामिल हो रहे हैं, लेकिन अभी तक इन दोनों नेताओं के बीच बातचीत होने की पुष्टि नहीं हुई है.
ब्रिक्स के क्या हैं मायने?
आपको बता दें, ब्रिक्स दुनिया की पांच सबसे तेज अर्थव्यवस्थाओं का एक ग्रुप है. इसका हर अक्षर एक देश को प्रदर्शित करता है. जैसे, B से ब्राजील, R से रूस, I से इंडिया, C से चीन और S से साउथ अफ्रीका. जानकारी के मुताबिक इस ग्रुप की पहली बैठक 2006 में हुई थी. इसी साल संयुक्त राष्ट्र महासभा के समय इन देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई, जिसमें 'BRIC' यह नाम दिया गया. इस ग्रुप की पहली साल 2009 में रूस में हुई थी. इसके बाद दूसरी मीटिंग 2010 में ब्राजील में हुई. इसी साल साउथ अफ्रीका भी इस संगठन का सदस्य बना, जिसके बाद यह BRICS समूह बना.
हर साल होती है बैठक
जानकारी के मुताबिक इस संगठन का मुख्यालय चीन के शंघाई शहर में है. प्रत्येक साल इस संगठन की बैठक जरूर होती है. इस समूह की बैठक में इन सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होते हैं. हर साल ग्रुप के किसी भी सदस्य देश को इसकी मेजबानी सौंपी जाती है. इस बार दक्षिण अफ्रीका ग्रुप समिट आयोजित कर रहा है.
क्या है इस बार का एजेंडा
हर साल इस बैठक का कोई न कोई एजेंडा जरूर तय किया जाता है. इस बार भी एजेंडा तय किए गए हैं. इस समूह का पहला एजेंडा इसका विस्तार करना और दूसरा ब्रिक्स देश अपनी मुद्रा में बिजनेस करेंगे. दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि वे ब्रिक्स देशों के सदस्य देशों की संख्या को बढ़ाने में विश्वास रखते हैं और इसका पुरजोर समर्थन भी करते हैं. अभी तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक करीब 23 देशों ने इस समूह के सदस्य बनने के लिए आवेदन किया है. वहीं, दूसरे एजेंडे की बात करें तो सभी सदस्य देश अपनी मुद्रा में व्यापार करना चाहते हैं.