जयपुर. जिला प्रशासन (Jaipur Administration) ने एक बार फिर लंबे समय से भारतीय नागरिकता का इंतजार कर रहे पाक विस्थापितों को खुशियां (Pak migrants given Indian citizenship) दी हैं. जिला प्रशासन की ओर से 13 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र दिया गया. इन पाक विस्थापितों में बुजुर्ग दंपति से लेकर विद्यार्थी तक शामिल थे. भारत की नागरिकता मिलने पर खुशी से झूमे पाक विस्थापितों ने कहा कि अभी तक कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. लेकिन अब कोई दिक्कत नहीं होगी और सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा.
अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम इकबाल खान ने 13 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रदान दी. उन्होंने कहा कि अब तक 218 पाक विस्थापितों को भारत की नागरिकता (13 Pak migrants became Indian) दी जा चुकी है.
जयपुर जिला प्रशासन की ओर से लगातार पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता देने का कार्य किया जा रहा है. इसलिए पेंडेंसी भी नाम मात्र की है. इकबाल खान ने कहा कि भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र देने से पहले कलेक्ट्रेट सभागार में एक कैम्प भी लगाया गया, जिसमे पाक विस्थापितों से आवेदन लिए गए.
बुजुर्ग पाक विस्थापित भंवर राम ने कहा कि वह 9 साल पहले पाकिस्तान से भारत आया थे. पाकिस्तान अच्छा देश नहीं था, लेकिन भारत बहुत अच्छा लगा. इसलिए उन्होंने भारतीय नागरिकता ली है. उन्होंने आभार जताया कि भारत ने आज उन्हें अपनी झोली में ले लिया है. भंवर राम ने कहा कि वह मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पाल रहा है. उसके साथ करीब 10 से 15 परिवार उस समय भारत लौटे थे. वहीं भंवरू राम की पत्नी झमू बाई ने कहा कि 13 साल पहले उनका बेटा यहां आया था और उसके बाद वह भी यहां भारत में लौट आए. उन्होंने कहा कि आज से वह भी भारतीय हो गए हैं.
पाक विस्थापित किरण ने बताया कि 2006 में पाकिस्तान से भारत आए थे. आज भारतीय बनने से वह सब काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि जब भी हमें कोई एग्जाम देना होता था तो इंडियन नहीं होने की वजह से हम एग्जाम नहीं दे पाते थे. लेकिन अब भारतीय होने के नाते हर तरह का एग्जाम दे सकेंगे.
इन्हें मिली भारतीय नागरिकता
भंवर राम, झमू बाई, किरण, विशेष लाल, गणेश लाल, अकबर राम, राधा माई, आतम राम, सिकंदर लाल, बसन, चंचल कुमारी, प्रशांत और सूचत को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र दिया गया.