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...तो अब सुलझ जाएगा भारत-चीन विवाद, 12वें दौर की वार्ता में क्या बनेगी इन क्षेत्रों पर बात ? - LAC

पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास सीमा विवाद को लेकर महीनों से जारी गतिरोध के बीच शनिवार को एक बार फिर से भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता जारी है. दोनों देशों के बीच वार्ता साढ़े तीन महीने से अधिक समय के अंतराल के बाद हो रही जिसमें पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया में कुछ प्रगति हासिल करने पर जोर है.

India China Tension, 12th round of military talks
भारत और चीन
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Published : Jul 31, 2021, 3:15 PM IST

नई दिल्ली: भारत और चीन (India China Standoff) के बीच पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी (Withdrawal Of Troops) की प्रक्रिया की दिशा में आगे बढ़ने के उद्देश्य से 12वें दौर की सैन्य वार्ता (12th Round Of Military Talks) हो रही है. ऐसे में देखना दिलसच्प होगा कि

रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के अनुसार, इस बातचीत का उद्देश्य 14 महीनों से ज्यादा समय से इस क्षेत्र में जारी गतिरोध को खत्म करना है।उन्होंने कहा कि कोर कमांडर स्तर की 12वें दौर की बातचीत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की तरफ मोल्डो सीमा बिंदु पर हो रही है. एक सूत्र ने बताया की बातचीत निर्धारित समय पर सुबह साढ़े 10 बजे शुरू हुई. सूत्रों ने बातचीत के बारे में कहा कि भारत को हॉट स्प्रिंग और गोगरा में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पर सकारात्मक नतीजे की उम्मीद है.

बातचीत का यह दौर पिछली बार हुई वार्ता से साढ़े तीन महीने से भी ज्यादा समय के बाद हो रहा है. इससे पहले 11वें दौर की सैन्य वार्ता नौ अप्रैल को एलएसी पर भारत की ओर चुशुल सीमा बिंदु (Chushul Border Point) पर हुई थी और यह बातचीत करीब 13 घंटे तक चली थी. दिलचस्प बात ये है कि इस वार्ता से पहले मंत्री एस जयशंकर की अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बीते दिनों वार्ता हुई.

पढ़ें:लद्दाख के नजदीक दिखे चाइनीज लड़ाकू विमान, चीनी हवाई सीमा में किया अभ्यास

इसमें विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में मौजूदा स्थिति के लंबे समय से ऐसे बने रहने का असर 'नकारात्मक तरीके' से द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करता नजर आ रहा है. 12वें दौर की बात इसके बाद हो रही है.

14 जुलाई को हुई थी दोनों देशों के विदेश मंत्रियों में वार्ता

दोनों विदेश मंत्रियों ने 14 जुलाई को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से इतर करीब एक घंटे तक द्विपक्षीय बैठक की थी. बैठक में जयशंकर ने वांग को बताया था कि एलएसी पर यथास्थिति में कोई भी एक पक्षीय बदलाव भारत को 'स्वीकार्य नहीं' है. पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से शांति और स्थिरता बहाल होने के बाद ही संबंधों का विकास हो सकता है.

पिछले दौर की सैन्य वार्ता में दोनों पक्षों ने हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देप्सांग में सैनिकों की वापसी की दिशा में आगे बढ़ने के रास्तों पर चर्चा की थी जिसका व्यापक उद्देश्य क्षेत्र में तनाव को कम करना था. हालांकि सैनिकों की वापसी की दिशा में कोई और प्रगति नहीं हुई.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारत और चीन (India China Standoff) के बीच पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी (Withdrawal Of Troops) की प्रक्रिया की दिशा में आगे बढ़ने के उद्देश्य से 12वें दौर की सैन्य वार्ता (12th Round Of Military Talks) हो रही है. ऐसे में देखना दिलसच्प होगा कि

रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के अनुसार, इस बातचीत का उद्देश्य 14 महीनों से ज्यादा समय से इस क्षेत्र में जारी गतिरोध को खत्म करना है।उन्होंने कहा कि कोर कमांडर स्तर की 12वें दौर की बातचीत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की तरफ मोल्डो सीमा बिंदु पर हो रही है. एक सूत्र ने बताया की बातचीत निर्धारित समय पर सुबह साढ़े 10 बजे शुरू हुई. सूत्रों ने बातचीत के बारे में कहा कि भारत को हॉट स्प्रिंग और गोगरा में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पर सकारात्मक नतीजे की उम्मीद है.

बातचीत का यह दौर पिछली बार हुई वार्ता से साढ़े तीन महीने से भी ज्यादा समय के बाद हो रहा है. इससे पहले 11वें दौर की सैन्य वार्ता नौ अप्रैल को एलएसी पर भारत की ओर चुशुल सीमा बिंदु (Chushul Border Point) पर हुई थी और यह बातचीत करीब 13 घंटे तक चली थी. दिलचस्प बात ये है कि इस वार्ता से पहले मंत्री एस जयशंकर की अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बीते दिनों वार्ता हुई.

पढ़ें:लद्दाख के नजदीक दिखे चाइनीज लड़ाकू विमान, चीनी हवाई सीमा में किया अभ्यास

इसमें विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में मौजूदा स्थिति के लंबे समय से ऐसे बने रहने का असर 'नकारात्मक तरीके' से द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करता नजर आ रहा है. 12वें दौर की बात इसके बाद हो रही है.

14 जुलाई को हुई थी दोनों देशों के विदेश मंत्रियों में वार्ता

दोनों विदेश मंत्रियों ने 14 जुलाई को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से इतर करीब एक घंटे तक द्विपक्षीय बैठक की थी. बैठक में जयशंकर ने वांग को बताया था कि एलएसी पर यथास्थिति में कोई भी एक पक्षीय बदलाव भारत को 'स्वीकार्य नहीं' है. पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से शांति और स्थिरता बहाल होने के बाद ही संबंधों का विकास हो सकता है.

पिछले दौर की सैन्य वार्ता में दोनों पक्षों ने हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देप्सांग में सैनिकों की वापसी की दिशा में आगे बढ़ने के रास्तों पर चर्चा की थी जिसका व्यापक उद्देश्य क्षेत्र में तनाव को कम करना था. हालांकि सैनिकों की वापसी की दिशा में कोई और प्रगति नहीं हुई.

(पीटीआई-भाषा)

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