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9 घंटे तक चली भारत और चीन के बीच 12वें दौर की कोर कमांडर वार्ता, गोगरा-हॉट स्प्रिंग पर चर्चा - 12वीं दौर की वार्ता

पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले साल अप्रैल से जारी विवाद के बीच भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई. यह दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच होने वाली 12वीं दौर की वार्ता थी.

भारत और चीन के बीच 12वें दौर की कोर कमांडर वार्ता
भारत और चीन के बीच 12वें दौर की कोर कमांडर वार्ता
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Published : Jul 31, 2021, 9:28 PM IST

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता आज वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी पक्ष के ओल्डी में हुई. यह बैठक शाम 7:30 बजे संपन्न हुई. सेना के सूत्रों से मिली खबर के अनुसार नौ घंटे तक चली बैठक में दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चल रहे सैन्य गतिरोध को हल करने के मुद्दों पर चर्चा की.

बता दें, पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले साल अप्रैल से जारी विवाद के बीच भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई. यह दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच होने वाली 12वीं दौर की वार्ता थी.

  • 12th round of Corps Commander level talks between India and China concluded at 7.30 PM in Oldi on Chinese side of Line of Actual Control. In the nine hour-long meeting, both sides discussed issues to resolve ongoing military standoff along the Eastern Ladakh sector: Army sources

    — ANI (@ANI) July 31, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नौ घंटे की मैराथन बैठक में तनाव को कम करने को लेकर बातचीत की गई. पिछले दिनों एलएसी विवाद को खत्म करने के लिए चीन ने 26 जुलाई को बातचीत करने का सुझाव दिया था, जिसे भारत ने कारगिल विजय दिवस के चलते खारिज कर दिया था. बाद में बातचीत के लिए 31 जुलाई की तारीख तय की गई थी.

पढ़ें: ...तो अब सुलझ जाएगा भारत-चीन विवाद, 12वें दौर की वार्ता में क्या बनेगी इन क्षेत्रों पर बात ?

दोनों देशों के बीच एलएसी पर पिछले अप्रैल से ही तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. हालांकि, कई बार बातचीत के बाद स्थिति में कुछ सुधार आया है, लेकिन फिर भी गोगरा समेत कई ऐसे प्वाइंट्स हैं, जहां पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं. पिछले साल जून महीने में गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं, चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे..

वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 23 जुलाई को अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे तिब्बती शहर निंगची का दौरा किया था. जिनपिंग ल्हासा में दलाई लामा के आधिकारिक निवास पोटाला पैलेस के पास दिखाई दिए थे. एक दशक में तिब्बत की राजधानी की यह उनकी पहली यात्रा थी. निंगची और ल्हासा की अचानक तीन दिवसीय यात्रा को भारत को चिंता के साथ देखना चाहिए.

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता आज वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी पक्ष के ओल्डी में हुई. यह बैठक शाम 7:30 बजे संपन्न हुई. सेना के सूत्रों से मिली खबर के अनुसार नौ घंटे तक चली बैठक में दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चल रहे सैन्य गतिरोध को हल करने के मुद्दों पर चर्चा की.

बता दें, पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले साल अप्रैल से जारी विवाद के बीच भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई. यह दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच होने वाली 12वीं दौर की वार्ता थी.

  • 12th round of Corps Commander level talks between India and China concluded at 7.30 PM in Oldi on Chinese side of Line of Actual Control. In the nine hour-long meeting, both sides discussed issues to resolve ongoing military standoff along the Eastern Ladakh sector: Army sources

    — ANI (@ANI) July 31, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नौ घंटे की मैराथन बैठक में तनाव को कम करने को लेकर बातचीत की गई. पिछले दिनों एलएसी विवाद को खत्म करने के लिए चीन ने 26 जुलाई को बातचीत करने का सुझाव दिया था, जिसे भारत ने कारगिल विजय दिवस के चलते खारिज कर दिया था. बाद में बातचीत के लिए 31 जुलाई की तारीख तय की गई थी.

पढ़ें: ...तो अब सुलझ जाएगा भारत-चीन विवाद, 12वें दौर की वार्ता में क्या बनेगी इन क्षेत्रों पर बात ?

दोनों देशों के बीच एलएसी पर पिछले अप्रैल से ही तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. हालांकि, कई बार बातचीत के बाद स्थिति में कुछ सुधार आया है, लेकिन फिर भी गोगरा समेत कई ऐसे प्वाइंट्स हैं, जहां पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं. पिछले साल जून महीने में गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं, चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे..

वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 23 जुलाई को अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे तिब्बती शहर निंगची का दौरा किया था. जिनपिंग ल्हासा में दलाई लामा के आधिकारिक निवास पोटाला पैलेस के पास दिखाई दिए थे. एक दशक में तिब्बत की राजधानी की यह उनकी पहली यात्रा थी. निंगची और ल्हासा की अचानक तीन दिवसीय यात्रा को भारत को चिंता के साथ देखना चाहिए.

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