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उत्तराखंड में आईटीबीपी के तीन पोर्टर, 8 ट्रैकर्स सहित कई अन्य लापता

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Published : Oct 20, 2021, 5:37 PM IST

15 अक्टूबर को ITBP की टीम तीन पोर्टरों के साथ भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त के लिए रवाना हुई थी. 17 अक्टूबर को लौटते वक्त बर्फबारी के चलते तीनों पोर्टर रास्ता भटक गए. अभी उनका पता नहीं चल पाया है. साथ ही बीती 14 अक्टूबर को हर्षिल-छितकुल (हिमाचल प्रदेश) के लखमा पास गए दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स सहित 11 लोग लापता हो गए हैं. इनकी तलाश से लिए वायु सेना से भी मदद मांगी गई है.

uttarkashi
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उत्तरकाशी : भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ITBP के साथ एलआरपी के लिए गए तीन पोर्टर टीम से बिछड़ने के बाद लापता हो गए हैं. जिन्हें ढूंढने के लिए ITBP ने राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से मदद मांगी है. साथ ही निलापानी से भी ITBP की दो टीम पोर्टरों को ढूंढने के लिए रवाना हो गई है. वायु सेना के हेलीकॉप्टर की मदद भी ली जा रही है. बताया जा रहा है कि यह तीन स्थानीय पोर्टर बीती 15 अक्टूबर को ITBP टीम के साथ गए थे और 17 अक्टूबर को बर्फबारी के दौरान यह टीम से बिछड़ने के बाद रास्ता भटक गए थे. वही दूसरी ओर बीती 14 अक्टूबर को हर्षिल-छितकुल (हिमाचल प्रदेश) के लखमा पास गए दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स सहित 11 लोग लापता हो गए हैं. बताया जा रहा है कि इनके साथ के 6 पोर्टर बीती मंगलवार को छितकुल की तरफ ITBP कैम्प में पहुंच गए हैं. ट्रैकर्स के लापता होने की सूचना स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी की और से जिला प्रशासन को दी गई है.

बता दें कि 15 अक्टूबर को ITBP की गश्त एलआरपी टीम के साथ तीन पोर्टर भारत-चीन नीलापानी अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए रवाना हुए थे. गश्त के बाद टीम के साथ पोर्टर भी वापस लौट रहे थे, लेकिन 17 अक्टूबर को बर्फबारी होने के कारण पोर्टर आईटीबीपी की टीम से बिछड़ गए. इन पोर्टरों को 18 अक्टूबर को वापस नीलापानी स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की चौकी पर लौटना था.

आईटीबीपी की टीम ने पोर्टरों को तलाश करने के लिए 18 और 19 अक्टूबर को राहत-बचाव अभियान चलाया. अन्य पांच पोर्टरों को भी उन्हें ढूंढने के लिए भेजा गया, लेकिन तीनों का कुछ पता नहीं लग पाया. उसके बाद ITBP ने बीती मंगलवार देर शाम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से हेली रेस्क्यू के लिए मदद मांगी, लेकिन आपदा प्रबंधन के पास इस तरह के हेलीकॉप्टर नहीं हैं जो चार हजार से लेकर साढ़े चार हजार मीटर तक की ऊंचाई पर रेस्क्यू कर सकें.

इसे भी पढ़ें- उत्तराखंड में 3 दिन बाद थमी तबाही वाली बारिश, CM ने ट्रैक्टर पर बैठकर लिया जायजा

डिजास्टर कंसल्टेंट आपदा प्रबंधन विभाग उत्तरकाशी जय पंवार ने बताया कि बॉर्डर पर लापता ये तीनों पोर्टर उत्तरकाशी के ही रहने वाले हैं और ITBP की ओर से स्थानीय एजेंसी से हायर किये गए थे, जो एलआरपी गश्त के दौरान ITBP के साथ सीमा पर मदद करते हैं. पोर्टरों के खोज-बचाव के लिए ITBP की टीम के साथ ही हेली सेवा की मदद ली जा रही है. वायु सेना का हेलीकॉप्टर मंगलवार शाम को जौलीग्रांट पहुंच गया है, जिससे उनकी तलाश की जाएगी. फिलहाल अभी तक लापता पोर्टरों से आईटीबीपी की टीम का संपर्क नहीं हो सका है, लेकिन संसाधन होने के कारण उनके सुरक्षित होने की उम्मीद है. इसके साथ ही राहत-बचाव अभियान में बर्फ रुकावट पैदा कर रही है. यहां छह फीट बर्फ पड़ी हुई है.

तीन दिनों तक बारिश ने मचाया कहर

गौर हो कि मौसम विभाग ने उत्तराखंड में तीन दिनों का हाई अलर्ट जारी किया था. जिसके बाद पहाड़ी जनपदों समेत मैदानी इलाकों में 48 घंटों तक बारिश ने काफी कहर बरपाया. अभी तक 46 लोगों के मारे जाने की सूचना है. 11 लोग लापता और कुछ घायल हैं. वहीं, राहत और बचाव कार्य में सेना, NDRF, SDRF, ITBP, BRO और NGO के लोग लगे हुए हैं. वहीं, अब मौसम खुलने के बाद चारधाम यात्रा आज से दोबारा शुरू कर दी गई है. वहीं, अभी जोशीमठ के पास बारिश कारण पहाड़ी से मलबा और बोल्डर आने के कारण मार्ग बंद है. जिसके चलते अभी बदरीनाथ धाम के लिए यात्रा शुरू नहीं हो पाई है.

वही दूसरे मामले में बीती 14 अक्टूबर को हर्षिल-छितकुल (हिमाचल प्रदेश) के लखमा पास गए दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स सहित 11 लोग लापता हो गए हैं. बताया जा रहा है कि इनके साथ के 6 पोर्टर बीती मंगलवार को छितकुल की तरफ ITBP कैम्प में पहुंच गए हैं. ट्रैकर्स के लापता होने की सूचना स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी की और से जिला प्रशासन को दी गई है.

बुधवार को एक हेलीकॉप्टर सहित SDRF की टीम ट्रैकर्स के खोज-बचाव के लिए मौके के लिए रवाना हो गई है. डिजास्टर कंसल्टेंट आपदा प्रबंधन विभाग उत्तरकाशी जय पंवार ने बताया कि स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी ने बताया कि बीती 14 अक्टूबर को दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स के साथ 17 सदस्यीय दल हर्षिल-छितकुल के लखमा पास के लिए रवाना हुआ था.

दल के लखमा पास करने के बाद टीम के 6 पोर्टर बीती मंगलवार को हिमाचल प्रदेश की ओर ITBP कैम्प पहुंच गए हैं. लेकिन 8 ट्रैकर्स सहित अन्य 3 लोग भारी बर्फबारी के चलते लापता हो गए हैं.

ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी: बर्फबारी के चलते ITBP के तीन पोर्टर लापता, वायु सेना का हेलीकॉप्टर रेस्क्यू के लिए रवाना

छितकुल के समीप पहुंचे पोर्टरों से मिली जानकारी के अनुसार इन ट्रैकर्स में दो ट्रैकर्स घायल हैं. स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी ने घटना की सूचना बुधवार को जिला आपदा प्रबधन विभाग की दी. सूचना के आधार पर एक हेलीकॉप्टर सहित SDRF की टीम ट्रैकर्स के खोज-बचाव के लिए मौके के लिए रवाना हो गई है. ताजा स्थिति रेस्क्यू टीम के मौके पर पहुंच कर ही स्पष्ट हो पाएगी.

जो ट्रैकर लापता हैं उनके नाम इस प्रकार हैं-

  • अनीता रावत - उम्र 38 साल - दिल्ली निवासी
  • मिथुन दारी - उम्र 31 साल - पश्चिम बंगाल निवासी
  • तन्मय तिवारी - उम्र 30 साल - कोलकाता निवासी
  • विकास - उम्र 33 साल - कोलकाता निवासी
  • सौरव घोष - उम्र 34 साल - कोलकाता निवासी
  • सविधान दास - उम्र 28 साल - कोलकाता निवासी
  • रिचर्ड मंडल - उम्र 30 साल - कोलकाता निवासी
  • सुकेन मांझी - उम्र 43 साल - कोलकाता निवासी
  • देवेंद्र - उम्र 37 साल - पुरोला उत्तरकाशी निवासी
  • ज्ञानचंद - उम्र 33 साल - पुरोला उत्तरकाशी निवासी
  • उपेंद्र - उम्र 32 साल - पुरोला उत्तरकाशी निवासी

उत्तरकाशी : भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ITBP के साथ एलआरपी के लिए गए तीन पोर्टर टीम से बिछड़ने के बाद लापता हो गए हैं. जिन्हें ढूंढने के लिए ITBP ने राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से मदद मांगी है. साथ ही निलापानी से भी ITBP की दो टीम पोर्टरों को ढूंढने के लिए रवाना हो गई है. वायु सेना के हेलीकॉप्टर की मदद भी ली जा रही है. बताया जा रहा है कि यह तीन स्थानीय पोर्टर बीती 15 अक्टूबर को ITBP टीम के साथ गए थे और 17 अक्टूबर को बर्फबारी के दौरान यह टीम से बिछड़ने के बाद रास्ता भटक गए थे. वही दूसरी ओर बीती 14 अक्टूबर को हर्षिल-छितकुल (हिमाचल प्रदेश) के लखमा पास गए दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स सहित 11 लोग लापता हो गए हैं. बताया जा रहा है कि इनके साथ के 6 पोर्टर बीती मंगलवार को छितकुल की तरफ ITBP कैम्प में पहुंच गए हैं. ट्रैकर्स के लापता होने की सूचना स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी की और से जिला प्रशासन को दी गई है.

बता दें कि 15 अक्टूबर को ITBP की गश्त एलआरपी टीम के साथ तीन पोर्टर भारत-चीन नीलापानी अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए रवाना हुए थे. गश्त के बाद टीम के साथ पोर्टर भी वापस लौट रहे थे, लेकिन 17 अक्टूबर को बर्फबारी होने के कारण पोर्टर आईटीबीपी की टीम से बिछड़ गए. इन पोर्टरों को 18 अक्टूबर को वापस नीलापानी स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की चौकी पर लौटना था.

आईटीबीपी की टीम ने पोर्टरों को तलाश करने के लिए 18 और 19 अक्टूबर को राहत-बचाव अभियान चलाया. अन्य पांच पोर्टरों को भी उन्हें ढूंढने के लिए भेजा गया, लेकिन तीनों का कुछ पता नहीं लग पाया. उसके बाद ITBP ने बीती मंगलवार देर शाम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से हेली रेस्क्यू के लिए मदद मांगी, लेकिन आपदा प्रबंधन के पास इस तरह के हेलीकॉप्टर नहीं हैं जो चार हजार से लेकर साढ़े चार हजार मीटर तक की ऊंचाई पर रेस्क्यू कर सकें.

इसे भी पढ़ें- उत्तराखंड में 3 दिन बाद थमी तबाही वाली बारिश, CM ने ट्रैक्टर पर बैठकर लिया जायजा

डिजास्टर कंसल्टेंट आपदा प्रबंधन विभाग उत्तरकाशी जय पंवार ने बताया कि बॉर्डर पर लापता ये तीनों पोर्टर उत्तरकाशी के ही रहने वाले हैं और ITBP की ओर से स्थानीय एजेंसी से हायर किये गए थे, जो एलआरपी गश्त के दौरान ITBP के साथ सीमा पर मदद करते हैं. पोर्टरों के खोज-बचाव के लिए ITBP की टीम के साथ ही हेली सेवा की मदद ली जा रही है. वायु सेना का हेलीकॉप्टर मंगलवार शाम को जौलीग्रांट पहुंच गया है, जिससे उनकी तलाश की जाएगी. फिलहाल अभी तक लापता पोर्टरों से आईटीबीपी की टीम का संपर्क नहीं हो सका है, लेकिन संसाधन होने के कारण उनके सुरक्षित होने की उम्मीद है. इसके साथ ही राहत-बचाव अभियान में बर्फ रुकावट पैदा कर रही है. यहां छह फीट बर्फ पड़ी हुई है.

तीन दिनों तक बारिश ने मचाया कहर

गौर हो कि मौसम विभाग ने उत्तराखंड में तीन दिनों का हाई अलर्ट जारी किया था. जिसके बाद पहाड़ी जनपदों समेत मैदानी इलाकों में 48 घंटों तक बारिश ने काफी कहर बरपाया. अभी तक 46 लोगों के मारे जाने की सूचना है. 11 लोग लापता और कुछ घायल हैं. वहीं, राहत और बचाव कार्य में सेना, NDRF, SDRF, ITBP, BRO और NGO के लोग लगे हुए हैं. वहीं, अब मौसम खुलने के बाद चारधाम यात्रा आज से दोबारा शुरू कर दी गई है. वहीं, अभी जोशीमठ के पास बारिश कारण पहाड़ी से मलबा और बोल्डर आने के कारण मार्ग बंद है. जिसके चलते अभी बदरीनाथ धाम के लिए यात्रा शुरू नहीं हो पाई है.

वही दूसरे मामले में बीती 14 अक्टूबर को हर्षिल-छितकुल (हिमाचल प्रदेश) के लखमा पास गए दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स सहित 11 लोग लापता हो गए हैं. बताया जा रहा है कि इनके साथ के 6 पोर्टर बीती मंगलवार को छितकुल की तरफ ITBP कैम्प में पहुंच गए हैं. ट्रैकर्स के लापता होने की सूचना स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी की और से जिला प्रशासन को दी गई है.

बुधवार को एक हेलीकॉप्टर सहित SDRF की टीम ट्रैकर्स के खोज-बचाव के लिए मौके के लिए रवाना हो गई है. डिजास्टर कंसल्टेंट आपदा प्रबंधन विभाग उत्तरकाशी जय पंवार ने बताया कि स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी ने बताया कि बीती 14 अक्टूबर को दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स के साथ 17 सदस्यीय दल हर्षिल-छितकुल के लखमा पास के लिए रवाना हुआ था.

दल के लखमा पास करने के बाद टीम के 6 पोर्टर बीती मंगलवार को हिमाचल प्रदेश की ओर ITBP कैम्प पहुंच गए हैं. लेकिन 8 ट्रैकर्स सहित अन्य 3 लोग भारी बर्फबारी के चलते लापता हो गए हैं.

ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी: बर्फबारी के चलते ITBP के तीन पोर्टर लापता, वायु सेना का हेलीकॉप्टर रेस्क्यू के लिए रवाना

छितकुल के समीप पहुंचे पोर्टरों से मिली जानकारी के अनुसार इन ट्रैकर्स में दो ट्रैकर्स घायल हैं. स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी ने घटना की सूचना बुधवार को जिला आपदा प्रबधन विभाग की दी. सूचना के आधार पर एक हेलीकॉप्टर सहित SDRF की टीम ट्रैकर्स के खोज-बचाव के लिए मौके के लिए रवाना हो गई है. ताजा स्थिति रेस्क्यू टीम के मौके पर पहुंच कर ही स्पष्ट हो पाएगी.

जो ट्रैकर लापता हैं उनके नाम इस प्रकार हैं-

  • अनीता रावत - उम्र 38 साल - दिल्ली निवासी
  • मिथुन दारी - उम्र 31 साल - पश्चिम बंगाल निवासी
  • तन्मय तिवारी - उम्र 30 साल - कोलकाता निवासी
  • विकास - उम्र 33 साल - कोलकाता निवासी
  • सौरव घोष - उम्र 34 साल - कोलकाता निवासी
  • सविधान दास - उम्र 28 साल - कोलकाता निवासी
  • रिचर्ड मंडल - उम्र 30 साल - कोलकाता निवासी
  • सुकेन मांझी - उम्र 43 साल - कोलकाता निवासी
  • देवेंद्र - उम्र 37 साल - पुरोला उत्तरकाशी निवासी
  • ज्ञानचंद - उम्र 33 साल - पुरोला उत्तरकाशी निवासी
  • उपेंद्र - उम्र 32 साल - पुरोला उत्तरकाशी निवासी
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