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कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ एक्शन, यूएपीए के तहत 11 संपत्तियां कुर्क

जम्मू कश्मीर पुलिस ने यूएपीए कानून के तहत कश्मीर घाटी में इस साल अब तक 11 संपत्तियां कुर्क की हैं. साथ ही पुलिस ने शोपियां जिले में कश्मीरी पंडित सुनील कुमार की हत्या में शामिल आतंकवादी की पहचान कर उसकी संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

properties attached under uapa
कश्मीर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई
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Published : Aug 17, 2022, 5:17 PM IST

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर पुलिस ने बुधवार को कहा कि कश्मीर घाटी में इस साल अब तक 11 संपत्तियां कुर्क (properties attached under uapa) की गई हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया गया था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संपत्तियों की कुर्की में यह शामिल है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी की पूर्व अनुमति के बिना इन संरचनाओं को किसी भी तरह से स्थानांतरित, पट्टे या बेचा नहीं जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि शोपियां जिले में एक कश्मीरी पंडित की हत्या में शामिल आतंकवादी की संपत्ति को कुर्क करने की प्रक्रिया गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत शुरू की गई है.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि संपत्तियों की कुर्की 'आतंकवाद विरोधी अभियान के समग्र दृष्टिकोण' के हिस्से के रूप में की जा रही है. अधिकारी ने कहा कि शोपियां जिले में कश्मीरी पंडित के समुदाय के सुनील कुमार की हत्या में शामिल आतंकवादी की पहचान आदिल अहमद वानी के रूप में की गई है, जो शोपियां के कुटपोरा गांव का रहने वाला है. आदिल वानी के घर को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और उसके परिजनों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

गौरतलब है कि इसी साल 24 मार्च को पुलिस ने चेतावनी दी थी कि आतंकवादियों या उनके सहयोगियों को पनाह देने वाले लोगों की संपत्तियां यूएपीए के तहत कुर्क की जाएंगी. श्रीनगर पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया था, 'कुछ अचल संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिनका उपयोग यूएलपी अधिनियम की धारा 2 (जी) और 25 के अनुसार आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया गया है. आतंकवादियों या उनके सहयोगियों को आश्रय या पनाह न दें. कानूनी कार्रवाई कानून के अनुसार संपत्ति कुर्की द्वारा पूरक होगी.'

इसके बाद, 22 जून को, श्रीनगर में पुलिस ने 'आतंकवादियों को जानबूझकर पनाह देने' के आरोप में पांच आवासीय संपत्तियों को कुर्क किया था. एक पुलिस प्रवक्ता ने बयान में कहा था कि जांच में साबित हुआ कि इन घरों का उपयोग आतंकवाद और आश्रय के उद्देश्य से किया गया था. यह घर के सदस्यों की स्वेच्छा से दिया गया था. इन घरों को ठिकाने के रूप में इस्तेमाल करते हुए आतंकवादियों द्वारा नागरिकों और सुरक्षा बलों पर कई हमलों की साजिश रची और योजना बनाई गई थी. बयान में आगे कहा गया है, 'परिमपोरा थाने के अधिकार क्षेत्र में जहां दो घरों को कुर्क किया गया है, वहीं नौहट्टा, पंथा चौक और जकुरा थाने के तहत एक-एक घर कुर्क किए गए हैं.

यह भी पढ़ें- कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने जम्मू में किया प्रदर्शन, घाटी से स्थानांतरण की मांग

इसी तरह, 28 जुलाई 2022 को पुलिस ने श्रीनगर जिले में ऐसी पांच और संपत्तियां कुर्क कीं. पुलिस के बयान के अनुसार, इनमें से दो संपत्तियां लवायपोरा में हैं, जबकि मलूरा, बटमालू और हरवन में एक-एक संपत्ती है. इन घरों का इस्तेमाल सक्रिय आतंकवादियों ने श्रीनगर जिले में आतंकी कृत्यों की साजिश रचने, योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए ठिकाने के रूप में किया था.

बता दें कि पिछले साल फरवरी में यूएपीए के तहत कुल 61 वाहनों, पांच घरों और छह दुकानों के अलावा जमीन और नकदी को जब्त या कुर्क किया गया था. संपत्ति में अलगाववादी नेताओं और उनके सहयोगियों की संपत्ति शामिल हैं.

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर पुलिस ने बुधवार को कहा कि कश्मीर घाटी में इस साल अब तक 11 संपत्तियां कुर्क (properties attached under uapa) की गई हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया गया था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संपत्तियों की कुर्की में यह शामिल है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी की पूर्व अनुमति के बिना इन संरचनाओं को किसी भी तरह से स्थानांतरित, पट्टे या बेचा नहीं जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि शोपियां जिले में एक कश्मीरी पंडित की हत्या में शामिल आतंकवादी की संपत्ति को कुर्क करने की प्रक्रिया गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत शुरू की गई है.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि संपत्तियों की कुर्की 'आतंकवाद विरोधी अभियान के समग्र दृष्टिकोण' के हिस्से के रूप में की जा रही है. अधिकारी ने कहा कि शोपियां जिले में कश्मीरी पंडित के समुदाय के सुनील कुमार की हत्या में शामिल आतंकवादी की पहचान आदिल अहमद वानी के रूप में की गई है, जो शोपियां के कुटपोरा गांव का रहने वाला है. आदिल वानी के घर को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और उसके परिजनों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

गौरतलब है कि इसी साल 24 मार्च को पुलिस ने चेतावनी दी थी कि आतंकवादियों या उनके सहयोगियों को पनाह देने वाले लोगों की संपत्तियां यूएपीए के तहत कुर्क की जाएंगी. श्रीनगर पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया था, 'कुछ अचल संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिनका उपयोग यूएलपी अधिनियम की धारा 2 (जी) और 25 के अनुसार आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया गया है. आतंकवादियों या उनके सहयोगियों को आश्रय या पनाह न दें. कानूनी कार्रवाई कानून के अनुसार संपत्ति कुर्की द्वारा पूरक होगी.'

इसके बाद, 22 जून को, श्रीनगर में पुलिस ने 'आतंकवादियों को जानबूझकर पनाह देने' के आरोप में पांच आवासीय संपत्तियों को कुर्क किया था. एक पुलिस प्रवक्ता ने बयान में कहा था कि जांच में साबित हुआ कि इन घरों का उपयोग आतंकवाद और आश्रय के उद्देश्य से किया गया था. यह घर के सदस्यों की स्वेच्छा से दिया गया था. इन घरों को ठिकाने के रूप में इस्तेमाल करते हुए आतंकवादियों द्वारा नागरिकों और सुरक्षा बलों पर कई हमलों की साजिश रची और योजना बनाई गई थी. बयान में आगे कहा गया है, 'परिमपोरा थाने के अधिकार क्षेत्र में जहां दो घरों को कुर्क किया गया है, वहीं नौहट्टा, पंथा चौक और जकुरा थाने के तहत एक-एक घर कुर्क किए गए हैं.

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इसी तरह, 28 जुलाई 2022 को पुलिस ने श्रीनगर जिले में ऐसी पांच और संपत्तियां कुर्क कीं. पुलिस के बयान के अनुसार, इनमें से दो संपत्तियां लवायपोरा में हैं, जबकि मलूरा, बटमालू और हरवन में एक-एक संपत्ती है. इन घरों का इस्तेमाल सक्रिय आतंकवादियों ने श्रीनगर जिले में आतंकी कृत्यों की साजिश रचने, योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए ठिकाने के रूप में किया था.

बता दें कि पिछले साल फरवरी में यूएपीए के तहत कुल 61 वाहनों, पांच घरों और छह दुकानों के अलावा जमीन और नकदी को जब्त या कुर्क किया गया था. संपत्ति में अलगाववादी नेताओं और उनके सहयोगियों की संपत्ति शामिल हैं.

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