चरखी दादरी: साल 1990 में अयोध्या में निकाली गई रथ यात्रा में चरखी दादरी के 102 लोगों के दल ने हिस्सा लिया था. बताया जा रहा है कि कुछ लोग ढांचे से ईंटें भी साथ ले आए थे. अब राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है तो चरखी दादरी के कारसेवकों ने पुरानी यादें ताजा की. वरिष्ठ अधिवक्ता जीतराम गुप्ता की अगुवाई में ये दल अयोध्या गया था. उन्होंने बताया कि अयोध्या जाने की कोशिश में कई लोगों को जेल भी जाना पड़ा था. कुछ लोग जैसे-तैसे करीब 100 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर अयोध्या तक पहुंचने में कामयाब रहे.
मेरे साथ 102 लोग अयोध्या गए थे. हम सभी नांगलोई स्टेशन पहुंचे. यहां से हमने 102 टिकट खरीदी. उसी दौरान हमें बताया गया कि तुम सभी पकड़े जाओगे. इसके बाद सब अलग-अलग हो गए और काफी मशक्कत के बाद अयोध्या पहुंचे. पांच-पांच लोगों की टीम बना दी गई. कुल दो टीमें ही वहां पहुंच पाई, बाकी सभी पकड़े गए. ये हमारे लिए बड़ी खुशी की बात है कि अब राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है. हम राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अपने सामने ही देख रहे हैं. इससे बड़ी खुशी की बात नहीं हो सकती.- जीतराम गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता
एडवोकेट जीतराम गुप्ता के साथी ने बताया कि सब काफी मशक्कत के बाद अयोध्या पहुंचे थे. वहां के एक परिवार ने उन सभी को आठ बाई छह के कमरे में 27 लोगों को ठहराया, जबकि दंपती और उनके बच्चे बाहर ढाई फुट के चबूतरे पर बैठे रहे.
रामकिशन शर्मा ने बताया कि साल 1990 में बहुत बड़ा आंदोलन हुआ और पांच-पांच लोगों की टीमें बनी. योजना तैयार की गई कि अगर एक गिरफ्तार हो, तो पांचों गिरफ्तारी देंगे. हम दिल्ली से ट्रेन में बैठे थे. हमें अलीगढ़ में गिरफ्तार कर आगरा जेल में भेज दिया गया. उस दौरान जेल में कोई जगह नहीं थी, जबकि स्कूल व विश्वविद्यालयों को भी जेल बनाया गया. आज रामलला के मंदिर का निर्माण होने की बेहद खुशी है.