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किसान रेल की 1000वीं यात्रा, रेल मंत्री ने दिखाई हरी झंडी - 1000 trip of Kisan Rail flag

किसान रेल की 1000वीं यात्रा को हरी झंडी दिखाई गई. ये ट्रेन सावदा (महाराष्ट्र) से आदर्श नगर (दिल्ली) के लिए रवाना हुई. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसे रवाना किया. पढ़ें पूरी खबर.

1000 trip of Kisan Rail flag
रेल मंत्री ने किसान ट्रेन को दिखाई हरी झंडी
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Published : Feb 3, 2022, 10:44 PM IST

नई दिल्ली : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) और केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) गुरुवार को मध्य रेलवे की 1000वीं किसान रेल सेवा को वेबलिंक के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

सावदा, महाराष्ट्र से आदर्श नगर दिल्ली तक रवाना हुई किसान रेल में 23 डिब्बे हैं जिनमें 453 टन केला ले जाया गया. मध्य रेलवे से अब तक 1000वीं किसान रेल में 3.45 लाख कृषि उपज का परिवहन किया जा चुका है.

इस दौरान केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान है. केंद्र ने किसान रेल के माध्यम से बेहतर मूल्य प्राप्त करने के लिए दूर-दूर के बाजारों में फलों और सब्जियों जैसे फलों और सब्जियों का परिवहन एक ऐसी योजना थी.

वहीं केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की भलाई के लिए विभिन्न कदम उठाती रही है. किसान रेल एक ऐसी पहल है जो किसानों को अपनी कृषि उपज को दूर-दराज के बाजारों तक आर्थिक रूप से और तेजी से पहुंचाने की अनुमति देती है. उन्होंने जीआई-टैग प्राप्त जलगांव के केले का भी गर्व के साथ जिक्र किया. उन्होंने जलगांव के किसानों को बधाई दी और आगे सुधार के लिए सुझाव के लिए भी किसानों से अपील की.

अगस्त 2020 से हुई थी शुरुआत
पहली किसान रेल को देवलाली (महाराष्ट्र) से दानापुर (बिहार) के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और तत्कालीन रेल और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा 7 अगस्त 2020 को वेबलिंक के माध्यम से हरी झंडी दिखाई गई थी. बाद में इस ट्रेन को देवलाली (महाराष्ट्र) और मुजफ्फरपुर (बिहार) के बीच चलाने के लिए बढ़ा दिया गया था. जबकि सांगोला, महाराष्ट्र से शालीमार, पश्चिम बंगाल तक किसान रेल की 100वीं यात्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 दिसंबर, 2020 को हरी झंडी दिखाई थी.

पढ़ें- किसान रेल की सेवा मांग पर आधारित : अश्विनी वैष्णव

साल 2021-22 के दौरान किसान रेल को 750 से अधिक फेरे चलाए गए हैं. स्थापना के बाद से, किसान रेल यात्राओं ने 3.45 लाख टन परिवहन किया है और 132.67 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है.

नई दिल्ली : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) और केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) गुरुवार को मध्य रेलवे की 1000वीं किसान रेल सेवा को वेबलिंक के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

सावदा, महाराष्ट्र से आदर्श नगर दिल्ली तक रवाना हुई किसान रेल में 23 डिब्बे हैं जिनमें 453 टन केला ले जाया गया. मध्य रेलवे से अब तक 1000वीं किसान रेल में 3.45 लाख कृषि उपज का परिवहन किया जा चुका है.

इस दौरान केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान है. केंद्र ने किसान रेल के माध्यम से बेहतर मूल्य प्राप्त करने के लिए दूर-दूर के बाजारों में फलों और सब्जियों जैसे फलों और सब्जियों का परिवहन एक ऐसी योजना थी.

वहीं केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की भलाई के लिए विभिन्न कदम उठाती रही है. किसान रेल एक ऐसी पहल है जो किसानों को अपनी कृषि उपज को दूर-दराज के बाजारों तक आर्थिक रूप से और तेजी से पहुंचाने की अनुमति देती है. उन्होंने जीआई-टैग प्राप्त जलगांव के केले का भी गर्व के साथ जिक्र किया. उन्होंने जलगांव के किसानों को बधाई दी और आगे सुधार के लिए सुझाव के लिए भी किसानों से अपील की.

अगस्त 2020 से हुई थी शुरुआत
पहली किसान रेल को देवलाली (महाराष्ट्र) से दानापुर (बिहार) के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और तत्कालीन रेल और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा 7 अगस्त 2020 को वेबलिंक के माध्यम से हरी झंडी दिखाई गई थी. बाद में इस ट्रेन को देवलाली (महाराष्ट्र) और मुजफ्फरपुर (बिहार) के बीच चलाने के लिए बढ़ा दिया गया था. जबकि सांगोला, महाराष्ट्र से शालीमार, पश्चिम बंगाल तक किसान रेल की 100वीं यात्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 दिसंबर, 2020 को हरी झंडी दिखाई थी.

पढ़ें- किसान रेल की सेवा मांग पर आधारित : अश्विनी वैष्णव

साल 2021-22 के दौरान किसान रेल को 750 से अधिक फेरे चलाए गए हैं. स्थापना के बाद से, किसान रेल यात्राओं ने 3.45 लाख टन परिवहन किया है और 132.67 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है.

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