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निर्भया मामले को पूरे हुए दस साल, नहीं आई ऐसे मामलों में कोई कमी

16 दिसंबर 2022 यानी आज, निर्भया मामले को 10 साल पूरे हो गए (10 years of nirbhaya case) हैं. इस दुर्दांत घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. मामला इतना बड़ा होने के बावजूद पीड़िता के परिवार को 2020 में आखिरकार इंसाफ मिला था. लेकिन इन सब के बावजूद दुख की बात यह है कि आरोपियों इतनी सख्त सजा मिलने के बावजूद ऐसे मामलों में कोई कमी नहीं आई. आइए जानते हैं निर्भया मामले की पूरी टाइमलाइन.

Nirbhaya Case Anniversary
निर्भया मामले को पूरे हुए दस साल, नहीं आई ऐसे मामलों में कोई कमी
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Published : Dec 16, 2022, 11:48 AM IST

Updated : Dec 16, 2022, 2:54 PM IST

नई दिल्ली: देश को हिलाकर रख देने वाले निर्भया रेप केस को आज 10 साल पूरे हो गए (10 years of nirbhaya case) हैं. आज ही के दिन निर्भया बस में सवार दरिंदों का शिकार हुई थी. यही ऐसा केस था जिसने पुलिस की तफ्तीश के तौर-तरीकों में ना सिर्फ बदलकर रख दिया, बल्कि फॉरेंसिक सबूतों में भी ऐसा प्रयोग हुआ जो गुनहगारों को फांसी तक ले जाने में एक नजीर बन गया. वहीं निर्भया मामला, दुनिया का पहला ऐसा केस था जिसमें 164 के बयान, शब्दों के बजाय इशारों से दर्ज कर लिए गए और उसी पर पूरा केस लड़ा गया. लेकिन इन सब के बावजूद हालातों में किसी तरह का बदलाब नहीं आए हैं. एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में पिछले साल हर दिन दो नाबालिग लड़कियों के साथ रेप हुआ और दिल्ली, देशभर में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित महानगर रहा. साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 13,893 मामले दर्ज किए गए जबकि 2020 में यह आंकड़ा 9,783 था. यानी कुल मिलाकर इनमें कमी आने की बजाए ये मामले बढ़े ही.

निर्भया केस के 10 साल पूरे होने पर पीड़िता की मां ने कहा कि, उन्हें बेटी के गुनाहगारों को सजा दिलाने के लिए 8 साल तक लड़ाई लड़नी पड़ी, तब जाकर इंसाफ मिला. लेकिन आज भी रेप के मामलों में ऐसी कई मां और परिवार हैं, जो कई सालों से न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं. जैसे छावला गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरोपियों को सबूतों के आभाव के चलते बरी किए जाने पर पीड़िता का परिवार काफी आहत हुआ. हालांकि मामले में दिल्ली सरकार की ओर से इस फैसले की समीक्षा याचिका को उपराज्यपाल की मंजूरी मिलने से परिवार को नई उम्मीद मिली है लेकिन अब भी पीड़िता के परिवार को लंबी लड़ाई लड़नी है. इसपर निर्भया के परिवार ने कहा कि, बच्चियों के साथ बर्बरता करने वाले न जाने कितने लोग बाहर घूम रहे हैं, जो समाज के लिए खतरा हैं. लेकिन सिस्टम ऐसा बन गया है कि जो सजा दोषियों को मिलनी चाहिए, वो पीड़ितों के परिवारों को मिल रही है. हमारी लड़ाई में भी कई बार फांसी टाली गई और कोर्ट में भी हमें कई सबूत देना पड़ा. पुलिस व्यवस्था को सख्त और न्याय व्यवस्था को तेज होने की जरूरत है.

निर्भया केस की टाइमलाइन-

16 दिसंबर 2012 को दिल्ली की सड़कों पर चलती बस में छह दरिंदों ने पैरामेडिकल की छात्रा (निर्भया) के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी थीं. इस घटना ने न सिर्फ दिल्ली, बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था. आज निर्भया रेप केस को 10 साल पूरे हो गए हैं. जानिए निर्भया रेप केस की पूरी टाइमलाइन.

  • 16 दिसंबर 2012 - चलती बस में एक नाबालिग सहित छह आरोपियों ने निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया.
  • 18 दिसंबर 2012 - दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को गिरफ्तार किया.
  • 21 दिसंबर 2012 - आनंद विहार बस अड्डे से नाबालिग आरोपी को पकड़ा गया.
  • 22 दिसंबर 2012 - छठा आरोपी अक्षय ठाकुर बिहार से गिरफ्तार हुआ.
  • 29 दिसंबर 2012 - उपचार के दौरान निर्भया ने सिंगापुर के अस्पताल में दम तोड़ दिया.
  • 3 जनवरी 2013 - पुलिस ने 5 आरोपियों के खिलाफ हत्या, गैंगरेप, हत्या की कोशिश, अपहरण और डकैती में आरोप पत्र दाखिल किया.
  • 17 जनवरी 2013 - फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पांचों बालिग आरोपियों पर आरोप तय किए.
  • 11 मार्च 2013 - तिहाड़ जेल में आरोपी राम सिंह ने खुदकुशी की.
  • 31 अक्टूबर 2013 - जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिक को गैंगरेप और हत्या का दोषी करार दिया.
  • 10 सितंबर 2013 - फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चार आरोपियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को दोषी ठहराया.
  • 13 सितंबर 2013 - कोर्ट ने चारों दोषियों को मौत की सजा सुनाई.
  • 13 मार्च 2014 - दिल्ली हाईकोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा.
  • 15 मार्च 2014 - सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को फांसी दिए जाने पर रोक लगाई.
  • 20 दिसंबर 2015 - नाबालिग अपराधी को बाल सुधार गृह से रिहा किया गया.
  • 27 मार्च 2016 - सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा.
  • 5 मई 2017 - सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा.
  • 9 जुलाई 2018 - रिव्यू पिटिशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए मौत की सजा को बरकरार रखा.
  • 7 जनवरी 2020 - निर्भया के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी हुआ.
  • 20 मार्च 2020 - चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई.

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नई दिल्ली: देश को हिलाकर रख देने वाले निर्भया रेप केस को आज 10 साल पूरे हो गए (10 years of nirbhaya case) हैं. आज ही के दिन निर्भया बस में सवार दरिंदों का शिकार हुई थी. यही ऐसा केस था जिसने पुलिस की तफ्तीश के तौर-तरीकों में ना सिर्फ बदलकर रख दिया, बल्कि फॉरेंसिक सबूतों में भी ऐसा प्रयोग हुआ जो गुनहगारों को फांसी तक ले जाने में एक नजीर बन गया. वहीं निर्भया मामला, दुनिया का पहला ऐसा केस था जिसमें 164 के बयान, शब्दों के बजाय इशारों से दर्ज कर लिए गए और उसी पर पूरा केस लड़ा गया. लेकिन इन सब के बावजूद हालातों में किसी तरह का बदलाब नहीं आए हैं. एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में पिछले साल हर दिन दो नाबालिग लड़कियों के साथ रेप हुआ और दिल्ली, देशभर में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित महानगर रहा. साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 13,893 मामले दर्ज किए गए जबकि 2020 में यह आंकड़ा 9,783 था. यानी कुल मिलाकर इनमें कमी आने की बजाए ये मामले बढ़े ही.

निर्भया केस के 10 साल पूरे होने पर पीड़िता की मां ने कहा कि, उन्हें बेटी के गुनाहगारों को सजा दिलाने के लिए 8 साल तक लड़ाई लड़नी पड़ी, तब जाकर इंसाफ मिला. लेकिन आज भी रेप के मामलों में ऐसी कई मां और परिवार हैं, जो कई सालों से न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं. जैसे छावला गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरोपियों को सबूतों के आभाव के चलते बरी किए जाने पर पीड़िता का परिवार काफी आहत हुआ. हालांकि मामले में दिल्ली सरकार की ओर से इस फैसले की समीक्षा याचिका को उपराज्यपाल की मंजूरी मिलने से परिवार को नई उम्मीद मिली है लेकिन अब भी पीड़िता के परिवार को लंबी लड़ाई लड़नी है. इसपर निर्भया के परिवार ने कहा कि, बच्चियों के साथ बर्बरता करने वाले न जाने कितने लोग बाहर घूम रहे हैं, जो समाज के लिए खतरा हैं. लेकिन सिस्टम ऐसा बन गया है कि जो सजा दोषियों को मिलनी चाहिए, वो पीड़ितों के परिवारों को मिल रही है. हमारी लड़ाई में भी कई बार फांसी टाली गई और कोर्ट में भी हमें कई सबूत देना पड़ा. पुलिस व्यवस्था को सख्त और न्याय व्यवस्था को तेज होने की जरूरत है.

निर्भया केस की टाइमलाइन-

16 दिसंबर 2012 को दिल्ली की सड़कों पर चलती बस में छह दरिंदों ने पैरामेडिकल की छात्रा (निर्भया) के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी थीं. इस घटना ने न सिर्फ दिल्ली, बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था. आज निर्भया रेप केस को 10 साल पूरे हो गए हैं. जानिए निर्भया रेप केस की पूरी टाइमलाइन.

  • 16 दिसंबर 2012 - चलती बस में एक नाबालिग सहित छह आरोपियों ने निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया.
  • 18 दिसंबर 2012 - दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को गिरफ्तार किया.
  • 21 दिसंबर 2012 - आनंद विहार बस अड्डे से नाबालिग आरोपी को पकड़ा गया.
  • 22 दिसंबर 2012 - छठा आरोपी अक्षय ठाकुर बिहार से गिरफ्तार हुआ.
  • 29 दिसंबर 2012 - उपचार के दौरान निर्भया ने सिंगापुर के अस्पताल में दम तोड़ दिया.
  • 3 जनवरी 2013 - पुलिस ने 5 आरोपियों के खिलाफ हत्या, गैंगरेप, हत्या की कोशिश, अपहरण और डकैती में आरोप पत्र दाखिल किया.
  • 17 जनवरी 2013 - फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पांचों बालिग आरोपियों पर आरोप तय किए.
  • 11 मार्च 2013 - तिहाड़ जेल में आरोपी राम सिंह ने खुदकुशी की.
  • 31 अक्टूबर 2013 - जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिक को गैंगरेप और हत्या का दोषी करार दिया.
  • 10 सितंबर 2013 - फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चार आरोपियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को दोषी ठहराया.
  • 13 सितंबर 2013 - कोर्ट ने चारों दोषियों को मौत की सजा सुनाई.
  • 13 मार्च 2014 - दिल्ली हाईकोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा.
  • 15 मार्च 2014 - सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को फांसी दिए जाने पर रोक लगाई.
  • 20 दिसंबर 2015 - नाबालिग अपराधी को बाल सुधार गृह से रिहा किया गया.
  • 27 मार्च 2016 - सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा.
  • 5 मई 2017 - सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा.
  • 9 जुलाई 2018 - रिव्यू पिटिशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए मौत की सजा को बरकरार रखा.
  • 7 जनवरी 2020 - निर्भया के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी हुआ.
  • 20 मार्च 2020 - चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई.

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Last Updated : Dec 16, 2022, 2:54 PM IST
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