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इंटरसेप्टर AD-1 मिसाइल 5 हजार किमी दूर से दागी गई मिसाइल नष्ट कर सकती है: कामत

डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर कामत ने कहा है कि बुधवार को हमने इंटरसेप्टर AD-1 मिसाइल का परीक्षण किया था, इससे हमें 5000 किलोमीटर तक की दूरी पर मिसाइल को नष्ट करने में मदद मिलेगी.

drdo chief dr samir kamat
डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर कामत
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Published : Nov 3, 2022, 3:58 PM IST

Updated : Nov 16, 2022, 4:09 PM IST

नई दिल्ली : डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर कामत ने कहा है कि बुधवार को हमने इंटरसेप्टर AD-1 मिसाइल का परीक्षण किया था, इससे हमें 5000 किलोमीटर तक की दूरी पर मिसाइल को नष्ट करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि ये बैलिस्टिक मिसाइल के क्षेत्र में हमारी क्षमता में बड़ी बढ़ोतरी है. कामत ने द्वितीय चरण बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस इंटरसेप्टर AD-1 मिसाइल के पहले उड़ान परीक्षण के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि हमने शुरुआत में 2000 किमी वर्ग की आने वाली मिसाइलों को नष्ट करने के लिए बीएमडी चरण 1 क्षमता विकसित की थी, लेकिन कल के परीक्षण के बाद अब हम 5000 किमी वर्ग क्षेत्र की किसी भी मिसाइल को नष्ट करने में सक्षम हो गए हैं.

  • कल हमने जो परीक्षण किया है, इससे हमें 5000 किलोमीटर तक की दूरी पर मिसाइल को नष्ट करने में मदद मिलेगी। ये बैलिस्टिक मिसाइल के क्षेत्र में हमारी क्षमता में बड़ी बढ़ोतरी है: इंटरसेप्टर AD-1 मिसाइल के परीक्षण पर DRDO प्रमुख डॉ. समीर कामत pic.twitter.com/UFuRoHEbAI

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) November 3, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने आगे बताया कि अब अगर हमारे दुश्मन लंबी दूरी से निशाना साधते हैं, तो अब हमारे पास इंटरसेप्ट करने की क्षमता है. बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ हमारी क्षमता में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. डॉ कामत ने यह भी बताया कि एक बार जब हमारे रडार दुश्मन की मिसाइल को पकड़ लेंगे, तो यह इसे ट्रैक करने में सक्षम होगा. हमारी रक्षा प्रणाली को सक्रिय किया जा सकता है और मिसाइल को इंटरसेप्ट किया जा सकता है. यह मुख्य रूप से एंडो-एटमॉस्फेरिक है लेकिन यह कम एक्सो-वायुमंडलीय क्षेत्र में भी काम करता है। हम समानांतर रूप से उच्च एक्सो-वायुमंडलीय क्षेत्र के लिए विकास कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जब एडी-1 मिसाइल के उड़ान परीक्षण के बाद पूरा सिस्टम डेवलप होने के बारे में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि 2025 तक हम इस पूरे सिस्टम को पूरी तरह से विकसित कर लेंगे. हमें अपनी क्षमता साबित करने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि इस सिस्टम में एडी-1 मिसाइल के साथ-साथ उच्च एक्सो-वायुमंडलीय मिसाइल भी शामिल है. उन्होंने कहा कि हमें 2025 तक इसे बनाने का पूरा भरोसा है. बता दें कि बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर एडी-1 मिसाइल का परीक्षण एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया था.

ये भी पढ़ें - भारत ने किया BMD इंटरसेप्टर एडी-1 मिसाइल के दूसरे चरण का सफल परीक्षण

नई दिल्ली : डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर कामत ने कहा है कि बुधवार को हमने इंटरसेप्टर AD-1 मिसाइल का परीक्षण किया था, इससे हमें 5000 किलोमीटर तक की दूरी पर मिसाइल को नष्ट करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि ये बैलिस्टिक मिसाइल के क्षेत्र में हमारी क्षमता में बड़ी बढ़ोतरी है. कामत ने द्वितीय चरण बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस इंटरसेप्टर AD-1 मिसाइल के पहले उड़ान परीक्षण के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि हमने शुरुआत में 2000 किमी वर्ग की आने वाली मिसाइलों को नष्ट करने के लिए बीएमडी चरण 1 क्षमता विकसित की थी, लेकिन कल के परीक्षण के बाद अब हम 5000 किमी वर्ग क्षेत्र की किसी भी मिसाइल को नष्ट करने में सक्षम हो गए हैं.

  • कल हमने जो परीक्षण किया है, इससे हमें 5000 किलोमीटर तक की दूरी पर मिसाइल को नष्ट करने में मदद मिलेगी। ये बैलिस्टिक मिसाइल के क्षेत्र में हमारी क्षमता में बड़ी बढ़ोतरी है: इंटरसेप्टर AD-1 मिसाइल के परीक्षण पर DRDO प्रमुख डॉ. समीर कामत pic.twitter.com/UFuRoHEbAI

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) November 3, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने आगे बताया कि अब अगर हमारे दुश्मन लंबी दूरी से निशाना साधते हैं, तो अब हमारे पास इंटरसेप्ट करने की क्षमता है. बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ हमारी क्षमता में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. डॉ कामत ने यह भी बताया कि एक बार जब हमारे रडार दुश्मन की मिसाइल को पकड़ लेंगे, तो यह इसे ट्रैक करने में सक्षम होगा. हमारी रक्षा प्रणाली को सक्रिय किया जा सकता है और मिसाइल को इंटरसेप्ट किया जा सकता है. यह मुख्य रूप से एंडो-एटमॉस्फेरिक है लेकिन यह कम एक्सो-वायुमंडलीय क्षेत्र में भी काम करता है। हम समानांतर रूप से उच्च एक्सो-वायुमंडलीय क्षेत्र के लिए विकास कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जब एडी-1 मिसाइल के उड़ान परीक्षण के बाद पूरा सिस्टम डेवलप होने के बारे में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि 2025 तक हम इस पूरे सिस्टम को पूरी तरह से विकसित कर लेंगे. हमें अपनी क्षमता साबित करने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि इस सिस्टम में एडी-1 मिसाइल के साथ-साथ उच्च एक्सो-वायुमंडलीय मिसाइल भी शामिल है. उन्होंने कहा कि हमें 2025 तक इसे बनाने का पूरा भरोसा है. बता दें कि बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर एडी-1 मिसाइल का परीक्षण एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया था.

ये भी पढ़ें - भारत ने किया BMD इंटरसेप्टर एडी-1 मिसाइल के दूसरे चरण का सफल परीक्षण

Last Updated : Nov 16, 2022, 4:09 PM IST
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