होली SPECIAL : सुनिये पारंपरिक सरगुजिहा फाग गीत - फाग
🎬 Watch Now: Feature Video
![ETV Thumbnail thumbnail](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/320-214-11163101-thumbnail-3x2-img----copy.jpg)
सरगुजा : रंगों के त्योहार होली में देश में अलग-अलग क्षेत्रों में फाग गीत गाया जाता है. फाग स्थान के बदलने पर स्थानीय बोली के आधार पर बदलता रहता है. ETV भारत छत्तीसगढ़ की अलग-अलग बोलियों में स्थानीय कलाकारों की जुबानी फाग गीत आप तक पहुंचा रहा है. सरगुजिहा साहित्य के जानकार और सरगुजा की स्कूलों में बच्चों को छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम की किताबों में सरगुजिहा बोली पढ़ाये जाने के मुख्य आधार रंजीत सारथी ने इस होली में फाग गीत विशेष ETV भारत के लिये लिखा है. उनकी ही जुबानी सुनिए सरगुजिहा फाग गीत, 'तोला भेदे रे गुनाय, डसना मा नींदे नही आय' हिंदी में इस लाइन का मतलब है, 'तुमको ऐसी चिंता सता रही है की बिस्तर में भी नींद नही आ रही है'. इस गीत के गीतकार और गायक रंजीत सारथी हैं. म्यूजिक में उनके साथ इंद्र सारथी, हारमोनियम पर सुभाष, ढोलक में कुमार अभिषेक और गीत गुप्ता ने परकशन पर साथ निभाया है.