Pariksha Pe Charcha 2023: परीक्षा पे चर्चा में रायपुर केपीएस की अदिति दीवान ने पीएम से जाना टाइम मैनेजमेंट
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रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजदानी रायपुर के कृष्णा पब्लिक स्कूल की 12वीं की स्टूडेंट अदिति दीवान ने पूछा कि '' मैं इस बात को लेकर चिंतित रहती हूं कि मुझे बहुत कुछ करना है, लेकिन अंतिम तक मैं कुछ भी नहीं कर पाती हूं, क्योंकि मेरे पास बहुत सारे कार्य होते हैं. यदि मैं अपना कोई काम समय पर पूरा कर भी लूं तो और ज्यादा परेशान हो जाती हूं. क्योंकि फिर अन्य कार्यों को करने में या तो बहुत ज्यादा देर लगा देती हूं या तो उन्हें आगे तक के लिए टाल देती हूं. मैं यह जानने के लिए उत्सुक हूं कि मैं अपने सारे कार्य समय पर कैसे करूं.''
जीवन में टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी: पीएम मोदी ने कहा कि, ''सिर्फ परीक्षा नहीं, जीवन में भी टाइम मैनेजमेंट के लिए जागरूक रहना चाहिए. काम में देर इसलिए होती है, क्योंकि समय पर वो किया नहीं जाता. काम करने की कभी थकान नहीं होती. काम करने से संतोष होता है. काम ना करने से थकान लगती है. सामने दिखता है कि इतना सारा काम है. आप कभी कागज पर पेन पेंसिल लेकर डायरी पर लिखिए. एक हफ्ते भर आप नोट कीजिए कि आप अपना समय कहां बिताते हैं. पढ़ाई करते हैं तो कितना समय किस विषय को देते हैं. उसमें भी शॉर्टकट ढूंढते हैं कि बेसिक में जाते हैं. आप एनालिसिल कीजिए. आपको पता चलेगा कि पसंद की चीजों में सबसे ज्यादा समय लगाते हैं. उसी में खोए रहते हैं. जरूरी विषय आपको बोझ लगने लगते हैं. पढ़ने में भी जब फ्रेश माइंड है, तब सबसे कम पसंद और कठिन विषयों को पढ़िए. फिर पसंद वाला, फिर थोड़ा कम पसंद वाला विषय. ऐसे आपको रिलैक्सेशन मिलेगा और रूचि बढ़ेगी.'
मां से सीखे टाइम का माइक्रो मैनेजमेंट: 'मुझे पतंग का बहुत शौक था. पतंग का मांझा उलझकर गुच्छा बन जाता है. धीरे धीरे एक एक तार को पकड़कर उसे सुलझाना होता है. धीरे धीरे बड़ा गुच्छा भी आराम से खुल जाएगा. हमें भी जोर जबरदस्ती नहीं करनी है. समाधान आराम से निकालना है. अगर ऐसा करेंगे तो ये हो जाएगा. कभी घर में मां को काम करते देखा है क्या. अच्छा लगता है कि स्कूल जाना है, स्कूल से आना है...मां सब रेडी करके रखती है. मां का टाइम मैनेजमेंट कितना बढ़िया है. सबसे ज्यादा काम मां ही करती रहती है. किसी काम में उसे बोझ नहीं लगता. उसे मालूम है कि मुझे इतने घंटे में ये काम करना ही है. एक्स्ट्रा टाइम में भी वो कुछ ना कुछ क्रिएटिव करती रहेगी. अगर मां को ढंग से ऑब्जर्व करेंगे तो आप छात्र के तौर पर टाइम मैनेजमेंट कर लेंगे. माइक्रो मैनेजमेंट करना होगा.'