Dantewada Phagun Madai: फागुन मड़ई के दसवें दिन दंतेश्वरी माता की पालकी के साथ नगर भ्रमण पर निकले बस्तर के महाराज

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Published : Mar 8, 2023, 10:44 PM IST

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दंतेवाड़ा: विश्व प्रसिद्ध फागुन मड़ई के दसवें दिन मां दंतेश्वरी मंदिर से 900 से ज्यादा ग्राम देवी देवताओं के साथ मां दंतेश्वरी की पालकी नगर भ्रमण के लिए निकाली गई. इसमें बस्तर की संस्कृति और परंपरा के कई रंग देखने को मिले, जिनसे अमूमन लोग अनजान रहा करते हैं. फागुन मड़ई के दसवें दिन बस्तर के महाराजा कमल चंद भंजदेव दंतेवाड़ा पहुंचते हैं. 

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मां दंतेश्वरी देवी के प्रथम पुजारी महाराजा कमल चंद: वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार महाराजा कमल चंद भंजदेव मां दंतेश्वरी देवी के प्रथम पुजारी हैं. इसलिए फागुन मड़ई में पहली पूजा विधि विधान से गर्भ गृह में बस्तर महाराजा कमल चंद भंजदेव करते हैं. दोपहर के बाद मां दंतेश्वरी की डोली के साथ दूरदराज से आए 900 से ज्यादा देवी देवता ढोल, नगाड़े, मांदर की थाप पर बस्तरिया नृत्य के साथ मां दंतेश्वरी की डोली के आगे आगे चलते हैं.
 

गर्भगृह से स्वयं बाहर आती हैं माता: मान्यता यह भी है कि फागुन मड़ई में मां दंतेश्वरी अपने गर्भगृह से स्वयं बाहर निकलती हैं. माता दंतेश्वरी दंतेवाड़ा नगर का पूरा भ्रमण करती हैं. बस्तर महाराजा कमल चंद भंजदेव और मंदिर के पुजारी को पालकी में बैठाकर डोली के पीछे-पीछे भ्रमण कराया जाता है. मां दंतेश्वरी की पालकी को श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह रोका जाता है, जहां श्रद्धालु अपनी इच्छा के मुताबिक मनोकामना मांगते हैं. पूरे नगर भ्रमण के बाद मां दंतेश्वरी को मंदिर लाया जाता है. 

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