Dhamtari latest news:धमतरी में ग्रामीणों ने किया कलेक्टोरेट का घेराव, जानिए गांव में काॅलेज खोलने का क्यों हो रहा विरोध
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रायपुर: आम तौर पर लोग विकास कार्यों की मांग को लेकर आंदोलन, चक्काजाम, घेराव करते हैं. लेकिन धमतरी के परेवाडीह गांव के लोगों ने अपने गांव में प्रस्तावित उद्यानिकी महाविद्यालय के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. ग्रामीण नहीं चाहते कि उनके गांव में कोई काॅलेज खुले. ग्रामीणों ने बताया कि "अगर महाविद्यालय बनता है तो श्मशान, गौठान और चराई के लिए जमीन नहीं बचेगी. शवों को सड़क के किनारे दफनाना पड़ेगा और 5 हजार की आबादी वाले गांव में जीना मुश्किल हो जाएगा."
सीईओ पर धमकाकर एनओसी लेने का आरोप: मामले में सरपंच ने जनपद सीईओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि "सीईओ ने धमका कर सरपंच और सचिव से महाविद्यालय के लिए पंचायत की एनओसी ले ली थी." हालांकि सीईओ ने आरोपों को गलत बताया है. फिलहाल ग्रामीणों से चर्चा के बाद जिला प्रशासन ने इस प्रस्ताव की फिर से समीक्षा कर समस्या का हल निकालने का फैसला किया है.
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11 ट्रैक्टर और बाइकों पर सवार होकर आए ग्रामीण: सोमवार को धमतरी के परेवाडीह के ग्रामीण बड़ी संख्या में पहुंचे और कलेक्ट्रेट का घेराव किया. ग्रामीण 11 ट्रैक्टर और बाइक से पहुंचे थे. ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौपा. आवेदन के अनुसार उद्यानिकी महाविद्यालय धमतरी की ओर से उद्यानिकी महाविद्यालय के लिए ग्राम परेवाडीह तहसील धमतरी से 20.69 हेक्टेयर जमीन मांगी गई थी. ग्राम विकास समिति परेवाडीह के साथ ही परेवाडीह के लोगों मे कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराई.
इसलिए गांववालों ने दर्ज कराई आपत्ति: जिस जगह को काॅलेज के लिए चुना गया, वह जगह मवेशी के चारागाह और ग्रामीण स्वरोजगार के लिए आरक्षित है. इसमें गोठान के लिए चारा फसल लग चुका है और कई तरह के पौधों को रोप भी दिया गया है. यह गांव के बेरोजगारों सहित कई परिवार की जीविका चलाने का साधन बन रहा है. इसलिए सभी गांववालों ने उद्यानिकी महाविद्यालय को निरस्त करने का प्रस्ताव किया है.
निस्तारी के लिए भी नहीं बचेगी जमीन: ग्रामीण बैसाखू राम साहू और शिवदयाल साहू ने बताया कि "महाविद्यालय खुलने से ग्रामीणों के लिए निस्तारी के लिए जमीन नही बचेगी." वहीं सरपंच ने जनपद सीईओ पर धमका चमका कर महाविद्यालय के लिए पंचायत की एनओसी हासिल करने का आरोप लगाया है. हालांकि सीईओ ने सभी आरोपों को गलत बताया है. फिलहाल ग्रामीणों की जिला प्रशासन से चर्चा के बाद इस प्रस्ताव का नए सिरे के समीक्षा करने का फैसला लिया गया है.