Bastar Police Triveni Bhavan: बस्तर का त्रिवेणी परिसर, समर्पित नक्सलियों के लिए बनेगा मील का पत्थर - बस्तर आईजी सुंदरराज पी
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जगदलपुर : बस्तर पिछले चार दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. नक्सलियों के विचारधारा में बस्तर के आदिवासी भी शामिल होकर नक्सली संगठन में बड़े-बड़े पदों पर काम कर रहे हैं. बस्तर संभाग के सभी नक्सलियों और बाहरी नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने के लिए बस्तर पुलिस प्रत्येक जिलों में अलग-अलग नक्सल उन्मूलन अभियान चला रही है.अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों को पुलिस सरकार की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए त्रिवेणी कार्य योजना के तहत काम करवा रही है. इस त्रिवेणी कार्य योजना के क्रियान्वयन के लिए जगदलपुर में एक त्रिवेणी भवन का निर्माण लाखों रुपए की लागत से किया जा रहा है. जिसमें शासन की पुनर्वास नीति के तहत किए जाने वाले कार्यों की योजना तैयार की जाएगी. इस भवन का शुभारंभ जल्द ही बस्तर पुलिस करेगी.
नक्सलियों को दिखाई जाएगी नई राह : बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि '' बस्तर में विकास विश्वास और सुरक्षा त्रिवेणी कार्य योजना के तहत संभाग के अंदरूनी क्षेत्रों में पुल पुलिया और सड़क निर्माण का काम किया जा रहा है. इसके अलावा बस्तर संभाग के सभी जिलों में अलग-अलग नामों से नक्सल उन्मूलन अभियान चलाते हुए नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने के लिए अपील भी की जा रही है. इन्हीं कार्यों की समीक्षा के लिए जगदलपुर में त्रिवेणी भवन का निर्माण किया गया है.जल्द ही इस भवन का शुभारंभ किया जाएगा. और बस्तर संभाग में आत्मसमर्पण कर रहे नक्सलियों की पुनर्वास के लिए योजना तैयार करके क्रियान्वयन किया जाएगा. इसके अलावा नक्सलियों के खिलाफ रणनीति भी इसी भवन में तैयार किया जायेगा.
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समस्या का हल बंदूक नहीं : किसी भी समस्या का हल हथियार और हिंसा से नहीं हो सकता.पुलिस और सरकार का मानना है कि नक्सली खुद ही फैसला लें कि क्या सही है और क्या गलत.हथियार उठाकर अपने ही जवान भाईयों का कत्लेआम करना, बेकसूर ग्रामीणों को जनअदालत लगाकर मारना इन सबका आखिर अंत क्या होगा.वहीं यदि नक्सली समाज की मुख्यधारा से जुड़कर अपने हथियार छोड़कर दूसरों को भी योजनाओं के प्रति प्रेरित करेंगे तो गांवों का विकास निश्चित है.