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Covid19 Effect : कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद भी 1 से ज्यादा बीमारियों का रहता है खतरा, बरतें ये सावधानी - covid19 effect

शोधकर्ताओं ने यह नोट किया कि वायरस से संक्रमित होने के बाद पहले चार हफ्तों में 81 प्रतिशत कोविड रोगियों (post covid 19 condition) को (Covid side effecct) मधुमेह होने का पता चला. कोविड संक्रमण हृदय विकारों और मधुमेह (Diabetes and Heart disease risk) के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है.

side effect after covid 19 is heart disease diabetes risk post long covid conditions
कोरोना वायरस के बाद सावधानी
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Published : Jul 21, 2022, 1:59 PM IST

लंदन: कोविड-19 से संक्रमित मरीजों में हृदय रोग और मधुमेह विकसित होने का खतरा अधिक होता है, खासकर संक्रमण के बाद (Post COVID Conditions) के तीन महीनों में. एक नए शोध में यह पता चला है. वैज्ञानिक तेजी से कोविड-19 को एक बहु-प्रणाली की स्थिति के रूप में पहचान रहे हैं जो पूरे शरीर में बीमारी का कारण बन सकती है, संभवत: उन मार्गो को ट्रिगर करके जो सूजन का कारण बनते हैं.

लंदन के किंग्स कॉलेज (Kings College London) के शोधकर्ताओं ने 428,000 से अधिक कोविड रोगियों और इतने ही अज्ञात मेडिकल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि कोविड रोगियों में (Covid side effecct) मधुमेह और हृदय रोग (Diabetes and Heart disease risk) उन लोगों की तुलना में ज्यादा होते हैं, जिन्हें कभी संक्रमण नहीं हुआ था.

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ओपन एक्सेस जर्नल पीएलओएस मेडिसिन (Open access journal PLOS Medicine) में प्रकाशित विश्लेषण से पता चला है कि वायरस से संक्रमित होने के बाद पहले चार हफ्तों में 81 प्रतिशत कोविड रोगियों (post covid 19 condition) को मधुमेह होने का पता चला. संक्रमण के बाद 12 सप्ताह तक (Long COVID Conditions) उनका जोखिम 27 प्रतिशत तक बढ़ गया था.

कोविड समग्र रूप से हृदय निदान में छह गुना वृद्धि के साथ जुड़ा था, मुख्य रूप से फुफ्फुसीय अंत: शल्यता (फेफड़ों में रक्त के थक्के) और अनियमित दिल की धड़कन के विकास के कारण. एक नए हृदय रोग निदान का जोखिम संक्रमण के पांच सप्ताह बाद कम होना शुरू हो गया और बेसलाइन स्तर पर वापस आ गया या एक वर्ष से लेकर 12 सप्ताह के भीतर कम हो गया.

शोधकर्ताओं ने यह भी नोट किया कि कोविड संक्रमण हृदय संबंधी विकारों और मधुमेह (Cardiovascular disorders and Diabetes risk) के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है. इन निष्कर्षो के आधार पर टीम ने अनुशंसा की कि डॉक्टर अपने रोगियों को आहार और व्यायाम के माध्यम से मधुमेह के जोखिम को कम करने की सलाह दें.

टीम ने कहा,"हृदय की स्थिति और मधुमेह के विकास पर कोविड-19 के दीर्घकालिक प्रभावों पर इस बहुत बड़े जनसंख्या आधारित अध्ययन से मिली जानकारी उन लाखों लोगों का प्रबंधन करने वाले डॉक्टरों के लिए अत्यंत मूल्यवान होगी, जिन्हें कोविड-19 हो चुका है". इससे स्पष्ट है कि कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद कम से कम पहले 3 महीनों में विशेष सतर्कता की जरूरी है.

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लंदन के किंग्स कॉलेज (Kings College London) के शोधकर्ताओं ने 428,000 से अधिक कोविड रोगियों और इतने ही अज्ञात मेडिकल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि कोविड रोगियों में (Covid side effecct) मधुमेह और हृदय रोग (Diabetes and Heart disease risk) उन लोगों की तुलना में ज्यादा होते हैं, जिन्हें कभी संक्रमण नहीं हुआ था.

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ओपन एक्सेस जर्नल पीएलओएस मेडिसिन (Open access journal PLOS Medicine) में प्रकाशित विश्लेषण से पता चला है कि वायरस से संक्रमित होने के बाद पहले चार हफ्तों में 81 प्रतिशत कोविड रोगियों (post covid 19 condition) को मधुमेह होने का पता चला. संक्रमण के बाद 12 सप्ताह तक (Long COVID Conditions) उनका जोखिम 27 प्रतिशत तक बढ़ गया था.

कोविड समग्र रूप से हृदय निदान में छह गुना वृद्धि के साथ जुड़ा था, मुख्य रूप से फुफ्फुसीय अंत: शल्यता (फेफड़ों में रक्त के थक्के) और अनियमित दिल की धड़कन के विकास के कारण. एक नए हृदय रोग निदान का जोखिम संक्रमण के पांच सप्ताह बाद कम होना शुरू हो गया और बेसलाइन स्तर पर वापस आ गया या एक वर्ष से लेकर 12 सप्ताह के भीतर कम हो गया.

शोधकर्ताओं ने यह भी नोट किया कि कोविड संक्रमण हृदय संबंधी विकारों और मधुमेह (Cardiovascular disorders and Diabetes risk) के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है. इन निष्कर्षो के आधार पर टीम ने अनुशंसा की कि डॉक्टर अपने रोगियों को आहार और व्यायाम के माध्यम से मधुमेह के जोखिम को कम करने की सलाह दें.

टीम ने कहा,"हृदय की स्थिति और मधुमेह के विकास पर कोविड-19 के दीर्घकालिक प्रभावों पर इस बहुत बड़े जनसंख्या आधारित अध्ययन से मिली जानकारी उन लाखों लोगों का प्रबंधन करने वाले डॉक्टरों के लिए अत्यंत मूल्यवान होगी, जिन्हें कोविड-19 हो चुका है". इससे स्पष्ट है कि कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद कम से कम पहले 3 महीनों में विशेष सतर्कता की जरूरी है.

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