हैदराबाद : बढ़ती उम्र के साथ ही शरीर पहले की तरह काम नहीं करता है. यह बात ओवर-द-काउंटर दवाओं पर भी लागू होती है. शरीर का जठरांत्र तंत्र ( Gastrointestinal system ) दवा को जल्दी से ग्रहण नहीं कर पाता है. यदि आपको लीवर की बीमारी है, तो दवा रक्त में रह सकती है. यह खून तक धीरे-धीरे ही पहुंचेगा. किडनी की बीमारी के कारण शरीर द्वारा उपयोग की जाने वाली बाकी दवाएं ठीक से उत्सर्जित नहीं हो पाती हैं. ओवर-द-काउंटर दवाएं, जिन्हें अक्सर हानिरहित सहायता माना जाता है, बढ़ती उम्र के साथ शरीर की कार्यप्रणाली में बदलाव के कारण चुनौतियां पैदा कर सकती हैं. आगे हम जानेंगे कि विभिन्न दवाओं के सेवन में थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है
दर्द निवारक : बुढ़ापे में विभिन्न दर्द की समस्याओं के लिए अलग-अलग दवाएं ली जाती हैं. इबुप्रोफेन, एस्पिरिन और नेप्रोक्सन जैसी एनएसएआईडी-प्रकार की दवाएं अन्य दवाओं की प्रभावशीलता पर प्रभाव डालती हैं. विशेष रूप से, रक्त को पतला करने वाली, ग्लूकोज कम करने वाली, मूत्रवर्धक और रक्तचाप प्रबंधन (High or low BP ) करने वाली दवाओं के प्रभाव को कम कर सकती हैं. इसके अलावा ये दर्द निवारक दवाएं लीवर, हृदय, किडनी, पेट और आंतों जैसे अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं.
मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं - मांसपेशियों की ऐंठन से निपटने के लिए दी जाने वाली मेथोकार्बामोल, साइक्लोबेनज़ाप्राइन और कैरिसोप्रोडोल जैसी दवाएं चक्कर आने जैसे दुष्प्रभावों के साथ आती हैं, जिससे गिरने व चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है.
डायबिटीज की दवाएं - लंबे समय तक काम करने वाली सल्फोनील्यूरिया दवाएं कम ब्लड शुगर के स्तर को प्रेरित कर सकती हैं, जिससे भ्रम, कंपकंपी, ठंडा पसीना, भूख और थकान जैसे लक्षण हो सकते हैं, गंभीर मामलों में संभवतः बेहोशी हो सकती है या यदि तुरंत इलाज नहीं किया गया तो मृत्यु भी हो सकती है.
सर्दी उपचार की दवाएं - एंटीहिस्टामाइन, जो आमतौर पर सर्दी के लक्षणों के लिए उपयोग की जाती है व राहत प्रदान करती है, लेकिन वृद्ध व्यक्तियों में उनींदपन और भ्रम को बढ़ा सकती है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है और उनके प्रभाव में रहते हुए ड्राइविंग या बाहर जाने से बचने की सलाह दी जाती है.
चिंता व डिप्रेसन ( Anxiety medications ) की दवाएं- डिप्रेसन व चिंता को कम करने के लिए दी जाने वाली बेंजोडायजेपाइन शरीर में लंबे समय तक बनी रह सकती है, भ्रम पैदा कर सकती हैं और एक दिन के सेवन के बाद भी गिरने/दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है.
कब्ज का उपचार ( Constipation medications ) - बिसाकोडाइल जैसी रेचक दवाएं ( Laxative drugs ) जो आमतौर पर कब्ज से निपटने के लिए उपयोग की जाती हैं, का उपयोग सावधानी से करना चाहिए और लंबी अवधि के लिए नहीं, क्योंकि लंबे समय तक उपयोग से समस्या बनी रह सकती है.
संयोजन औषधियाँ ( Combination drugs ) - ओवर-द-काउंटर संयोजन, जैसे डीकॉन्गेस्टेंट और एंटीहिस्टामाइन युक्त ठंडी दवाएं चक्कर आना, भ्रम, उनींदपन और रक्तचाप में वृद्धि का कारण बन सकती हैं, जिनके संभावित प्रभावों पर सावधानीपूर्वक विचार करने और जागरूकता की आवश्यकता होती है.
ओवर-द-काउंटर दवाओं का उपयोग करते समय वृद्ध वयस्कों में सावधानी और जागरूकता जरूरी है. हालाँकि ये दवाएँ आवश्यक सहायता के रूप में काम करती हैं, लेकिन उम्रदराज शरीर पर उनकी परस्पर क्रिया और प्रभाव के लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है. साथ ही स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ चर्चा, दवा के उपयोग पर सतर्क नजर बनाए रखना और संभावित दुष्प्रभावों को समझना शामिल है.