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सूरजपुरः दिव्यांग होने के बावजूद नहीं मिल रही सरकारी सुविधाएं - vision impaired shyam sai paikra

श्याम साय पैंकरा दोनों आंखों से दृष्टिबाधित होने के बाद भी सरकारी लाभ से वंचित है. ग्राम पंचायत खजूरी का रहने वाले दिव्यांग का 2002 की गरीबी रेखा सर्वे सूची में नाम नहीं है. जिसके लिए वह शासन और प्रशासन के लोगों से मिलकर गुहार लगा रहा है.

Divyanga not get government facilities, नहीं मिल रही सरकारी सुविधाएं
दिव्यांग होने के बावजूद नहीं मिल रही सरकारी सुविधाएं
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Published : Mar 19, 2021, 10:53 PM IST

सूरजपुरः दोनों आंखों से दृष्टिबाधित होने के बावजूद दिव्यांग श्यामसाय पैंकरा को सरकारी सुविधाएं नहीं मिल रही है. वे पेंशन के लिए पात्र नहीं है. दिव्यांग का 2002 के गरीबी रेखा सर्वे सूची में नाम नहीं है. पेंशन से वंचित दिव्यांग श्याम साय पैंकरा ग्राम पंचायत खजूरी के रहना वाला है. दिव्यांग पूर्व में भी कई मंत्रियों और अधिकारियों से पेंशन स्वीकृत कराने फरियाद लगा चुके हैं. लेकिन किसी ने भी अब तक इसी नहीं सुनी.

दोनों आंखों से दिव्यांग श्याम साय पैकरा
राशन कार्ड बनवाने जनपद कार्यालय पहुंचा दिव्यांग श्याम साय पैंकरा ने बताया कि वह जन्म से ही दोनों आंखों से नहीं देख सकता है. खजूरी में उसका पूरा परिवार बचपन से रहता है, लेकिन अब तक उसे कोई सरकारी लाभ नहीं मिला है. उसने बताया कि खेती के लिए थोड़ा जमीन है उसी से वह जीवन यापन करता है. दोनों आंखों से दिव्यांग श्याम साय के सामने सबसे बड़ी परेशानी है कि वह आज तक पेंशन से वंचित है.

प्राथमिक शाला भवन नहीं होने से बच्चों को पढ़ाई में हो रही परेशानी

सूची में नाम न होने से हो रही दिक्कत

पीड़ित दिव्यांग ने बताया कि 2002 की सूची में उसका नाम नहीं होने के कारण उसे पेंशन के लिए पात्र नहीं माना जा रहा है. बरहाल दोनों आंखों से दिव्यांग होने के बावजूद श्याम साय पेंशन से वंचित है और गरीबी रेखा सर्वे सूची में नाम गायब है. जिससे प्रशासन के अधिकारी पात्र होने के बावजूद उसे अपात्र बता रहे हैं. दिव्यांग ने शासन से मांग किया कि पेंशन के लिए नियमों को शिथिल करना चाहिए ताकि दिव्यांग व्यक्ति को उनका हक मिल सके.
राशन कार्ड बनवाने के लिए काट रहा कार्यालय का चक्कर

श्यामसाय प्रतापपुर के खजूरी का निवासी है. उसके पास राशन कार्ड है. लेकिन वह दो साल तक वह चिरमिरी में रह रहा था. इसलिए उसने वहां के पते पर ट्रांसफर करवा लिया था. अब तीन-चार महीनों से अपने गांव में रह रहा है. फिर से यहां के पते पर राशन कार्ड बनवाना चाहता है. इसके लिए जनपद के एक अधिकारी की हस्ताक्षर की आवश्यकता है, ताकि यहां राशन मिल सके. लेकिन जनपद के कई चक्कर लगाने के बाद भी अधिकारी नहीं मिल रहे हैं. जिससे वह परेशान हो रहा है.

सूरजपुरः दोनों आंखों से दृष्टिबाधित होने के बावजूद दिव्यांग श्यामसाय पैंकरा को सरकारी सुविधाएं नहीं मिल रही है. वे पेंशन के लिए पात्र नहीं है. दिव्यांग का 2002 के गरीबी रेखा सर्वे सूची में नाम नहीं है. पेंशन से वंचित दिव्यांग श्याम साय पैंकरा ग्राम पंचायत खजूरी के रहना वाला है. दिव्यांग पूर्व में भी कई मंत्रियों और अधिकारियों से पेंशन स्वीकृत कराने फरियाद लगा चुके हैं. लेकिन किसी ने भी अब तक इसी नहीं सुनी.

दोनों आंखों से दिव्यांग श्याम साय पैकरा
राशन कार्ड बनवाने जनपद कार्यालय पहुंचा दिव्यांग श्याम साय पैंकरा ने बताया कि वह जन्म से ही दोनों आंखों से नहीं देख सकता है. खजूरी में उसका पूरा परिवार बचपन से रहता है, लेकिन अब तक उसे कोई सरकारी लाभ नहीं मिला है. उसने बताया कि खेती के लिए थोड़ा जमीन है उसी से वह जीवन यापन करता है. दोनों आंखों से दिव्यांग श्याम साय के सामने सबसे बड़ी परेशानी है कि वह आज तक पेंशन से वंचित है.

प्राथमिक शाला भवन नहीं होने से बच्चों को पढ़ाई में हो रही परेशानी

सूची में नाम न होने से हो रही दिक्कत

पीड़ित दिव्यांग ने बताया कि 2002 की सूची में उसका नाम नहीं होने के कारण उसे पेंशन के लिए पात्र नहीं माना जा रहा है. बरहाल दोनों आंखों से दिव्यांग होने के बावजूद श्याम साय पेंशन से वंचित है और गरीबी रेखा सर्वे सूची में नाम गायब है. जिससे प्रशासन के अधिकारी पात्र होने के बावजूद उसे अपात्र बता रहे हैं. दिव्यांग ने शासन से मांग किया कि पेंशन के लिए नियमों को शिथिल करना चाहिए ताकि दिव्यांग व्यक्ति को उनका हक मिल सके.
राशन कार्ड बनवाने के लिए काट रहा कार्यालय का चक्कर

श्यामसाय प्रतापपुर के खजूरी का निवासी है. उसके पास राशन कार्ड है. लेकिन वह दो साल तक वह चिरमिरी में रह रहा था. इसलिए उसने वहां के पते पर ट्रांसफर करवा लिया था. अब तीन-चार महीनों से अपने गांव में रह रहा है. फिर से यहां के पते पर राशन कार्ड बनवाना चाहता है. इसके लिए जनपद के एक अधिकारी की हस्ताक्षर की आवश्यकता है, ताकि यहां राशन मिल सके. लेकिन जनपद के कई चक्कर लगाने के बाद भी अधिकारी नहीं मिल रहे हैं. जिससे वह परेशान हो रहा है.

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