सूरजपुर: विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर कोरोना का असर देखने को मिला. कोरोना की वजह से इस साल भगवान विश्वकर्मा की मूर्ती की स्थापना नहीं की गई है. गुरुवार को नगर पंचायत भटगांव में सादगी के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा की गई.
हर साल भगवान विश्वकर्मा की पूजा धूमधाम के साथ मनाई जाती है, लेकिन इस साल वो रौनक नहीं दिखी. भगवान विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है. इनके जन्मदिन को विश्व के पहले इंजीनियर के तौर पर देशभर में विश्वकर्मा जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस पर्व का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विश्वकर्मा पूजा मनाया जाता है.
बता दें कि विश्वकर्मा जयंती के दिन निर्माण से जुड़ी मशीनों, औजारों, दुकानों की पूजा विधि-विधान से की जाती है. मान्यता है कि वैदिक देवता के रूप में सर्वमान्य देव शिल्पी विश्वकर्मा अपने विशिष्ट ज्ञान-विज्ञान के कारण मानव ही नहीं, देवगणों की ओर से भी पूजित हैं. कहते हैं कि देव विश्वकर्मा के पूजन के बिना कोई भी तकनीकी कार्य शुभ नहीं होता. ऐसा माना जाता है कि विश्वकर्मा भगवान की पूजा करने से दुर्घटनाओं और आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.