सूरजपुर: शहर से लगे चाचीडांड़ गांव के प्रवेश द्वार पर ग्रामीणों ने नो एंट्री का नोटिस चिपका दिया है. इस पर 'किसी भी बाहरी व्यक्ति का गांव में आना मना है' लिखा है. ग्रामीण आने-जाने वाले लोगों को लॉकडाउन का पालन करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. बता दें कि गांव में ज्यादातर मजदूरी करने वाले परिवार रहते हैं. इसके बाद भी इस मुसीबत की घड़ी में ये ग्रामीण अपने परिवार के साथ घरों में रहकर संक्रमण को हराने के लिए जंग लड़ रहे हैं. वहीं अगर कोई व्यक्ति गांव में आ भी जाता है, तो उसे समझाकर वापस भेज दिया जाता है.
कोरोना वायरस के संक्रमण को दूर भगाने भले ही अंग्रेजी के शब्द 'लॉकडाउन' की समझ गांव से ज्यादा शहर के पढ़े-लिखे लोगों को होगी, लेकिन इसका पालन जितनी सख्ती से गांव में हो रहा है उतना शहरों में नहीं.
सभी कर रहे हैं एक-दूसरे की मदद
गांव में सब्जी और राशन की दुकानें चुनिंदा ही हैं. ऐसे में सभी लोग एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं. गांव में सभी लोग इस महामारी से लड़ने के लिए काफी सजग भी हैं. ग्रामीण अपने बच्चों को भी घरों से निकलने नहीं दे रहे हैं, साथ ही किसी भी चीज की जरूरत होने पर परिवार का सिर्फ एक ही सदस्य घर से निकलकर सामान लेने जाता है. वहीं गांव के युवा वर्ग शुरुआती दिनों से ही गांव की हर गली में घूमकर लोगों को बचाव के उपायों की जानकारी दे रहे हैं. वे लॉकडाउन का पालन करने का आग्रह कर रहे हैं.
कलेक्टर ने किया बाजार का निरीक्षण
सूरजपुर कलेक्टर दीपक सोनी ने बुधवार को स्टेडियम परिसर में संचालित मंडी बाजार का निरीक्षण किया, साथ ही किसानों से बात कर स्थिति के संबंध में जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि कोरोना के संक्रमण से उत्पन्न हुई इस गंभीर स्थिति में भी जनसहभागिता के साथ कम समय में सुरक्षित मंडी की परिकल्पना को टीम वर्क के साथ साकार किया गया है.
कलेक्टर ने की किसानों की सराहना
कलेक्टर ने कहा कि लॉकडाउन में भी किसानों को उनके मेहनत की उपज का रेट निर्धारित होने से ठगी की शिकायत नहीं हो रही है. किसान इन मंडियों में उत्पादकों को सही दाम पर विक्रय कर लाभ प्राप्त कर रहे हैं, साथ ही उपभोक्ताओं को भी कम दर पर सब्जी मिल रही है. इस दौरान कलेक्टर ने किसानों से चर्चा की और वाजिब दाम में सब्जी बेचने वाले किसानों की सराहना भी की.