सूरजपुर: छत्तीसगढ़ में आज भी ऐसे कई ग्रामीण और शहरी क्षेत्र हैं, जहां लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. सूरजपुर के गोरखनाथपुर ग्राम पंचायत के ग्रामीण इन दिनों बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. गर्मी की वजह से यहां के नदी-नाले भी सूख गए हैं और दूर-दूर तक गांव में एक ही हैंडपंप है. ग्रामीण कई बार अपनी परेशानी लेकर जिला प्रशासन के पास जा चुके हैं, लेकिन किसी जिम्मेदार ने इसओर कोई ध्यान नहीं दिया.
आज भी यहां के ग्रामीणों को पानी लेने के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करना होता है. ग्राम पंचायत गोरखनाथपुर के ग्रामीणों ने सरपंच और सचिव पर मिलीभगत कर अपना फायदा देखते हुए फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच और सचिव ने मिलकर ऐसी जगह 24 बोर करा दिया है, जहां पहले से ही 22 बोर लगे हुए हैं. जिसकी जानकारी पंच को भी नहीं है.
जहां जरूरत वहां नहीं कराया गया बोर
वार्ड पंच परविंदर कौर ने बताया कि बिना उनकी जानकारी के सचिव और सरपंच ने उनके वार्ड में आधी रात को बोर करा दिया. जिसका विरोध करने पर किसी ने नहीं सूना. जबकि पहले से इस वार्ड में फिल्टर प्लांट के अलावा दो-दो बोर 100 मीटर की दूरी पर है. वहीं दूसरे मोहल्ले के लोग करीब आधे किलोमीटर दूर पानी भरने जाते हैं, वहां पर इन्हें बोर की ज्यादा आवश्यकता थी, लेकिन सरपंच-सचिव की मनमानी के कारण वहां बोर नहीं कराया गया.
कई बार की गई शिकायत
ग्रामीण महिपाल कुजूर ने बताया कि उन लोगों को पानी की काफी दिक्कत है. पानी के लिए करीब एक किलोमीटर दूर जाना होता है. कई बार शिकायत करने के बाद भी जनप्रतिनिधियों ने कोई कदम नहीं उठाया. जबकि जिस जगह पहले से पानी की व्यवस्था थी वहां फिर से बोर करा दिया गया. ग्रामीण ने बताया कि उनके वार्ड में बोर न होने के बाद भी अब तक बोर नहीं हो पाया है, जिस वजह से पानी की समस्या बनी हुई है.
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इस पूरे मामले में भटगांव विधायक पारसनाथ राजवाड़े का कहना है कि पंचायत प्रतिनिधि बोर की जगह का चयन करते हैं. फिर भी अगर वहां पहले से बोर था, तो अलग से नया नहीं कराया जाना था. विधायक ने कहा कि जल्द से जल्द ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा और पानी की व्यवस्था कराई जाएगी.