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सूरजपुर में हाथियों का आतंक बरकरार, रात रातभर जागने को मजबूर ग्रामीण

सूरजपुर (Surajpur) में लगातार हाथियों के आतंक (Terror of elephants) से लोग परेशान है. पिछले कई दिनों से ग्रामिणों (villagers) पर हाथियों (Elephant) ने कहर ढाया है. यही कारण है कि अब लोगों को रात-रातभर जागकर एक दूसरे की रखवाली करनी पड़ रही है.

Terror of elephants continues in Surajpur
सूरजपुर में हाथियों का आतंक जारी
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Published : Oct 13, 2021, 11:57 AM IST

Updated : Oct 13, 2021, 6:24 PM IST

सूरजपुरः बीते कई दिनों से सूरजपुर (Surajpur) जिले में हाथियों का आतंक (Terror of elephants) सुर्खियों में है. मौजूदा समय में जिला हाथी (Elephant) और मानव के बीच का जंग ही नहीं झेल रहा बल्कि कई लोगों की इस बीच हाथियों के कारण मौत भी हो चुकी है. इतना ही नहीं, यहां लोग रात रात जगकर एक गांव की रखवाली करते हैं. ताकि कोई हाथी किसी तरह की अनहोनी न कर दे. बताया जा रहा है कि सूरजपुर में 50 से ज्यादा की संख्या में हाथियों का दल विचरण कर रहा है. इस बीच कई गांव के ग्रामीण अपना घर छोड़कर गांव के ही स्कूल (School) में शरण लिए हुए हैं. वहीं वन विभाग (Forest department) के सभी अधिकारी और कर्मचारी (Forest Department Officers and Employees) भी ग्रामीणों (villagers) के साथ रात भर डटे हैं.

सूरजपुर में हाथियों का आतंक जारी

गांव के आंगनबाड़ी स्कूल (Anganwadi School) में सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ जमी है. जिसमें वृद्ध, महिला और बच्चे भी शामिल हैं. सूरजपुर के चेन्द्रा गांव में ग्रामीण किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं, बल्कि यह ग्रामीण हाथियों के खौफ की वजह से अपना घर छोड़कर इस सरकारी स्कूल में रात बिताने को मजबूर हैं. वहीं, सूरजपुर के चेन्द्रा, रेसरा और पहाड़ अमोरनी गांव में 24 हाथियों का दल विचरण कर रहा है. खबरों की मानें तो इन हाथियों ने अब तक किसानों की दर्जनों एकड़ खड़ी फसल बर्बाद कर दिया है. हाल ही में एक सरपंच को कुचल कर मौत के घाट भी उतार दिया. जिसके बाद ग्रामीण काफी दहशत में थे. यही वजह है कि इन तीनों गांव के ग्रामीण अपना घर छोड़कर स्कूल में रात बिताने को मजबूर हैं.

हाथी के आतंक का दहशतः रात-रात भर जागने को मजबूर सूरजपुरवासी, सरकार नहीं ले रही सुध

स्कूल में ग्रामिणों के खाने और सोने की व्यवस्था

वहीं, हाथियों के गांव के नजदीक पहुंचने की जानकारी मिलने के बाद वन अमला भी पूरी तरह से मुस्तैद हो गया है. यही वजह है कि अपने पूरे अमले के साथ सीसीएफ खुद रात भर गांव में मौजूद रह रहे हैं. साथ ही ग्रामीणों को हाथियों के प्रति जागरूक करने और हाथियों को खदेड़ने में लगे हुए हैं.इतना ही नहीं ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग का भी सहयोग लिया जा रहा है. साथ ही ग्रामीणों के सोने और खाने की व्यवस्था की जा रही है. वन विभाग की मानें तो सबसे पहली प्राथमिकता यह है कि अब जिले हाथियों की वजह से किसी की जान न जाए.

यहां हाथियों का आतंक नई बात नहीं

बताया जा रहा है कि सूरजपुर जिले में हाथियों का आतंक कोई नई बात नहीं है. वन विभाग के द्वारा ग्रामीणों को हाथियों से निजात दिलाने के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं. बावजूद इसके स्थिति सामान्य होने की बजाय और गंभीर होते जा रही है. आज जिले के ग्रामीण प्रतिदिन मौत के साए में जीने को मजबूर हैं. ग्रामीणों को हमेशा यह डर बना रहता है कि ना जाने कब, किस ओर से हाथी मौत बनकर आए और अपने आगोश में ले कर चला जाए.

सूरजपुरः बीते कई दिनों से सूरजपुर (Surajpur) जिले में हाथियों का आतंक (Terror of elephants) सुर्खियों में है. मौजूदा समय में जिला हाथी (Elephant) और मानव के बीच का जंग ही नहीं झेल रहा बल्कि कई लोगों की इस बीच हाथियों के कारण मौत भी हो चुकी है. इतना ही नहीं, यहां लोग रात रात जगकर एक गांव की रखवाली करते हैं. ताकि कोई हाथी किसी तरह की अनहोनी न कर दे. बताया जा रहा है कि सूरजपुर में 50 से ज्यादा की संख्या में हाथियों का दल विचरण कर रहा है. इस बीच कई गांव के ग्रामीण अपना घर छोड़कर गांव के ही स्कूल (School) में शरण लिए हुए हैं. वहीं वन विभाग (Forest department) के सभी अधिकारी और कर्मचारी (Forest Department Officers and Employees) भी ग्रामीणों (villagers) के साथ रात भर डटे हैं.

सूरजपुर में हाथियों का आतंक जारी

गांव के आंगनबाड़ी स्कूल (Anganwadi School) में सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ जमी है. जिसमें वृद्ध, महिला और बच्चे भी शामिल हैं. सूरजपुर के चेन्द्रा गांव में ग्रामीण किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं, बल्कि यह ग्रामीण हाथियों के खौफ की वजह से अपना घर छोड़कर इस सरकारी स्कूल में रात बिताने को मजबूर हैं. वहीं, सूरजपुर के चेन्द्रा, रेसरा और पहाड़ अमोरनी गांव में 24 हाथियों का दल विचरण कर रहा है. खबरों की मानें तो इन हाथियों ने अब तक किसानों की दर्जनों एकड़ खड़ी फसल बर्बाद कर दिया है. हाल ही में एक सरपंच को कुचल कर मौत के घाट भी उतार दिया. जिसके बाद ग्रामीण काफी दहशत में थे. यही वजह है कि इन तीनों गांव के ग्रामीण अपना घर छोड़कर स्कूल में रात बिताने को मजबूर हैं.

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स्कूल में ग्रामिणों के खाने और सोने की व्यवस्था

वहीं, हाथियों के गांव के नजदीक पहुंचने की जानकारी मिलने के बाद वन अमला भी पूरी तरह से मुस्तैद हो गया है. यही वजह है कि अपने पूरे अमले के साथ सीसीएफ खुद रात भर गांव में मौजूद रह रहे हैं. साथ ही ग्रामीणों को हाथियों के प्रति जागरूक करने और हाथियों को खदेड़ने में लगे हुए हैं.इतना ही नहीं ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग का भी सहयोग लिया जा रहा है. साथ ही ग्रामीणों के सोने और खाने की व्यवस्था की जा रही है. वन विभाग की मानें तो सबसे पहली प्राथमिकता यह है कि अब जिले हाथियों की वजह से किसी की जान न जाए.

यहां हाथियों का आतंक नई बात नहीं

बताया जा रहा है कि सूरजपुर जिले में हाथियों का आतंक कोई नई बात नहीं है. वन विभाग के द्वारा ग्रामीणों को हाथियों से निजात दिलाने के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं. बावजूद इसके स्थिति सामान्य होने की बजाय और गंभीर होते जा रही है. आज जिले के ग्रामीण प्रतिदिन मौत के साए में जीने को मजबूर हैं. ग्रामीणों को हमेशा यह डर बना रहता है कि ना जाने कब, किस ओर से हाथी मौत बनकर आए और अपने आगोश में ले कर चला जाए.

Last Updated : Oct 13, 2021, 6:24 PM IST
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