सूरजपुर: जहां एक ओर समाज तकनीक की मदद से आगे की ओर बढ़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर बढ़ते तकनीक का गलत फायदा उठाकर अपराधी (Criminal) अपराध (Crime) को अंजाम देते है. खासकर आज के दौर में महिला व बच्चे (Women and Children) सुरक्षित नहीं है. जिसके कारण उन्हें आत्मरक्षा के लिए कई तरह के प्रशिक्षणों को जानना बेहत जरूरी हो गया है. ऐसे में सूरजपुर की पुलिस (Police of Surajpur) ने एक अनोखी पहले इन लोगों के लिए की है, ताकि वक्त आने पर ये अपनी रक्षा खुद कर सकें.
दरअसल, सूरजपुर पुलिस के द्वारा पूरे जिले में हिम्मत कार्यक्रम (Himmat Program by Police) चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत शहर एवं ग्रामीण इलाकों में लड़की और महिलाओं को आत्मरक्षा (Self defense for girl and women) के गुण सिखाए जा रहे हैं. शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत करने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है. वहीं, इन्हें ट्रेंड करने के लिए घातक कमांडो फोर्स (Ghatak commando force) के कमांडो (commando) को बुलाया गया है. इसके साथ ही जिले की पहली महिला एसपी (First woman SP) को उम्मीद है कि यह कार्यक्रम महिलाओं एवं लड़कियों (Women and girls) के लिए एक प्रेरणा (Inspiration) साबित होगा.
आत्मरक्षा ट्रेनिंग का पहला जिला बना सूरजपुर
बताया जा रहा है कि सूरजपुर जिला प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया है, जहां लड़की और महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है. ताकि जिले में बढ़ते महिला अपराध पर लगाम लगाया जा सके. अभियान के तहत जिले के अलग-अलग इलाकों में सैकड़ों लड़की और महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही उन्हें कानून की जानकारी देकर उनका आत्मबल बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, इस कार्यक्रम में आकर बच्चे काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. वे भी यह मान रहे हैं कि इस कार्यक्रम में उनका शारीरिक और मानसिक विकास हो रहा है और अब वे अपने साथ ही अपने लोगों की भी सुरक्षा कर सकते हैं.
ये हैं कार्यक्रम की खासियत
वहीं, इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि सिर्फ शहर ही नहीं बल्कि सूरजपुर का सबसे दूरस्थ इलाका बिहारपुर है, जहां लड़कियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. यह वही इलाका है, जहां जिले में सबसे ज्यादा महिला उत्पीड़न के मामले दर्ज किए जाते हैं.
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इंटरनेशनल लेवल पर ट्रेंड होने वाले दे रहे ट्रेनिंग
बताया जा रहा है कि बच्चों को ट्रेंड करने के लिए घातक कमांडो की पोस्टिंग की गई है. जो इंटरनेशनल लेवल पर ट्रेंड होते हैं. उनके अनुसार सूरजपुर के बच्चों में काफी संभावनाएं हैं. यहां के बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत होने के साथ ही अब वे कराटे में अपना भविष्य तलाश रहे हैं.
जिले की पहली आईपीएस महिला अधिकारी बढ़ा रहीं मनोबल
वहीं, जिले की पहली आईपीएस महिला अधिकारी भावना गुप्ता ने यह अनोखी पहल की है. उनका मानना है कि लड़कियां किसी भी मामले में लड़कों से कम नहीं है. सिर्फ उनका मनोबल बढ़ाने की आवश्यकता है. साथ ही उन्हें ट्रेनिंग की जरूरत है. ताकि वह मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत हों और अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें.
हर वर्ष बढ़ता है महिला उत्पीड़न का मामला
बताया जा रहा है कि जिले में प्रत्येक वर्ष 100 से अधिक मामले महिला उत्पीड़न के दर्ज किए जाते हैं. ऐसे में यह हिम्मत कार्यक्रम महिलाओं को एक हिम्मत देगा. इसके साथ ही हिम्मत कार्यक्रम के माध्यम से महिला उत्पीड़न के मामलों में भी कमी आयेगी. वहीं, सूरजपुर पुलिस की इस अनोखी पहल की हर ओर तारीफ हो रही है.