सूरजपुर : जिले में मालवाहक वाहनों में यात्रियों को ढ़ोने की वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है . वहीं कई लोग घायल हो चुके हैं. बावजूद इसके आज भी यात्रियों को मालवाहक गाड़ियों में जानवरों की तरह ठूस कर उनकी जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. वहीं संबंधित विभाग गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं.
जानवरों की तरह ठूंसकर गाड़ी की सवारी : मालवाहक गाड़ियों में जानवरों की तरह भरे हुए यात्री, सूरजपुर में यह नजारा आम है. अभी तक इन वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है. जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हो चुके हैं.बावजूद इसके आज भी जिले में मालवाहक वाहनों में इंसानों को ढोने का काम बेरोकटोक चल रहा हैं.
कुछ दिन पहले हो चुका है हादसा : अभी कुछ ही दिन पहले जिले के बिहारपुर इलाके में एक पिकअप के पलटने से लगभग 25 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. हादसे में एक की जान चली गई थी. जिले में ऐसी घटनाओं की फेहरिस्त बहुत लंबी है. स्थानीय लोगों की लगातार मांग के बावजूद भी संबंधित विभाग के लापरवाह लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं की जा रही. स्थानीय लोगों का आरोप है कि संबंधित विभाग सिर्फ पैसे की उगाही पर ध्यान देते हैं. जिसकी वजह से मालवाहक के ड्राइवर और मालिक का डर खत्म हो गया है और वह ऐसी हरकत लगातार कर रहे हैं.
RTO के दावे फेल : वहीं इस पूरे मामले को लेकर आरटीओ विभाग का दावा है कि '' वे ऐसे मालवाहकों पर समय-समय पर कार्रवाई करते हैं, लेकिन सवाल यह है कि यदि कार्रवाई की जा रही है. तो फिर लगातार जिले से ऐसी तस्वीरें क्यों आ रही है ? हम आपको बता दें आरटीओ नियम के अनुसार ऐसे लापरवाह वाहन के ड्राइवर का लाइसेंस रद्द करने और वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द करने तक का प्रावधान हैं. बावजूद इसके संबंधित विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.''
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विभाग की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल : दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के साथ ही लापरवाह वाहन मालिक और ड्राइवर पर नकेल कसने के लिए कई कानून होने के बावजूद भी संबंधित विभाग का मौन रहना कई सवाल खड़े कर रहा है. आरटीओ, पुलिस और ट्रैफिक विभाग अफसर सड़कों पर वाहन चेकिंग करते हुए तो देखे जाते हैं. लेकिन आखिर ऐसे लापरवाह लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है.