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सूरजपुर: GST के विरोध में निकाली गई रैली - जीएसटी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन

जीएसटी के खिलाफ सूरजपुर के अधिवक्ताओं और व्यापारियों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जिस उदेश्य से जीएसटी को लागू किया गया था, वो उदेश्य ये कानून पूरा नहीं कर पा रहा है.

protest against gst in surajpur
जीएसटी के खिलाफ प्रदर्शन
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Published : Jan 29, 2021, 5:46 PM IST

Updated : Jan 29, 2021, 6:24 PM IST

सूरजपुर: जीएसटी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के तहत सूरजपुर के अधिवक्ताओं और व्यापारियों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जीएसटी में विसंगतियों के विरोध में ज्ञापन सौंपा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम सौंपे गए इस ज्ञापन में जीएसटी की जटिलताओं का जिक्र किया गया है.

जीएसटी के खिलाफ प्रदर्शन

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 1 मई 2017 से पूरे देश में जीएसटी कानून लागू किया गया. इस कानून की मंशा व्यापार जगत को कई प्रकार के टैक्स की जटिलता से छुटकारा दिलाना था. एक राष्ट्र एक कर का विधान लागू करना था. लेकिन कानून की जटिलता, अधिकारियों की मनमानी और जीएसटी पोर्टल की खामियों ने इसे पूरी तरह से व्यापार विरोधी कानून बना दिया है.

असुविधाओं से हो रही परेशानी

जीएसटी पोर्टल के अक्सर बंद रहने की वजह से व्यापारियों और टैक्स प्रोफेशनल्स को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि कई बार बिना कारण बताए और पर्याप्त सुनवाई किए बगैर पंजीयन निरस्त कर दिया जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से भी गुमास्ता प्रमाण पत्र मांग कर परेशान किया जाता है.

पढ़ें: कबीर बाग में अतिक्रमण का विरोध

व्यापारियों ने जताया विरोध

नोटिफिकेशन टैक्स जमा करने और लेट फीस के साथ रिटर्न जमा करने के बावजूद इनपुट टैक्स क्रेडिट को अमान्य करते हुए वसूली का नोटिस जारी करने जैसे तमाम मुद्दों को लेकर इनके विरोध में अपनी मांगें सरकार तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया गया है. व्यापारी संघ भी जीएसटी की विसंगतियों के विरोध में खड़े नजर आए. व्यापारियों का कहना है कि जब अधिवक्ताओं जैसे जानकारों के लिए जीएसटी की प्रक्रिया पेचीदा साबित हो रही है तो हम जैसे व्यापारी के लिए तो बहुत ही मुश्किल है.

सूरजपुर: जीएसटी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के तहत सूरजपुर के अधिवक्ताओं और व्यापारियों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जीएसटी में विसंगतियों के विरोध में ज्ञापन सौंपा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम सौंपे गए इस ज्ञापन में जीएसटी की जटिलताओं का जिक्र किया गया है.

जीएसटी के खिलाफ प्रदर्शन

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 1 मई 2017 से पूरे देश में जीएसटी कानून लागू किया गया. इस कानून की मंशा व्यापार जगत को कई प्रकार के टैक्स की जटिलता से छुटकारा दिलाना था. एक राष्ट्र एक कर का विधान लागू करना था. लेकिन कानून की जटिलता, अधिकारियों की मनमानी और जीएसटी पोर्टल की खामियों ने इसे पूरी तरह से व्यापार विरोधी कानून बना दिया है.

असुविधाओं से हो रही परेशानी

जीएसटी पोर्टल के अक्सर बंद रहने की वजह से व्यापारियों और टैक्स प्रोफेशनल्स को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि कई बार बिना कारण बताए और पर्याप्त सुनवाई किए बगैर पंजीयन निरस्त कर दिया जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से भी गुमास्ता प्रमाण पत्र मांग कर परेशान किया जाता है.

पढ़ें: कबीर बाग में अतिक्रमण का विरोध

व्यापारियों ने जताया विरोध

नोटिफिकेशन टैक्स जमा करने और लेट फीस के साथ रिटर्न जमा करने के बावजूद इनपुट टैक्स क्रेडिट को अमान्य करते हुए वसूली का नोटिस जारी करने जैसे तमाम मुद्दों को लेकर इनके विरोध में अपनी मांगें सरकार तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया गया है. व्यापारी संघ भी जीएसटी की विसंगतियों के विरोध में खड़े नजर आए. व्यापारियों का कहना है कि जब अधिवक्ताओं जैसे जानकारों के लिए जीएसटी की प्रक्रिया पेचीदा साबित हो रही है तो हम जैसे व्यापारी के लिए तो बहुत ही मुश्किल है.

Last Updated : Jan 29, 2021, 6:24 PM IST
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