सूरजपुर: शाहिद के पिता मोहम्मद सरकार ने बताया कि "मैंने अपने बेटे को नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था. वह गुटखा और तंबाखु खाता था. करीब दो महीने बाद मैं उसे देखने के लिए गया. उसकी हलत देख कर मेरे छोटे भाई ने बेटे को घर लेकर जाने की बात कही. लेकिन नशा मुक्ति केंद्र प्रबंधन ने मना कर दिया. हमने फिर आग्रह किया कि कुछ दिनों में हम इसे वापस छोड़ देंगे. जिसके बाद वे लोग आपस में बातें करने लगे कि हम लोगों ने तो इसे इतना मारा है कि घर में सबको यह पता चल जाएगा.''
पिता का गंभीर आरोप: शाहिद के पिता मोहम्मद सरकार ने बताया कि " हमने बेटे के कपड़े उतार कर देखा तो पता चला कि उसकी स्थिति बेहद खराब है. लाठी, डंडे से बेटे को मारा गया है. उसके शरीर में टॉर्चर के निशान हैं. मैं चाहता हूं कि इनपर सख्त कार्रवाई की जाए और संस्था को बंद किया जाए."
दर्ज कराई शिकायत: पीड़ित के परिजनों ने मामले की शिकायत सूरजपुर कोतवाली में कराई. परिजनों ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र के संचालक और कर्मचारियों ने नशा छुड़ाने के नाम पर पीड़ित के साथ बेरहमी से मारपीट की है. जिसके निशान पीड़ित के शरीर में मौजूद हैं.
"जांच की जा रही है": इस पूरे मामले में नशा मुक्ति केंद्र प्रबंधन ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है. वहीं पीड़ित के परिजनों का आरोप है कि नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल सभी मरीजों की स्थिति लगभग ऐसी ही है. अब वे पुलिस से संस्था पर छापा मारने और नशा मुक्ति केंद्र को बंद करने की मांग कर रहे हैं. इस मामले में जांच अधिकारी गणपति मिर्रे ने बताया कि "पीड़ित को नशा मुक्ति केंद्र में भेजा गया था, जहां उनके साथ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई गई है. इसकी जांच की जा रही है."