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सूरजपुर में पंडो जनजाति मूलभूत सुविधाओं से वंचित, गंदा पानी पीने को मजबूर

सूरजपुर के ओड़गी ब्लॉक का बिरसा पारा गांव में पंडो जनजाति (Surajpur Pando tribe) मूलभूत सुविधाओं से वंचित ( Pando tribe not getting basic facilities) हैं. आज भी इन्हें स्कूल, सड़क, पानी और स्वास्थ्य संबंधी सुविधायें मुहैया नहीं हो पा रही है.

Surajpur Pando tribe
सूरजपुर पंडो जनजाति
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Published : Dec 8, 2021, 12:29 PM IST

Updated : Dec 8, 2021, 4:20 PM IST

सूरजपुर: पंडो जनजाति राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाते हैं. इस जनजाति के उत्थान के लिए प्रत्येक वर्ष केंद्र और राज्य सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है. बावजूद इसके आज भी ये जनजाति बदहाल जीवन जीने को मजबूर हैं( Surajpur Pando tribe not getting basic facilities). इनके पास न तो सड़क है, ना बिजली, ना स्कूल, ना पानी. कुल मिलाकर मूलभूत सुविधाओं से ये जनजाति वंचित (Pando tribe not getting basic facilities) है. इधर, जिले के आला अधिकारी सब ठीक होने की बात कहते हैं.

मूलभूत सुविधाओं से वंचित

आइए आपको हम बताते हैं कि मौजूदा समय में सूरजपुर में पंडो जनजाति के क्या हालात हैं...

दरअसल, सूरजपुर के ओड़गी ब्लॉक का बिरसा पारा गांव... इस गांव की कुल आबादी लगभग 400 के आसपास है. यह गांव पंडो बहुल गांव है(Surajpur Pando tribe). इस गांव के हालात को देख यकीन नहीं होता है कि हमारी आजादी के 70 साल पूरे हो चुके हैं. आज भी इस गांव के ग्रामीण तमाम मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. इस गांव में सड़क ना होने की वजह से किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को मुहैया नहीं हो पा रही.

15 निकाय चुनाव की बैठक में शामिल होगी डी पुरंदेश्वरी, प्रत्याशियों की बैठक में लेगी भाग

जंगलों से होकर स्कूल जाने को मजबूर बच्चे

अगर कोई व्यक्ति बीमार हो तो उसे खाट पर उठाकर कई किलोमीटर का सफर तय कर अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है. इस दौरान कई ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है. इतना ही नहीं इस गांव में एक भी स्कूल नहीं है. जिसके कारण छोटे बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रतिदिन 7 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. ये 7 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए बच्चों को प्रतिदिन घने जंगलों से गुजरना पड़ता है. जिसमें खतरनाक उंगली जानवर रहते हैं.ग्रामीणों की मानें तो इस जंगल में जंगली जानवर के हमले में कई लोगों की जान भी जा चुकी है.

गंदे पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

इस गांव में पीने की पानी की भी समस्या है. कहने को तो इस गांव में दो हैंडपंप है, लेकिन एक भी हैंडपंप से पानी नहीं निकलता है. यही वजह है कि यहां के ग्रामीण लंबी दूरी तय कर गंदे कुए का पानी पीने को मजबूर हैं.

सड़क न होने के कारण ग्रामीण नहीं बेच रहे धान

मौजूदा समय में पूरे प्रदेश में धान खरीदी चल रही है. बावजूद इसके इस गांव के कोई भी किसान अपना धान सरकार को नहीं बेचता. क्योंकि इनके पास धान खरीदी केंद्र तक धान पहुंचाने को सड़क तक उपलब्ध नहीं है. ऐसा नहीं है कि इन ग्रामीणों की समस्या बड़े अधिकारियों तक पहुंचाने का प्रयास न किया गया. इस क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधि लगातार इसकी जानकारी जिला प्रशासन को देते रहे हैं. बावजूद इसके अभी तक इस गांव के विकास को लेकर कोई पहल नहीं की गई है.

कलेक्टर ने दिया आश्वासन

इस विषय में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सूरजपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह (Surajpur Collector Gaurav Kumar Singh) ने बताया कि उन्होंने जिले के सभी ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए निर्देश दिया है. बावजूद इसके गांव को मुख्य सड़क से क्यों नहीं जोड़ा गया, इसे लेकर वह अधिकारियों से बात करेंगे. साथ ही गांव में स्कूल संचालित करने के लिए शिक्षा विभाग की टीम भेजने की बात भी उन्होंने कही.

मूलभूत सुविधाओं से वंचित ये जनजाति

जहां एक ओर देश इतना आगे आ चुका है. वहीं, दूसरी ओर हमारे बीच का एक तबका अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहा है. जो केंद्र और राज्य सरकार के विकास के दावों की पोल खोल रहा है.

सूरजपुर: पंडो जनजाति राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाते हैं. इस जनजाति के उत्थान के लिए प्रत्येक वर्ष केंद्र और राज्य सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है. बावजूद इसके आज भी ये जनजाति बदहाल जीवन जीने को मजबूर हैं( Surajpur Pando tribe not getting basic facilities). इनके पास न तो सड़क है, ना बिजली, ना स्कूल, ना पानी. कुल मिलाकर मूलभूत सुविधाओं से ये जनजाति वंचित (Pando tribe not getting basic facilities) है. इधर, जिले के आला अधिकारी सब ठीक होने की बात कहते हैं.

मूलभूत सुविधाओं से वंचित

आइए आपको हम बताते हैं कि मौजूदा समय में सूरजपुर में पंडो जनजाति के क्या हालात हैं...

दरअसल, सूरजपुर के ओड़गी ब्लॉक का बिरसा पारा गांव... इस गांव की कुल आबादी लगभग 400 के आसपास है. यह गांव पंडो बहुल गांव है(Surajpur Pando tribe). इस गांव के हालात को देख यकीन नहीं होता है कि हमारी आजादी के 70 साल पूरे हो चुके हैं. आज भी इस गांव के ग्रामीण तमाम मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. इस गांव में सड़क ना होने की वजह से किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को मुहैया नहीं हो पा रही.

15 निकाय चुनाव की बैठक में शामिल होगी डी पुरंदेश्वरी, प्रत्याशियों की बैठक में लेगी भाग

जंगलों से होकर स्कूल जाने को मजबूर बच्चे

अगर कोई व्यक्ति बीमार हो तो उसे खाट पर उठाकर कई किलोमीटर का सफर तय कर अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है. इस दौरान कई ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है. इतना ही नहीं इस गांव में एक भी स्कूल नहीं है. जिसके कारण छोटे बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रतिदिन 7 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. ये 7 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए बच्चों को प्रतिदिन घने जंगलों से गुजरना पड़ता है. जिसमें खतरनाक उंगली जानवर रहते हैं.ग्रामीणों की मानें तो इस जंगल में जंगली जानवर के हमले में कई लोगों की जान भी जा चुकी है.

गंदे पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

इस गांव में पीने की पानी की भी समस्या है. कहने को तो इस गांव में दो हैंडपंप है, लेकिन एक भी हैंडपंप से पानी नहीं निकलता है. यही वजह है कि यहां के ग्रामीण लंबी दूरी तय कर गंदे कुए का पानी पीने को मजबूर हैं.

सड़क न होने के कारण ग्रामीण नहीं बेच रहे धान

मौजूदा समय में पूरे प्रदेश में धान खरीदी चल रही है. बावजूद इसके इस गांव के कोई भी किसान अपना धान सरकार को नहीं बेचता. क्योंकि इनके पास धान खरीदी केंद्र तक धान पहुंचाने को सड़क तक उपलब्ध नहीं है. ऐसा नहीं है कि इन ग्रामीणों की समस्या बड़े अधिकारियों तक पहुंचाने का प्रयास न किया गया. इस क्षेत्र के कुछ जनप्रतिनिधि लगातार इसकी जानकारी जिला प्रशासन को देते रहे हैं. बावजूद इसके अभी तक इस गांव के विकास को लेकर कोई पहल नहीं की गई है.

कलेक्टर ने दिया आश्वासन

इस विषय में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सूरजपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह (Surajpur Collector Gaurav Kumar Singh) ने बताया कि उन्होंने जिले के सभी ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए निर्देश दिया है. बावजूद इसके गांव को मुख्य सड़क से क्यों नहीं जोड़ा गया, इसे लेकर वह अधिकारियों से बात करेंगे. साथ ही गांव में स्कूल संचालित करने के लिए शिक्षा विभाग की टीम भेजने की बात भी उन्होंने कही.

मूलभूत सुविधाओं से वंचित ये जनजाति

जहां एक ओर देश इतना आगे आ चुका है. वहीं, दूसरी ओर हमारे बीच का एक तबका अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहा है. जो केंद्र और राज्य सरकार के विकास के दावों की पोल खोल रहा है.

Last Updated : Dec 8, 2021, 4:20 PM IST
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