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Bhatgaon Election Result 2023 : भटगांव सीट से भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मी राजवाड़े ने कांग्रेस विधायक को हराया

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 25, 2023, 5:38 PM IST

Updated : Dec 3, 2023, 7:54 PM IST

LIVE Bhatgaon, Chhattisgarh, Vidhan Sabha Chunav, Assembly Elections Result 2023 News Updates: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुक हैं. सूरजपुर जिले की भटगांव सीट से भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मी राजवाड़े ने कांग्रेस प्रत्याशी और विधायक पारसनाथ राजवाड़े को हराया है. Bhatgaon Assembly Seat Profile

Bhatgaon Assembly Seat Profile
भटगांव विधानसभा सीट का हाल

सूरजपुर : भटगांव विधानसभा सीट अनारक्षित वर्ग के लिए आरक्षित है. यहां से भाजपा की लक्ष्मी राजवाड़े चुनाव जीती हैं. लक्ष्मी राजवाड़े ने विधायक पारसनाथ राजवाड़े को हराया है. लक्ष्मी राजवाड़े वर्तमान में सूरजपुर जिला पंचायत सदस्य भी है. जो लटोरी-सिलफिली क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुई थी. सूरजपुर महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी लक्ष्मी राजवाड़े संभाल रहीं हैं. लक्ष्मी के पति ठाकुर राजवाड़े सूरजपुर जिले में ही ग्राम पंचायत में सचिव हैं. भटगांव सीट से 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. यहां 67.5 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.

भटगांव विधानसभा का भौगौलिक समीकरण : सूरजपुर जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र आते हैं. सूरजपुर में ज्यादातर कोल माइंस है. इस क्षेत्र में छोटी बड़ी 10 खदानों से कोयला उत्पादन होता है. इस जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र प्रतापपुर, प्रेमनगर और भटगांव है. इन तीनों ही विधानसभा में कांग्रेस का कब्जा है. प्रतापपुर से डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम, प्रेमनगर से खेलसाय सिंह और भटगांव विधानसभा से पारसनाथ राजवाड़े विधायक हैं.

भटगांव विधानसभा का इतिहास : सूरजपुर जिले की पिलखा विधानसभा को तोड़कर दो विधानसभा बनाए गए.जिसमें से एक भटगांव विधानसभा थी.इस सीट में पहली बार 2008 में चुनाव हुआ. जिसमें बीजेपी के रविशंकर त्रिपाठी ने कांग्रेस के श्यामलाल जायसवाल को हराया. इस चुनाव में 29 प्रत्याशी मैदान में थे.लेकिन रविशंकर को छोड़कर बाकी सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.रविशंकर ने ये चुनाव 17433 मतों से जीता था.इसके दो साल बाद रविशंकर त्रिपाठी की सड़क हादसे में मौत हुई. उपचुनाव में उनकी पत्नी रजनी रविशंकर त्रिपाठी को बीजेपी ने टिकट दिया. कांग्रेस ने यूएस सिंहदेव को जो कि रिश्ते में टीएस सिंहदेव के चाचा हैं मैदान में उतारा.लेकिन इस बार भी कांग्रेस को असफलता हाथ लगी.बीजेपी की रजनी त्रिपाठी ने कांग्रेस उम्मीदवार को 35 हजार मतों से हराया.

2013 में कांग्रेस ने बदली रणनीति : जनता ने दो बार बीजेपी को मौका दिया.साल 2013 में जब तीसरी बार विधानसभा में चुनाव हुए तो कांग्रेस ने रणनीति बदलते हुए राजवाड़े समाज के स्थानीय उम्मीदवार पारसनाथ राजवाड़े को मैदान में उतारा.इस बार कांग्रेस का प्रयोग सफल हुआ.पारसनाथ ने स्थानीय होने का फायदा उठाते हुए रजनी त्रिपाठी को 7 हजार से ज्यादा मतों से हराया.इन चुनावों की खास बात ये रही कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और बीएसपी के उम्मीदवारों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

साल 2018 के चुनावी परिणाम : साल 2018 में कांग्रेस के पारस नाथ राजवाड़े ने बीजेपी की रजनी त्रिपाठी को शिकास्त दी थी. पारस नाथ को इस चुनाव में 74 हजार 623 वोट मिले. बीजेपी की रजनी रविशंकर त्रिपाठी को 58 हजार 889 मत मिले. 21 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. इस सीट में अब तक पांच बार विधानसभा चुनाव हुए. इसमें एक बार का उप चुनाव भी शामिल है. पांच बार हुए चुनाव में तीन बार बीजेपी ने इस विधानसभा से जीत दर्ज की है. वहीं दो बार कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव जीतकर विधानसभा तक पहुंचे हैं. बाहरी प्रत्याशियों को इस विधानसभा में सफलता हासिल नहीं हो सकी है.पिछले चुनाव में इस विधानसभा में 78.25 फीसदी वोटिंग हुई थी

राजवाड़े फैक्टर करता है काम : भटगांव विधानसभा अनारक्षित सीट है. यहां ज्यादातर राजवाड़े समाज का फैक्टर काम आता है. यहां 30% आबादी राजवाड़े समाज की हैं. जिसके कारण यहां राजवाड़े समर्थन से ही विधायक जीत दर्ज करता है. इसमें गोंड, कवर, पंडो, चेरवा, पहाड़ी कोरवा समाज के लोग ज्यादा हैं. इस विधानसभा में 60 से 70 परसेंट आबादी ओबीसी एवं जनरल वर्ग से हैं. जिसमें जायसवाल, कुशवाहा, गुप्ता,मुस्लिम समाज के लोग पाए जाते हैं. अनारक्षित सीट होने की वजह से भी आज तक दोनों राष्ट्रीय दलों ने कभी भी सामान्य लोगों को टिकट नहीं दिया. यही कारण है कि यहां से हमेशा राजवाड़े समाज से नेता चुने जाते हैं.

भटगांव विधानसभा के मुद्दे और समस्याएं : भटगांव विधानसभा चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है. जिसके कारण यहां हाथियों के हमले का डर बना रहता है. आए दिन हाथी इंसानों की जान लेते हैं. लेकिन शासन प्रशासन ने इस ओर कदम नहीं उठाया.स्थानीय विधायक पारसनाथ राजवाड़े जनता के बीच ज्यादा सक्रिय नहीं हैं.जिसके कारण अब पार्टी के अंदर ही उनके खिलाफ माहौल बनने लगा है.कोल माइंस होने के बाद भी इस क्षेत्र में विकास की कमी है. सड़क और पानी की समस्या क्षेत्र के गांवों में बनी हुई है.

स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए स्थानीय लोगों को अंबिकापुर की ओर रुख करना पड़ता है. भटगांव विधानसभा में धार्मिक स्थल कुदरगढ़ धाम भी आता है. जहां विदेश से श्रद्धालु कुदरगढ़ माता के दर्शन करने के लिए आते हैं. वहीं ऊंची पहाड़ी होने के कारण बुजुर्ग श्रद्धालु माता के दर्शन नहीं कर पाते . जिसे लेकर जिलेवासी हमेशा कुदरगढ़ धाम में रोपवे लगवाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन आज तक रोपवे को लेकर कोई काम नहीं हुए. वहीं फूड प्रोसेसिंग यूनिट को लेकर जिले के किसान स्थानीय विधायक से कई बार गुहार लगा चुके हैं.लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

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सूरजपुर : भटगांव विधानसभा सीट अनारक्षित वर्ग के लिए आरक्षित है. यहां से भाजपा की लक्ष्मी राजवाड़े चुनाव जीती हैं. लक्ष्मी राजवाड़े ने विधायक पारसनाथ राजवाड़े को हराया है. लक्ष्मी राजवाड़े वर्तमान में सूरजपुर जिला पंचायत सदस्य भी है. जो लटोरी-सिलफिली क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुई थी. सूरजपुर महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी लक्ष्मी राजवाड़े संभाल रहीं हैं. लक्ष्मी के पति ठाकुर राजवाड़े सूरजपुर जिले में ही ग्राम पंचायत में सचिव हैं. भटगांव सीट से 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. यहां 67.5 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.

भटगांव विधानसभा का भौगौलिक समीकरण : सूरजपुर जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र आते हैं. सूरजपुर में ज्यादातर कोल माइंस है. इस क्षेत्र में छोटी बड़ी 10 खदानों से कोयला उत्पादन होता है. इस जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र प्रतापपुर, प्रेमनगर और भटगांव है. इन तीनों ही विधानसभा में कांग्रेस का कब्जा है. प्रतापपुर से डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम, प्रेमनगर से खेलसाय सिंह और भटगांव विधानसभा से पारसनाथ राजवाड़े विधायक हैं.

भटगांव विधानसभा का इतिहास : सूरजपुर जिले की पिलखा विधानसभा को तोड़कर दो विधानसभा बनाए गए.जिसमें से एक भटगांव विधानसभा थी.इस सीट में पहली बार 2008 में चुनाव हुआ. जिसमें बीजेपी के रविशंकर त्रिपाठी ने कांग्रेस के श्यामलाल जायसवाल को हराया. इस चुनाव में 29 प्रत्याशी मैदान में थे.लेकिन रविशंकर को छोड़कर बाकी सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.रविशंकर ने ये चुनाव 17433 मतों से जीता था.इसके दो साल बाद रविशंकर त्रिपाठी की सड़क हादसे में मौत हुई. उपचुनाव में उनकी पत्नी रजनी रविशंकर त्रिपाठी को बीजेपी ने टिकट दिया. कांग्रेस ने यूएस सिंहदेव को जो कि रिश्ते में टीएस सिंहदेव के चाचा हैं मैदान में उतारा.लेकिन इस बार भी कांग्रेस को असफलता हाथ लगी.बीजेपी की रजनी त्रिपाठी ने कांग्रेस उम्मीदवार को 35 हजार मतों से हराया.

2013 में कांग्रेस ने बदली रणनीति : जनता ने दो बार बीजेपी को मौका दिया.साल 2013 में जब तीसरी बार विधानसभा में चुनाव हुए तो कांग्रेस ने रणनीति बदलते हुए राजवाड़े समाज के स्थानीय उम्मीदवार पारसनाथ राजवाड़े को मैदान में उतारा.इस बार कांग्रेस का प्रयोग सफल हुआ.पारसनाथ ने स्थानीय होने का फायदा उठाते हुए रजनी त्रिपाठी को 7 हजार से ज्यादा मतों से हराया.इन चुनावों की खास बात ये रही कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और बीएसपी के उम्मीदवारों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

साल 2018 के चुनावी परिणाम : साल 2018 में कांग्रेस के पारस नाथ राजवाड़े ने बीजेपी की रजनी त्रिपाठी को शिकास्त दी थी. पारस नाथ को इस चुनाव में 74 हजार 623 वोट मिले. बीजेपी की रजनी रविशंकर त्रिपाठी को 58 हजार 889 मत मिले. 21 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. इस सीट में अब तक पांच बार विधानसभा चुनाव हुए. इसमें एक बार का उप चुनाव भी शामिल है. पांच बार हुए चुनाव में तीन बार बीजेपी ने इस विधानसभा से जीत दर्ज की है. वहीं दो बार कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव जीतकर विधानसभा तक पहुंचे हैं. बाहरी प्रत्याशियों को इस विधानसभा में सफलता हासिल नहीं हो सकी है.पिछले चुनाव में इस विधानसभा में 78.25 फीसदी वोटिंग हुई थी

राजवाड़े फैक्टर करता है काम : भटगांव विधानसभा अनारक्षित सीट है. यहां ज्यादातर राजवाड़े समाज का फैक्टर काम आता है. यहां 30% आबादी राजवाड़े समाज की हैं. जिसके कारण यहां राजवाड़े समर्थन से ही विधायक जीत दर्ज करता है. इसमें गोंड, कवर, पंडो, चेरवा, पहाड़ी कोरवा समाज के लोग ज्यादा हैं. इस विधानसभा में 60 से 70 परसेंट आबादी ओबीसी एवं जनरल वर्ग से हैं. जिसमें जायसवाल, कुशवाहा, गुप्ता,मुस्लिम समाज के लोग पाए जाते हैं. अनारक्षित सीट होने की वजह से भी आज तक दोनों राष्ट्रीय दलों ने कभी भी सामान्य लोगों को टिकट नहीं दिया. यही कारण है कि यहां से हमेशा राजवाड़े समाज से नेता चुने जाते हैं.

भटगांव विधानसभा के मुद्दे और समस्याएं : भटगांव विधानसभा चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है. जिसके कारण यहां हाथियों के हमले का डर बना रहता है. आए दिन हाथी इंसानों की जान लेते हैं. लेकिन शासन प्रशासन ने इस ओर कदम नहीं उठाया.स्थानीय विधायक पारसनाथ राजवाड़े जनता के बीच ज्यादा सक्रिय नहीं हैं.जिसके कारण अब पार्टी के अंदर ही उनके खिलाफ माहौल बनने लगा है.कोल माइंस होने के बाद भी इस क्षेत्र में विकास की कमी है. सड़क और पानी की समस्या क्षेत्र के गांवों में बनी हुई है.

स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए स्थानीय लोगों को अंबिकापुर की ओर रुख करना पड़ता है. भटगांव विधानसभा में धार्मिक स्थल कुदरगढ़ धाम भी आता है. जहां विदेश से श्रद्धालु कुदरगढ़ माता के दर्शन करने के लिए आते हैं. वहीं ऊंची पहाड़ी होने के कारण बुजुर्ग श्रद्धालु माता के दर्शन नहीं कर पाते . जिसे लेकर जिलेवासी हमेशा कुदरगढ़ धाम में रोपवे लगवाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन आज तक रोपवे को लेकर कोई काम नहीं हुए. वहीं फूड प्रोसेसिंग यूनिट को लेकर जिले के किसान स्थानीय विधायक से कई बार गुहार लगा चुके हैं.लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

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Last Updated : Dec 3, 2023, 7:54 PM IST
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