सूरजपुर : मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना केरता में सत्र 2019-20 का गन्ना पेराई का काम पूरा कर लिया गया है. इस सत्र में भले कारखाना अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सका, लेकिन फिर भी सभी राशि को मिलाकर लगभग सौ करोड़ का गन्ना खरीद कर सूरजपूर प्रदेश के अन्य कारखानों में अव्वल रहा. इसी कीर्तिमान के साथ यह कारखाना कोरोना संकट से जूझ रहे लगभग 400 गांवों के किसानों के लिए भी संकट मोचन बन कर सामने आया. कारखाना भले ही पेराई के लक्ष्य से दूर रह गया हो लेकिन लॉकडाउन के दौरान 19 विकासखंड के उन किसानों का भला हो गया जिनका 31 करोड़ रुपए का गन्ना खेतों में रह गया था.
विधायक और प्रदेश के शिक्षा और सहकारी मंत्री प्रेमसाय सिंह ने जिला प्रशासन और बीओडी को निर्देश दिया कि नफा नुकसान की परवाह किए बगैर संकट में जूझ रहे एक-एक किसान का गन्ना खरीदा जाए. इसका परिणाम भी सामने आया. आज लगभग 95 फीसदी किसानों का गन्ना खरीदा गया बल्कि अब इन्हें प्रोत्साहन की राशि भी मिलने जा रही है.
वहीं इस सत्र में खरीदी और इससे होने वाली परेशानियों पर शक्कर कारखाना के एमडी विनोद कुमार बुनकर ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लगभग 86 हजार मिट्रिक टन गन्ने का क्रय किया है. है जिसमें 19 विकासखंड के लगभग 400 गांव के 12469 किसानों को लाभ हुआ है.
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चुनौतिपूर्ण था कारखाने का प्रबंधन
शक्कर कारखाना संचालक मंडल के अध्यक्ष विद्यासागर सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से हुए लॉकडाउन और इसी विधानसभा के जजावल में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद कारखाना प्रबंधन बेहद चुनौतिपूर्ण था,लेकिन किसानों का पूरा गन्ना हमने खरीदा है. इस संकटकाल में कारखाने में अपनी सेवाएं दे रहे सभी लोगों ने पूरी मुस्तैदी से अपना फर्ज निभाया है, जिसकी वजह से हम नंबर वन बने हैं.