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सूरजपुर: रिश्वत नहीं दिया तो डॉक्टर ने मां और नवजात शिशु को बनाया बंधक

जिले के लहंगा गांव में रहने वाले दिनेश यादव ने जिला अस्पताल के डॉक्टर पर डिलीवरी कराने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. दिनेश का कहना है कि उसकी पत्नी को डिलीवरी के बाद डिस्चार्ज करने के लिए सूरजपुर जिला अस्पताल के डॉक्टर ने उससे 15 हजार की मांग की है.

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Published : Aug 28, 2019, 8:38 PM IST

Updated : Aug 28, 2019, 10:02 PM IST

मां और नवजात शिशु

सूरजपुर: एक ओर जहां प्रदेश सरकार गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का दावा कर रही है, वहीं जमीनी हकीकत इससे ठीक उलट दिखाई पड़ रही है. सूरजपुर जिला अस्पताल में डॉक्टर की मनमानी और डिलीवरी कराने के एवज में रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है. परिजनों ने जब रुपये जमा करने में असमर्थता जताई तो डॉक्टर ने जच्चा-बच्चा को डिस्चार्ज करने से ही मना कर दिया.

रिश्वत नहीं दिया तो डॉक्टर ने मां और नवजात शिशु को बनाया बंधक

जिले के लैलूंगा गांव में रहने वाले दिनेश यादव ने 19 तारीख को अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां महिला ने बेटे को जन्म दिया. दिनेश ने आरोप लगाया है कि डिलीवरी के तीन-चार दिन बाद जब उसने अपनी पत्नी को डिस्चार्ज करने को कहा तो डॉक्टर ने उससे कहा कि 'पहले 15 हजार रुपए जमा करो तभी तुम्हारी पत्नी को डिस्चार्ज किया जाएगा.

डॉक्टर ने दवाई देने से किया इंकार
दिनेश ने किसी तरह से 27 तारीख को अस्पताल में 4 हजार रुपए जमा कराए, जिसके बाद उसकी पत्नी को डिस्चार्ज तो कर दिया गया, लेकिन दवा के बदले दिनेश को एक पर्ची थमा दी गई, जिसमें महिला चिकित्सक ने नर्स को लिखा था कि सिस्टर छुट्टी दे दो दवाई कल दे देना. हद तो तब हो गई जब जिला अस्पताल ने उनके घर जाने के लिए एंबुलेंस तक का इंतजाम नहीं किया. लिहाजा जच्चा-बच्चा को प्राइवेट वाहन बुक कर घर ले जाया गया.

दिनेश का कहना है कि उसकी पत्नी और बच्चे की तबीयत थोड़ी खराब है और वह बिना पर्ची के दवा कैसे ले जाएगा. फिलहाल मीडिया के दखल के बाद CMHO ने मामले की जांच करने की बात कही है. वहीं महिला डॉक्टर ने ऐसी किसी बात से इनकार किया है. इस दौरान वे कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बचती रहीं.

जिला अस्पताल का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले डॉक्टर रश्मि कुमार के ऊपर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं लेकिन आज तक रश्मि कुमार के ऊपर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. जिसका परिणाम आज फिर एक बार देखने को मिला है.

आरोपी पर होगी कड़ी कार्रवाई
CMHO ने भी इस बात को माना है कि डॉ रश्मि कुमार के ऊपर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन उन्होंने रिश्वत न लेने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया. वहीं CMHO का कहना है कि 'इस बार जांच में अगर रश्मि कुमार दोषी पाई जाती हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

सूरजपुर: एक ओर जहां प्रदेश सरकार गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का दावा कर रही है, वहीं जमीनी हकीकत इससे ठीक उलट दिखाई पड़ रही है. सूरजपुर जिला अस्पताल में डॉक्टर की मनमानी और डिलीवरी कराने के एवज में रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है. परिजनों ने जब रुपये जमा करने में असमर्थता जताई तो डॉक्टर ने जच्चा-बच्चा को डिस्चार्ज करने से ही मना कर दिया.

रिश्वत नहीं दिया तो डॉक्टर ने मां और नवजात शिशु को बनाया बंधक

जिले के लैलूंगा गांव में रहने वाले दिनेश यादव ने 19 तारीख को अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां महिला ने बेटे को जन्म दिया. दिनेश ने आरोप लगाया है कि डिलीवरी के तीन-चार दिन बाद जब उसने अपनी पत्नी को डिस्चार्ज करने को कहा तो डॉक्टर ने उससे कहा कि 'पहले 15 हजार रुपए जमा करो तभी तुम्हारी पत्नी को डिस्चार्ज किया जाएगा.

डॉक्टर ने दवाई देने से किया इंकार
दिनेश ने किसी तरह से 27 तारीख को अस्पताल में 4 हजार रुपए जमा कराए, जिसके बाद उसकी पत्नी को डिस्चार्ज तो कर दिया गया, लेकिन दवा के बदले दिनेश को एक पर्ची थमा दी गई, जिसमें महिला चिकित्सक ने नर्स को लिखा था कि सिस्टर छुट्टी दे दो दवाई कल दे देना. हद तो तब हो गई जब जिला अस्पताल ने उनके घर जाने के लिए एंबुलेंस तक का इंतजाम नहीं किया. लिहाजा जच्चा-बच्चा को प्राइवेट वाहन बुक कर घर ले जाया गया.

दिनेश का कहना है कि उसकी पत्नी और बच्चे की तबीयत थोड़ी खराब है और वह बिना पर्ची के दवा कैसे ले जाएगा. फिलहाल मीडिया के दखल के बाद CMHO ने मामले की जांच करने की बात कही है. वहीं महिला डॉक्टर ने ऐसी किसी बात से इनकार किया है. इस दौरान वे कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बचती रहीं.

जिला अस्पताल का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले डॉक्टर रश्मि कुमार के ऊपर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं लेकिन आज तक रश्मि कुमार के ऊपर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. जिसका परिणाम आज फिर एक बार देखने को मिला है.

आरोपी पर होगी कड़ी कार्रवाई
CMHO ने भी इस बात को माना है कि डॉ रश्मि कुमार के ऊपर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन उन्होंने रिश्वत न लेने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया. वहीं CMHO का कहना है कि 'इस बार जांच में अगर रश्मि कुमार दोषी पाई जाती हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Intro:प्रदेश सरकार एक तरफ गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का दावा करती है तो वहीं जमीनी हकीकत इससे उलट ही दिखाई पढ़ रही है


Body:जिला अस्पताल में डिलीवरी कराने के एवज में पैसे की मांग करने का मामला सामने आया है परिजन जब असमर्थता जताई तो जच्चा बच्चा को डिस्चार्ज करने से ही मना कर दिया गया हालांकि 4000 देने के बाद बाकी पैसा दूसरे दिन पहुंचा देने की बात पर डिलीवरी तो कर दिया गया लेकिन दवा और फर्जी कल के गारंटी पर नहीं दिया गया लिहाजा जच्चा बच्चा को अपने पैसे से वाहन बुक कर घर ले जाया गया महिला के पति को बकायदा एक पर्ची दिया जिसमें महिला चिकित्सक ने नर्स को लिखा सिस्टर छुट्टी दे दो दवाई कल दे देना जब की साथ में दावा क्यों नहीं दिया इसका कोई जवाब जिला अस्पताल के पास नही है दरअसल लहंगा में रहने वाला दिनेश यादव अपनी पत्नी को 19 तारीख को जिला अस्पताल में लाकर भर्ती किया जहां उसी दिन महिला ने बेटे को जन्म दिया महिला के पति ने बताया कि तीन-चार दिन बाद उसने डिस्चार्ज करने को कहा तो उससे कहा गया कि जाओ पंद्रह हजार लेकर आवो तक छुट्टी मिलेगी लेकिन पति ने असमर्थता जताई लेकिन किसी तरह से 27 तारीख को परिवार वाले ₹5000 की ही व्यवस्था करके लाए जिसमें से ₹4000 महिला चिकित्सक को दिया और ₹1000 वाहन बुक कर घर तक पहुंचाने के लिए अपने पास रखा पति ने यह भी आरोप लगाया कि चिकित्सक अपने घर से पर्ची बना कर दिया कि छुट्टी दे दो दवाई कल दे देना नवजात बच्चे के पिता ने कहा है कि उसकी पत्नी और बच्चे की तबीयत थोड़ी खराब है और वह बिना पर्ची के दवा कैसे ले जाएगा फिलहाल मीडिया के दखल के बाद सीएमएचओ ने मामले की जांच करने की बात कही वहीं महिला डॉक्टर रेशमी कुमार ने ऐसी किसी बात से इनकार करती नजर आई और कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बचती रही वही सीएमएचओ ने खुद ही दवा की पर्ची बनाकर नवजात बच्चे के पिता को दी


Conclusion:जिला अस्पताल का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले डॉक्टर रश्मि कुमार के ऊपर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं लेकिन आज तक रश्मि कुमार के ऊपर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है जिसका परिणाम आज फिर एक बार देखने को मिला है सीएमएचओ ने भी इस बात को माना है कि डॉ रश्मि कुमार के ऊपर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं और उन्होंने पैसा न लेने की बात कह कर पल्ले को झाड़ दिया है वही सीएमएचओ का कहना है कि इस बार जांच मैं अगर रश्मि कुमार दोषी पाई जाती है तो उनके और से कठोर कार्रवाई की जाएगी अब देखने वाली बात होगी कि जांच में क्या मिलता है और क्या डॉक्टर रश्मि कुमार के ऊपर कार्रवाई होती है या नहीं

बाईट - दिनेश यादव पीड़िता का पति

बाईट- डॉक्टर आर एस सिंह सीएमएचओ जिला चिकित्सालय सूरजपुर
Last Updated : Aug 28, 2019, 10:02 PM IST
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