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सूरजपुर: प्ले स्कूल जैसा पहला मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र, बच्चों का इंतजार

सूरजपुर जिले में पहला मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाया गया है. इस आंगनबाड़ी में बच्चों को पढ़ाने के लिए रचनात्मक तकनीक अपनाई गई है. यह मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र शहरी क्षेत्र के किसी प्ले स्कूल से कम नहीं है.

model anganbadi center
सूरजपुर का पहला मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र
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Published : Jun 20, 2020, 12:53 PM IST

Updated : Jun 20, 2020, 4:25 PM IST

सूरजपुर: आंगनबाड़ी की बात करते ही हमारे दिमाग में जो पहली तस्वीर सामने आती है वो है जर्जर भवन, खस्ताहाल व्यवस्था. लेकिन जिले के पहले मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र देखकर आपकी सोच बिल्कुल बदल जाएगी. इस आंगनबाड़ी केंद्र को देख बस यही लगेगा जैसे ये शहर को कोई प्ले स्कूल हो. लॉकडाउन की वजह से इस केंद्र को बच्चों का इंतजार है.

देखें सूरजपुर जिला का पहला मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र

सूरजपुर जिले में अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत खराब है. बच्चों के लिए प्रारंभिक शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन एक अच्छी पहल के साथ सामने आ रहा है. रामानुजनगर ग्राम पंचायत में जिले का पहला मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाया गया है.

मनरेगा के तहत बनाया गया आंगनबाड़ी केंद्र

रामानुजनगर ग्राम पंचायत में बना ये आंगनबाड़ी केंद्र शहरी क्षेत्र के किसी भी आधुनिक प्ले स्कूल से कम नहीं है. जिला पंचायत सीईओ आकाश छिकारा के मार्गदर्शन में मनरेगा के तहत इस नए आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण कराया गया है. इस भवन में रचनात्मक और मनोरंजक चीजें बनाई गई है जिससे छोटे-छोटे बच्चे पढ़ाई में रुचि ले सकें.

decoratives on walls
दीवारों पर कलाकृतियां

पढ़ें- सीएम ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के काम को सराहा, कोरोना को लेकर दिए जरूरी निर्देश

बच्चों को पढ़ाने के लिए अपनाई गई है नई तकनीक

मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों के शैक्षणिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान साबित हो रहा है. आगंनबाड़ी के दीवारों और बाहरी परिसर में कलाकृतियां की गई हैं. जिसमें अक्षर लिखे गए हैं, जानवरों के चित्र बने हैं, अंक लिखे गए हैं. छात्र अलग-अलग रंग पहचान सके इसके लिए दीवारों में इंद्रधनुष बनाया गया है. इसी तरह छात्रों को पढ़ाने के लिए अनेक तरह की कलाकृतियां दिवारों पर की गई हैं जिससे बच्चों को प्रारंभिक स्तर पर समझ हो सके.

word knowledge
अक्षर ज्ञान

आदिवासी अंचलों में बढ़ेगी शिक्षा की गुणवत्ता

जिला प्रशासन सुदूर ग्रामीण आदिवासी अंचलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है. वहीं जिला पंचायत सीईओ आकाश छिकारा ने बताया कि मनरेगा के तहत जिले में पहला मॉडल आंगनाबाड़ी केंद्र बनाया गया है जो एक यह एक प्रयोग है. अब जिले में हर नए आंगनबाड़ी केंद्र इसी तरह बनाए जाएंगे जिससे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ सके.

बहरहाल नव पदस्थ सीईओ ने जिले में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सराहनीय पहल की है. अब देखने वाली बात होगी की इस पहल को पूरे जिले में कब तक जमीनी स्वरुप दिया जा सकेगा.

सूरजपुर: आंगनबाड़ी की बात करते ही हमारे दिमाग में जो पहली तस्वीर सामने आती है वो है जर्जर भवन, खस्ताहाल व्यवस्था. लेकिन जिले के पहले मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र देखकर आपकी सोच बिल्कुल बदल जाएगी. इस आंगनबाड़ी केंद्र को देख बस यही लगेगा जैसे ये शहर को कोई प्ले स्कूल हो. लॉकडाउन की वजह से इस केंद्र को बच्चों का इंतजार है.

देखें सूरजपुर जिला का पहला मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र

सूरजपुर जिले में अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत खराब है. बच्चों के लिए प्रारंभिक शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन एक अच्छी पहल के साथ सामने आ रहा है. रामानुजनगर ग्राम पंचायत में जिले का पहला मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाया गया है.

मनरेगा के तहत बनाया गया आंगनबाड़ी केंद्र

रामानुजनगर ग्राम पंचायत में बना ये आंगनबाड़ी केंद्र शहरी क्षेत्र के किसी भी आधुनिक प्ले स्कूल से कम नहीं है. जिला पंचायत सीईओ आकाश छिकारा के मार्गदर्शन में मनरेगा के तहत इस नए आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण कराया गया है. इस भवन में रचनात्मक और मनोरंजक चीजें बनाई गई है जिससे छोटे-छोटे बच्चे पढ़ाई में रुचि ले सकें.

decoratives on walls
दीवारों पर कलाकृतियां

पढ़ें- सीएम ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के काम को सराहा, कोरोना को लेकर दिए जरूरी निर्देश

बच्चों को पढ़ाने के लिए अपनाई गई है नई तकनीक

मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों के शैक्षणिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान साबित हो रहा है. आगंनबाड़ी के दीवारों और बाहरी परिसर में कलाकृतियां की गई हैं. जिसमें अक्षर लिखे गए हैं, जानवरों के चित्र बने हैं, अंक लिखे गए हैं. छात्र अलग-अलग रंग पहचान सके इसके लिए दीवारों में इंद्रधनुष बनाया गया है. इसी तरह छात्रों को पढ़ाने के लिए अनेक तरह की कलाकृतियां दिवारों पर की गई हैं जिससे बच्चों को प्रारंभिक स्तर पर समझ हो सके.

word knowledge
अक्षर ज्ञान

आदिवासी अंचलों में बढ़ेगी शिक्षा की गुणवत्ता

जिला प्रशासन सुदूर ग्रामीण आदिवासी अंचलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है. वहीं जिला पंचायत सीईओ आकाश छिकारा ने बताया कि मनरेगा के तहत जिले में पहला मॉडल आंगनाबाड़ी केंद्र बनाया गया है जो एक यह एक प्रयोग है. अब जिले में हर नए आंगनबाड़ी केंद्र इसी तरह बनाए जाएंगे जिससे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ सके.

बहरहाल नव पदस्थ सीईओ ने जिले में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सराहनीय पहल की है. अब देखने वाली बात होगी की इस पहल को पूरे जिले में कब तक जमीनी स्वरुप दिया जा सकेगा.

Last Updated : Jun 20, 2020, 4:25 PM IST
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