धमतरी : प्रदेश के धमतरी जिले की सड़कें हादसों के चलते बदनाम हो चुकी हैं. हालांकि, अब धमतरी में बाईपास भी बन चुका है. दो लेन की सड़कें अब 4 लेन हो चुकी है. फिर भी नेशनल हाइवे 30 पर हादसों का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है.
नहीं थम रहा हादसों का सिलसिला : धमतरी से होकर गुजरने वाले एनएच 30 पर बने बाईपास में बीते एक सप्ताह के भीतर कई दर्दनाक हादसे हुए हैं. भाठागांव के पास एक युवती टिप्पर में दब गई, जिससे उसकी मौत हो गई. सेहरा डबरी के पास एक पुलिस आरक्षक का टैंकर की ठोकर से सर कुचला गया. धमतरी बाईपास पर एक तेज रफ्तार कार ओवर ब्रिज से नीचे गिर गई, जिसमें दो व्यापारी घायल हुए और अभी भी आईसीयू में भर्ती हैं. इसी तरह सड़क हादसों और उसमें जान गंवाने वालों का एक सिलसिला चल पड़ा है.
सड़क हादसों से परेशान होकर धमतरी की जनता करीब 30 साल से एक बाईपास की मांग कर रही थी, जो अब पूरी हुई है. नेशनल हाइवे 30 में धमतरी से रायपुर और धमतरी से कांकेर के बीच 4 लेन सड़क बनाई गई है. फिर भी हादसे थमते नहीं दिख रहे हैं, जो चिंता का विषय है : सूरज तिवारी, स्थानीय
धमतरी में सड़क हादसों के आंकड़े : सड़क हादसों के आंकड़ों के मुताबिक गौर करें तो 2023 में कुल 337 सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें 168 की मौत हुई और 158 घायल हुए. वहीं, 2024 में अब तक कुल 325 हादसे हुए है, जिनमें 150 की मौत हुई और 160 घायल हुए. इस लिहाज से हादसों में सिर्फ 4 फीसदी की कमी, मौत में 11 फीसदी की कमी और घायलों में 2 फीसदी का इजाफा हुआ है. इस लिहाज से अभी भी धमतरी की सड़कों पर सफर सुरक्षित नहीं है.
ओवर स्पीडिंग और नशे की वजह से ज्यादातर हादसे हो रहे हैं. गाड़ी चलाते समय बेहद सावधानी रखना जरूरी है : मणिशंकर चंद्रा, डीएसपी, यातायात
बाइपास बना, लेकिन हादसे नहीं थमे : स्थानीय लोगों ने भी कहा कि धमतरी में सड़क हादसे कम हो इसके लिए पिछले कई वर्षों तक जन आंदोलन किया गया था. बाईपास और फोरलेन सड़क बन तो गए, लेकिन सड़क हादसे थम नहीं रहे है. ओव्हर स्पीड, नशे में गाड़ी और बगैर नियमों की जानकारी के लोग गाड़ी दौड़ा रहे हैं. खासकर के नाबालिग बच्चो को भी गाड़ी दे दिया जाता है. इस पर शासन प्रशासन को ध्यान देने की बेहद जरूरी है.