सूरजपुर: शासन की ओर से पशुओं की सुरक्षा के लिए अभियान चलाए जा रहे है. वहीं जिले में पशु चिकित्सालय का हाल बेहाल है. पशु चिकित्सकों की कमी के कारण कई चिकित्सालय बंद पड़े हैं. किसानों को मवेशियों के इलाज के लिए काफी मशक्कत करना पड़ता है.
जिले में लाखों रुपए खर्च कर पशु औषधालय तैयार किया गया है, लेकिन चिकित्सक और कर्मचारियों की कमी से इन औषधालयों में ताला लटका रहता है. जिले में पशु चिकित्सकों के लिए 25 पद हैं. इसमें केवल 12 पदों पर भर्ती की गई है. 13 पद अब भी खाली पडे़ है. इसके साथ ही जिले के पशु औषधालयों में 79 पदों में केवल 34 कर्मचारी ही कार्य कर रहे हैं. 45 पद रिक्त हैं. हजारों किसानों के मवेशियों की जिम्मेदारी 5% से कम चिकित्सक और कर्मचारियों के भरोसे ही संचालित हो रही है. विभाग के अधिकारी लंबे समय से नई नियुक्तियां करने की गुहार लगा रहे है, लेकिन रिक्त पड़े पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हो पाई है.
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पशु चिकित्सकों की समस्या का होगा निराकरण
ग्रामीण अंचलों में किसानों की आय का प्रमुख साधन पशुपालन है. ऐसे में पशुओं को बीमार पड़ने पर किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शासन-प्रशासन की उदासीनता के कारण अब तक चिकित्सों की नियुक्तियां नहीं हो पाई है. पशु विभाग के उपसंचालक नरेंद्र सिंह ने बताया कि शासन स्तर पर रिक्त पदों की भर्ती के लिए प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही पशु चिकित्सकों की समस्या का निराकरण कर लिया जाएगा.